Tuesday, 4 July 2017

रायपुर : सहकारिता मंत्री से जनप्रतिनिधियों ने की मुलाकात

रायपुर, 04 जुलाई 2017


पर्यटन, संस्कृति एवं सहकारिता मंत्री श्री दयालदास बघेल से आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मिलकर क्षेत्र के विकास कार्य एवं समस्याओं के संबंध चर्चा की। श्री बघेल से नगरी सिंहावा के विधायक श्री मोहन मरकाम, खाद्य आयोग सदस्य श्रीमती विद्या सिदार ने मुलाकात की। इसी तरह से गन्ना उत्पादक संघ जिला बालोद के अध्यक्ष श्री छगन देशमुख ने गन्ना किसानों को बोनस के संबंध में बात की। युवा तेलगु समाज भिलाई के अध्यक्ष श्री अप्पा राव ने संास्कृतिक कार्यक्रम के लिए मुलाकात की। इसी तरह सहकारिता विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने विभागीय काम-काज के संबंध में सहकारिता मंत्री विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।  

क्रमांक-1444/चौधरी

रायपुर : खाद्य मंत्री श्री मोहले ने की विभागीय काम-काज की समीक्षा

    रायपुर, 04 जुलाई 2017


खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के नौ शहरी क्षेत्रों - रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और धमतरी में एक जुलाई से शुरू किए गए कोर पी.डी.एस. - मेरी मर्जी योजना के क्रियान्वयन की सतत मॉनिटरिंग करने, खुली निविदा बुलाकर शक्कर की आपूर्ति सुनिश्चित करने,  राईस मिलरों द्वारा इस महीने की 21 तारीख तक अनिवार्य रूप से मिलिंग का चावल जमा कराने, राईस मिलरों और सहकारी समितियों के संचालकों की बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करने, राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रसोई गैस सिलेण्डर रिफलिंग केंद्र खोलने  के संबंध में निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। बैठक में सचिव खाद्य श्रीमती ऋचा शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत विगत एक जुलाई से राज्य के पांच शहरी क्षेत्रों की 484 राशन दुकानों में कोर पी.डी.एस. व्यवस्था लागू की गई है। इसे राशन कार्डधारकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत राशन सामग्री का ऑन लाईन वितरण किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में इन क्षेत्रों के 35 हजार से ज्यादा राशन कार्ड धारकों को इसके तहत राशन वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीण दूरस्थ क्षेत्रों में केन्द्र सरकार द्वारा 98 नये रिफिलिंग केन्द्र की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि तेरह और केन्द्रों के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। बैठक में संयुत सचिव खाद्य श्री जी.एस. सिकरवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

क्रमांक-1446/काशी

   

Monday, 3 July 2017

GST gets good response in Chhattisgarh – Dr Raman Singh : Chhattisgarh CM meets Union Finance Minister, explains action plan for GST implementation

Union Finance Minister Arun Jaitley to visit Chhattisgarh on July 9 to take part in GST conference 
Raipur,  July 3, 2017

Chhattisgarh Chief Minister Dr Raman Singh today said traders, business institutions and people of the state have shown positive response towards the new tax system and have generally begun to accept the implementation of Goods and Services Tax (GST).
The chief minister gave the information to Mr Jaitley during a meeting with him at Finance ministry here. The chief minister also invited the finance minister to take part in a detailed conference and training session on GST in Raipur on July 9, 2017. To which, the Union minister agreed to attend the conference.
The Chief Minister gave a detailed information to the finance minister on the training and future plan related to GST. He said that the state government will be organizing more than 500 workshops at development block level in the month of July. Book keepers, accountants and operators of common service centers will be given training about GST in these workshops. He said chartered accountants, business unions, tax consultants will also be a part of this workshop.
The chief minister informed the finance minister that 92 per cent of the total registered businessmen in the state have already registered under GST. Most of them have been given information regarding provisions of GST. He added that GST Act and rules in simple language have also been made available to the public through brochures, pamphlets, PPT, FAQ, Twitter, Facebook and various other means. A system is being developed to solve the problems and queries of businessmen.   
Sr.No./1440-E

छत्तीसगढ़ में जीएसटी को मिला बेहतर प्रतिसाद: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिलकर उन्हें राज्य में जीएसटी अमल की कार्ययोजना की जानकारी दी

जीएसटी पर रायपुर में 09 जुलाई को सम्मेलन: श्री अरूण जेटली आयेंगे 
 
रायपुर, 03 जुलाई 2017
 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि एक जुलाई से लागू गुडस और सर्विसेस टेक्स (जीएसटी) पर छत्तीसगढ़ की जनता और व्यावसायिक संस्थानों ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए इसे तेजी से अपनाना शुरू कर दिया है । मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली को नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय में हुई मुलाकात के दौरान दी । मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को 9 जुलाई को रायपुर में जीएसटी पर आयोजित वृहद सम्मेलन और प्रशिक्षण सत्र के लिए आमंत्रित किया । केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इस सम्मेलन में आने के लिए सहर्ष स्वीकृति भी प्रदान की । 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को छत्तीसगढ़ में जीएसटी के प्रशिक्षण और भावी योजना के बारे में विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि हम जुलाई माह में विकासखंड स्तर तक 500 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित कर रहे है । जिनमें ब्लॉक स्तर पर मुनीम , अकाउण्टेंट तथा कॉमन सर्विस सेंटर के आपरेटर को प्रशिक्षण दिया जायेगा । उन्होंने बताया की इन प्रशिक्षण केन्द्रों में स्थानीय स्तर पर व्यावसायिक संघों, चार्टर्ड अकाउण्टेंट, कर सलाहकार को भी सम्मिलित किया जायेगा । 
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि राज्य में कुल पंजीकृत व्यवसायियों के लगभग 92 प्रतिशत व्यवसायियों ने जीएसटी में पंजीकरण करा लिया है । इनमें से अधिकांश को जीएसटी के प्रावधानों की जानकारी भी दी जा चुकी है । उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए जीएसटी एक्ट और नियम की सरल भाषा में जानकारी के लिए ब्रोशर , पम्पलेट , पीपीटी , एफएक्यू , टवीटर , फेसबुक और अन्य माध्यमों से उपलब्ध करायी जा रही है। व्यवसासियों की शंका के समाधान के लिए भी तंत्र विकसित किया गया है । 
 
क्रमांक-1440/सीआईसी

लोक निर्माण मंत्री ने रायपुर शहर में निर्माणाधीन कार्यो का किया निरीक्षण : कार्यो में गति लाने अधिकारी मौका का करें सतत निरीक्षण: श्री मूणत

रायपुर, 03 जुलाई 2017


लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत ने आज नया रायपुर सहित राजधानी का भ्रमण किया और यहां विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यो का मौके पर जाकर सघन निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यो में तेजी लाने के लिए विभाग के उप अभियंता से लेकर प्रमुख अभियंता को मौका निरीक्षण के लिए सख्त निर्देश दिए। श्री मूणत ने इनमें राजधानी रायपुर में विभिन्न कार्यो स्काई वॉक तथा कोटा स्टेडियम, रेल्वे अण्डर ब्रिज गोगांव सहित विभिन्न मार्गो का चौड़ीकरण और नया रायपुर में लोक निर्माण के विभागाध्यक्ष भवन की प्रगति की जानकारी ली।
श्री मूणत ने रायपुर शहर में निर्माणाधीन रेल्वे ओव्हर तथा अण्डर ब्रिज और सड़कों के चौड़ीकरण में धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने इनमें खासकर शंकर नगर रेल्वे ओव्हर ब्रिज, गोगांव रेल्वे अण्डर ब्रिज, काशीराम नगर फ्लाई ओव्हर, रामनगर कोटा नगर और गुढ़ियारी-गोंदवारा मार्ग, आमापारा से गुढ़ियारी मार्ग के चौड़ीकरण में अपेक्षित गति लाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
श्री मूणत ने आज सबसे पहले रायपुर शहर के शास्त्री चौक पर स्काई वॉक के निर्माण का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण के दौरान यातायात किसी तरह बाधित ना हो, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने स्काई वॉक निर्माण में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के लिए हमेशा एक उप अभियंता की ड्यूटी लगाने के भी निर्देश दिए। आम जनता की सुविधा और सुगम यातायात के लिए शास्त्री चौक पर शास्त्री चौक से जिला एवं सत्र न्यायालय भवन की ओर, कलेक्टर कार्यालय की ओर, घड़ी चौक की ओर, डी के अस्पताल, मोतीबाग चौक की ओर तथा अम्बेडकर अस्पताल की ओर स्काई वॉक का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल लम्बाई एक हजार 495 मीटर है। इसके निर्माण में 45 करोड़ 81 लाख रूपए की लागत आएगी।
श्री मूणत ने आगे कोटा स्टेडियम में निर्माणाधीन कार्यो का निरीक्षण किया। यह कार्य आगामी 30 सितम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। राजधानी रायपुर में खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए कोटा में स्थित पुराने स्टेडियम को एथलेटिक खेलों की सुविधा के लिए विस्तार कार्य किया जा रहा है। इससे स्टेडियम में दौड़, बाधादौड़ के लिए एथलेटिक ट्रैक की सुविधा के साथ-साथ लंबी कूद, ऊंची कूद, भाला फेक, गोला फेक, चक्र फेक आदि खेलों के लिए भी ट्रैक फिल्ड की व्यवस्था हो जाएगी। कोटा स्टेडियम में 400 मीटर 8-लेन का सिंथेटिक ट्रैक निर्माण तथा पेवेलियन भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा दो नग बैडमिंटन कोर्ट और एक नग फुटबाल मैदान का निर्माण किया जा रहा है।
श्री मूणत ने आज नया रायपुर स्थित सेक्टर 19 में लोक निर्माण के निर्माणाधीन विभागध्यक्ष भवन का भी निरीक्षण किया। लगभग साढ़े 21 करोड़ रूपए की लागत से बनाए जा रहे विभागध्यक्ष भवन का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सड़क विकास प्राधिकरण के प्रबंध संचालक श्री अनिल राय और लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
 
क्रमांक-1438/प्रेमलाल

राज्यपाल और प्रथम महिला से प्रजापति महासंघ के प्रतिनिधिमण्डल ने की सौजन्य भेंट

रायपुर 03 जुलाई 2017

राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन एवं प्रथम महिला श्रीमती बृजपाल कौर से आज यहां राजभवन में अखिल भारतीय प्रजापति महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती शीला प्रजापति ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर अखिल भारतीय प्रजापति महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल और प्रथम महिला का परम्परागत ढंग से सम्मान किया।

श्रीमती प्रजापति ने बताया कि संगठन द्वारा समाज सेवा का कार्य किया जाता है, जिसकी प्रथम महिला ने सराहना की। प्रतिनिधि मंडल ने श्रीमती टंडन को संतवाणी पुस्तक भेंट की। इस मौके पर श्री ओम प्रकाश प्रजापति, श्रीमती लीला प्रजापति एवं श्री भैरव लालजी भी उपस्थित थे।

क्रमांक:- 1437/हर्षा

मंत्रिपरिषद की बैठक 11 जुलाई को

रायपुर, 03 जुलाई 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक 11 जुलाई मंगलवार को सवेरे 11.30 बजे मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित होगी।

क्रमांक-1435 /सुदेश

तपेदिक मरीजों को पौष्टिक आहार देने के लिए योजना शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश में पहला राज्य : स्वास्थ्य मंत्री श्री चन्द्राकर ने ‘मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना’ का किया शुभारंभ


रायपुर, 03 जुलाई 2017

 स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम भवन में ‘मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना’ का शुभारंभ किया। क्षय (तपेदिक) रोगियों को पौष्टिक आहार देने के लिए यह योजना प्रारंभ की जा रही है। यह योजना शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश में प्रथम राज्य है। श्री चन्द्राकर ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सोच है कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ और निरोगी रहे। राज्य सरकार प्रदेश के अंतिम छोर तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों को बीमारियों के प्रति संकोच नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे लड़ना चाहिए, तभी सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योजनाएं बनाकर अधिक सजकता के साथ काम कर सकेगी।
    श्री चन्द्राकर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस मौके पर श्री चन्द्राकर ने क्षय रोग से पीड़ित श्री योगेन्द्र चौहान, श्री कोमल पाल, श्री आजम अहमद और श्री शिवेश सिंह को न्यूट्रिशियन पैकेट प्रदान किया। टीबी (क्षय रोग) के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए डॉ. योगेश जैन और डॉ. प्रबीर चटर्जी को भी सम्मानित किया और 102 महतारी एक्प्रेस के वाहन चालक श्री उत्तम कुमार साहू का ड्यूटी के दौरान सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उनके परिजनों को दस लाख रूपए का चेक भी प्रदान किया। श्री चन्द्राकर ने कहा कि क्षय रोगियों के निःशुल्क जांच और उपचार के लिए पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम लागू किया गया है। डॉट्स पद्धति क्षय रोग (टी.बी.) के उपचार में कारगर साबित हुआ है। टीबी से पीड़ित मरीजों के बेहतर पोषण के लिए राज्य सरकार अभिनव पहल करते हुए मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना प्रदेश में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता का परिणाम है कि वर्तमान में एक लाख में से 142 लोग जांच और उपचार करा रहे हैं।
 
    स्वास्थ्य आयुक्त एवं संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री आर. प्रसन्ना ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि क्षय संक्रामक बीमारी है जो मूलतः कुपोषित मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने के कारण अधिक होती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रत्येक क्षय रोगी का निःशुल्क पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। इस पोषण आहार देने का मुख्य उद्देश्य क्षय के मरीजों को पूरक पोषण प्रदान करना, क्षय के मरीजों को नियमित एवं पूर्ण उपचार कराने के प्रोत्साहित करना तथा सभी क्षय रोगियों में आरोग्य दर में वृद्धि करना। योजना का लाभ लेने के लिए सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थान में पंजीकृत रोगियों को पोषण आहार दिया जाएगा। नये क्षय रोगियों को 6 माह, पूर्व में उपचार प्राप्त कर चुके क्षय रोगियों को 8 माह तथा ड्रग रेजिस्टेंट क्षय रोगियों को 24 माह तक प्रोटीन एवं वसायुक्त पौष्टिक आहार नियमित रूप से प्रत्येक माह दिया जाएगा। खाद्य सामग्री में एक लीटर सोयाबीन तेल, डेढ़ किलो मूंगफली दाना एवं एक किलो दूध पाउडर प्रति माह फूड बॉस्केट के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। खाद्य सामग्री का वितरण जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर से किया जायेगा। श्री प्रसन्ना ने बताया कि वर्तमान में राज्य में ड्रग रेजिस्टेंट टी.बी. के लगभग 744 मरीज, साधारण टी.बी. रोगियों की संख्या 30573 है। जिनका उपचार, इंटरमिटेंट डॉट्स के माध्यम किया जा रहा है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव श्री अनिल साहू, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, संचालक महामारी श्री आर.आर. साहनी, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन कम्पनी श्री एन.टी. रामाराव सहित संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।
  मुख्यमंत्री क्षय पोषण योजना के शुभारंभ समारोह को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि टी.बी. (क्षय रोग) के मरीजों की कमजोरी केवल टी.बी. बीमारी ही नहीं होती, बल्कि न्यूट्रिशियन, प्रोटीन आदि अन्य चीज भी होते हैं। टी. बी. मरीज को आराम के साथ-साथ पर्याप्त न्यूट्रिशियन की भी जरूरत होती है। बहुत से मरीज कमजोर आर्थिक स्थिति होने के कारण न्यूट्रिशियन की पर्याप्त मात्रा नहीं ले पाते इसके लिए राज्य सरकार अभिनव पहल करते हुए यह योजना शुरू कर रही है।   
क्रमांक-1439/ओम



स्कूली छात्रा के शव को ठेले में ले जाने की घटना : मुख्यमंत्री ने अत्यंत गंभीरता से लिया​ : अस्पताल की व्यवस्था में आवश्यक सुधार के निर्देश

रायपुर, 03 जुलाई 2017

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन  सिंह ने राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सरकारी शव वाहन नहीं मिलने पर एक स्कूली छात्रा के शव को उसके पिता द्वारा ठेले में बस स्टैंड तक ले जाने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने राजनांदगांव जिला प्रशासन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था की समीक्षा करने और आवश्यक सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। डॉ. सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा मुक्तांजलि योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत सरकारी अस्पतालों को 60 शव वाहन भी दिए गए हैं, ताकि दिवंगतों के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके घरों तक निःशुल्क पहुंचाया जा सके। इसके अलावा शासकीय जिला अस्पतालों और  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जनभागीदारी से जीवन दीप समितियां भी कार्यरत हैं। समितियों के माध्यम से मरीजों को जरूरी बुनियादी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध करायी जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और वहां के प्रबंधन के कार्यों की नियमित समीक्षा करने तथा जीवन दीप समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं। मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव की घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने स्थानीय एस.डी.एम. को प्रकरण की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं का लगातार ध्यान रखने के लिए एक डिप्टी कलेक्टर की भी ड्यूटी लगाई है। 

क्रमांक-1431/स्वराज्य

रायपुर : सचिव ने किया संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय का निरीक्षण

रायपुर, 03 जुलाई 2017


राज्य शासन के पर्यटन, संस्कृति और पुरात्व विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने आज यहां संस्कृति एवं पुरातत्व संचालनालय का निरीक्षण किया। उन्होंने संचालनालय परिसर में स्थित महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय, गढ़ कलेवा, गढ़ हटरी और संचालनालय की शाखाओं में पहुंचकर वहां पर कामकाज की जानकारी ली। इस अवसर पर संचालनालय के अधिकारी मौजूद थे। 
सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने निरीक्षण के दौरान महंत घासीदास संग्रहालय में रखी गई महत्वपूर्ण पुरातत्वीय महत्व की मूर्तियों, कला कृतियों और महत्वपूर्ण चीजों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। श्रीमती सिंह ने संग्रहालय की साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इसी प्रकार से संग्रहालय परिसर में संचालित छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के बिक्री केन्द्र गढ़कलेवा का भी निरीक्षण किया। गढ़कलेवा संचालित करने वाली मोनिषा महिला स्व सहायता समूह की संचालिका श्रीमती सरिता शर्मा से जानकारी ली। श्रीमती सिंह ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गढ़कलेवा में पॉलीथिन का उपयोग नहीं किया जाए। उन्होंने वहां पर बैठने के लिए बांस से बनी कुर्सियां की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। गढ़कलेवा में साफ-सफाई रखने पर विशेष जोर दिया। परिसर में स्थित गढ़ हटरी में निरीक्षण के दौरान पर्यटन विभाग के सूचना केन्द्र का भी निरीक्षण किया। कला, पुरातत्व विक्रय केन्द्र का निरीक्षण करते हुए कला कृतियों के बिक्री की भी उन्होंने जानकारी ली। संस्कृति सचिव ने अधिकारियों से कहा कि राज्य की विभिन्न ऐतिहासिक एवं पुरातत्व के महत्व के स्थानों के बारे साहित्य तैयार करने में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग का भी सहयोग लिया जाए। संस्कृति सचिव ने हमर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत अध्ययन भ्रमण पर आने वाले पंचायत एवं सहकारिता के प्रतिनिधियों को संग्रहालय का अवलोकन कराने कहा और राज्य के विभिन्न पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक महत्वपूर्ण स्थलों, कलाकृतियों की वीडियो क्लीपिंग तैयार कर हमर छत्तीसगढ़ परिसर में प्रतिनिधियों को दिखाने के भी निर्देश दिए। संचालनालय परिसर में स्कूली छात्र-छात्राओं का वर्कशॉप आयोजित कर पुरात्वत्व, संस्कृति का महत्वपूर्ण जानकारी देने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर संस्कृति संचालक श्री आशुतोष मिश्रा, उप संचालक राहुल सिंह, श्री प्रताप पारख सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

क्रमांक-1433/चौधरी

रायपुर : कार्यभारित और आकस्मिकता से वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 लागू : वित्त विभाग द्वारा परिपत्र जारी

रायपुर, 03 जुलाई 2017

राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ कार्यभारित तथा आकस्मिकता से वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2016 से लागू वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 में नियत वेतन संरचना के अंतर्गत वेतन निर्धारण के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए है। वित्त विभाग ने इस संबंध में विगत एक जुलाई को मंत्रालय (महानदी भवन) से अध्यक्ष राजस्व मण्डल बिलासपुर सहित सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ कार्यभारित तथा आकस्मिकता से वेतन पाने वाले कर्मचारी वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अंतर्गत नियमित वेतन का भुगतान माह जुलाई 2017 का वेतन (अगस्त 2017 को देय) से प्रारंभ किया जाएगा और एक जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक के बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में पृथक से निर्णय लिया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश वित्त विभाग की वेबसाइट www.cgfinance.nic.in (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटसीजीफाइनेंशडाटएनआईसीडाटइन) पर अपलोड कर दिया गया है। 

क्रमांक-1434/काशी

Case of carrying school student's dead body on push cart : Chief Minister takes matter into serious consideration

Instructions to make necessary improvements in the system of hospital
Raipur, 3 July 2017
Chief Minister Dr Raman Singh has seriously considered the incident of father carrying his daughter's dead body on push cart to bus stand, as medical college hospital of Rajnandgaon fails to provide hearse. He directed the Rajnandgaon district administration to review the system of medical college hospital and make necessary improvements in the facilities. Dr Singh said that Dr Singh has initiated Muktanjali scheme, under which government hospitals have been allotted 60 hearse ambulances, so that the dead bodies can be respectfully transported to their houses free of cost. Besides, Jeevan Deep committees have also been engaged with public participation in government district hospitals and community health centres. Patients are provided basic facilities through these committees. Chief Minister has also directed all the district collectors to regularly review the work and management of government hospitals, and also to ensure that the meetings of jeevan deep committees are regularly organized. Taking the matter into serious consideration immediately, Collector of Rajnandgaon called meeting of the officials concerned. He ordered SDM to ensure detailed investigation of the matter and appointed a deputy collector to continuously monitor the quality of services provided at medical college 
hospital.
number-1431/Swarajya/Sana

34, 000 differently-abled students to benefit from enhanced scholarships : New slabs declared first time after formation of State

 Social Welfare Department issues new guidelines                            
Raipur, 03 July 2017

The State Social Welfare Department officials announced the new scholarships slabs for differently able students on the directives of Chief Minister Dr. Raman Singh. The new plan includes the State and Central Government scholarships. About 34 thousand students from Standard-1 to Standard -XII will benefit from the new scholarships. This is the first time after the formation of Chhattisgarh that new slabs of scholarships were declared.  The students of Pre-Matric scholarships will be allotted to students of 9-10 standard under the Central Government plan and the Post-Matric students scholarship will be given to the students of 11-12 Standard. The Post-Matric Scholarships will be awarded to students of I.T.Is, Polytechnic college students of Diploma courses, medical colleges students, Technical education, graduation students of Arts, commerce and Science.
Chief Minister Dr. Raman Singh expressed his satisfaction for the Department's efforts to streamline and announce the new slabs of scholarships for physically handicapped students. The Social Welfare Department officials had decided to implement the new scholarships rates immediately. Social Welfare Department Minister Mrs. Ramsheela Sahu instructed the officials to implement it as soon as possible. Secretary of the Department Mr. Sonmani Bora said that this is the first time that new scholarships were being introduced after the formation of State 16 years ago. The Central Government is also sensitive to the needs of the deprived sections of the society.
Mr. Bora said that circulars had been issued to all the Department officials, District Collectors, Chief Executive Officers of District Panchayats, District Education Officers, officials of Nagar panchayats for prompt implementation. The officials said that the Chhattisgarh students should have 40 per cent or more disability, those who have passed their previous examination will get scholarships. Secretary Mr. Bora said that Central scholarships will be given for the entire duration of their courses. The students should apply Online. The website (www.sw.cg.gov.in). The student will get an ID which will be valid till the entire duration of their study.

1430/Swarajya/Pradeep

रायपुर : ग्रामीण क्षेत्रों की बैंक शाखाओं के लिए पर्याप्त नगदी उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्य सचिव द्वारा सभी कलेक्टरों और क्षेत्रीय बैंक प्रमुखों को परिपत्र जारी

रायपुर, 03 जुलाई 2017
मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने राज्य के सभी कलेक्टरों और सभी बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुखों को परिपत्र जारी कर ग्रामीण क्षेत्रों की बैंक शाखाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में नगदी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। परिपत्र में कहा है कि सभी कलेक्टर नियमित रूप से समीक्षा कर यह सुनिश्चित करें कि करेंसी चेस्टों में आवश्यकतानुसार नगदी ग्रामीण क्षेत्रों की बैंक शाखाओं में वितरित हो। साथ ही सभी बैंकों को निर्देश दिए है कि वे निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन करेंसी उपलब्धता और वितरण की स्थिति कलेक्टरों और राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति को उपलब्ध कराये, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नगदी वितरण की समीक्षा की जा सके।
परिपत्र में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन जनवरी 2017 को जारी परिपत्र के अनुसार न्यूनतम 40 प्रतिशत धन राशि करेंसी चेस्ट से ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक शाखाओं विशेषकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक तथा शेड्यूल कामर्शियल बैंक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि पिछले महीने 29 तारीख को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में बताया गया कि कुछ जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं मे नगदी की कमी के कारण शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब हो रहा है। इसके साथ ही लोगों को असुविधा होने की भी जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि राज्य स्तर पर करंेसी चेस्टों में नगदी की उपलब्धता संतोषप्रद है।

क्रमांक-1436/सुदेश

फोटो : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य विकास मंत्री श्री महेन्द्र पाण्डेय से सौजन्य मुलाकात की..

रायपुर, 03 जुलाई 2017


 छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन  सिंह ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन राज्य विकास मंत्री श्री महेन्द्र पाण्डेय से सौजन्य मुलाकात की।


मतदाता सूची के शुद्धिकरण एवं नये मतदाताओं के पंजीयन के लिए विशेष अभियान जारी : आगामी 31 जुलाई तक आयोजित अभियान में होगी कई गतिविधियां

रायपुर, 03 जुलाई 2017

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के शुद्धिकरण एवं पात्र नये मतदाताओं के पंजीयन के लिए विशेष अभियान चल रहा है। यह अभियान एक जुलाई से शुरू हो गया है और 31 जुलाई 2017 तक चलेगा। 
कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अभियान के दौरान मतदाता सूची से संबंधित अनेक गतिविधियां चलायी जाएंगी। बूथ लेबल अधिकारियों द्वारा 31 जुलाई तक अपने मतदान क्षेत्रों में घर-घर सर्वे कर आवेदकों से फार्म-6 जमा किया जाएगा।  विशेष रूप से 18 से 19 वर्ष आयु समूह (21 वर्ष की आयु) तक के छूट गए मतदाताओं (अपंजीकृत) को प्राथमिकता देते हुए फार्म-6 प्राप्त किए जाएंगे। 
आयोग के निर्देशानुसार राज्य में 09 जुलाई और 23 जुलाई 2017 को सभी मतदान केन्द्र स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। बूथ लेबल अधिकारियों के पास विशेष शिविर के दिन अर्हता तिथि एक जनवरी 2017 के संदर्भ में प्रकाशित मूल मतदाता सूची, अनुपूरक सूची सहित सभी मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध रहेगी, जिसका बूथ लेबल अधिकारियों द्वारा वाचन किया जाएगा। इसी प्रकार 08 जुलाई एवं 22 जुलाई को शासकीय, अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं (स्कूल, कॉलेज, आई.टी.आई. बी.एड कॉलेज, नर्सिंग संस्थानों एवं पॉलीटेक्निक कॉलेजों) में शिविरों का आयोजन किया जाएगा। 
विशेष अभियान कार्यक्रम में मृत मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया में सक्षम प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र या मृतक के संबंधियों/पड़ोसियों की ओर से भरे गए फार्म-7 के आधार पर बूथ लेबल अधिकारियों की रिपोर्ट तथा इसी क्षेत्र में रहने वाले दो गवाहों के प्रमाण के आधार पर प्रक्रिया का पालन करते हुए अशुद्ध नामों को मतदाता सूची से विलोपित किया जाएगा। 
अधिकारियों ने बताया कि मतदाता अपना नाम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय छत्तीसगढ़ की वेबसाईट www.ceochhattisgarh.nic.in में खोज सकते हैं। इस संबंध में किसी भी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर में स्थापित राज्य सम्पर्क केन्द्र के टोल फ्री नम्बर-1950 पर कार्यालयीन समय में सम्पर्क किया जा सकता है।

क्रमांक-1432/राजेश

Sunday, 2 July 2017

करीब 34 हजार दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा : दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित

करीब 34 हजार दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा
दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार दिव्यांग बच्चों के लिए 
पहली बार तय की गई राज्य छात्रवृत्ति की नयी दरें
समाज कल्याण विभाग ने जारी किया आदेश 

रायपुर, 02 जुलाई 2017

 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना जारी कर दी है। इसमें राज्य और केन्द्र की छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित की गई हैं। प्रदेश के 34 हजार दिव्यांग विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। राज्य शासन द्वारा संचालित दिव्यांग
छात्रवृत्ति कक्षा पहली से बारहवीं तक के नियमित विद्यार्थियों को मिलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लगभग सोलह वर्ष बाद पहली बार नयी दरों का निर्धारण हुआ है। केन्द्रीय दिव्यांगजन छात्रवृत्ति के अंतर्गत प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को दी जाएगी, जबकि पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति 11वीं और 12वीं कक्षा के दिव्यांग विद्यार्थियों को सभी पोस्ट मेट्रिक स्तर के पाठ्यक्रमों में मिलेगी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) सहित पॉलिटेक्निक में तीन वर्ष के डिप्लोमा पाठ्यक्रम, चिकित्सा, तकनीकी शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रम, स्नातक स्तर के व्यासायिक पाठ्यक्रम, कला, वाणिज्य और विज्ञान के नियमित दिव्यांग विद्यार्थियों को भी पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति की नयी दरों के निर्धारण पर खुशी प्रकट है और उम्मीद जताई है कि अधिक से अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की  घोषणा के अनुरूप समाज कल्याण विभाग ने दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज यहां बताया कि नयी दरें राज्य निर्माण के बाद पहली बार निर्धारित की गई है। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने भी दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण से छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित की है।
श्री बोरा ने बताया कि प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को परिपत्र के रूप में आदेश जारी  कर दिया गया है। यह परिपत्र प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालकों और उप संचालकों, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों और प्रदेश के सभी नगर निगमों के आयुक्तों और नगर पालिका तथा नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी किया गया है।
परिपत्र में दिए गए निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ निवासी 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले विद्यार्थी, जो विगत परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हों, उन्हें इन छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिलेगा। प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदक के अभिभावक की अधिकतम वार्षिक आमदनी दो लाख रूपए और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदक के अभिभावक की अधिकतम वार्षिक आमदनी ढाई लाख रूपए होगी। पूर्व माध्यमिक स्तर की छात्रवृत्ति के लिए कोई आमदनी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। राज्य शासन द्वारा अथवा केन्द्रीय योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति एवं भत्ते की दरें समय-समय पर प्रशासकीय आदेशों के द्वारा निर्धारित की जाएगी। वर्तमान में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजना में प्राथमिक स्तर पर कक्षा पहली से पांचवीं तक 100 रूपए छात्रवृत्ति और 50 रूपए संधारण भत्ता मिलाकर कुल 150 रूपए हर महीने दिए जाएंगे। पूर्व माध्यमिक स्तर पर कक्षा 6वीं से 8वीं तक 120 रूपए की छात्रवृत्ति और 50 रूपए संधारण भत्ता मिलाकर 170 रूपए मासिक दिए जाएंगे। केन्द्रीय दिव्यांगजन छात्रवृत्ति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा विद्यार्थियों को सीधे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। इसके अंतर्गत कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को राज्य की दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना से अतिरिक्त छात्रवृत्ति दी जाएगी, जो राज्य की दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के मद से जारी होगी। केन्द्रीय योजना के तहत प्री-मेट्रिक दिव्यांग छात्रवृत्ति के अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को हर महीने केन्द्रीय सहायता के रूप में 350 रूपए और राज्य योजना से 190 रूपए इस प्रकार 540 रूपए मिलेंगे। छात्रावास में रहने वाले अंतःवासी विद्यार्थी को केन्द्रीय सहायता मद से 600 रूपए और राज्य योजना से 190 रूपए, इस प्रकार 790 रूपए मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी। पुस्तक और तदर्थ अनुदान 750 रूपए वार्षिक होगा। अंतःवासी विद्यार्थी को इस मद में एक हजार रूपए हर महीने दिए जाएंगे। दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को केन्द्र से 160 रूपए और राज्य से 100 रूपए हर महीने वाचक भत्ता भी मिलेगा। ऐसे दिव्यांग विद्यार्थी जो छात्रावास में नहीं रहते, उन्हें 160 रूपए मासिक परिवहन भत्ता दिया जाएगा। गंभीर दिव्यांग अर्थात 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा दिव्यांगता वाले दैनिक विद्यार्थियों को हर महीने 160 रूपए मासिक अनुरक्षक भत्ता दिया जाएगा। छात्रावासों में निवासरत, गंभीर अस्थि बाधित विद्यार्थियों को जिन्हें सहायता की जरूरत है, उनकों सहयोग प्रदान करने के लिए किसी सहायक को रखने पर 160 रूपए मासिक सहायक भत्ता दिया जाएगा। मानसिक रूप से अविकसित और मनोरोगी विद्यार्थियों को मासिक 240 रूपए का कोचिंग भत्ता भी मिलेगा। 
समाज कल्याण सचिव श्री बोरा ने बताया कि केन्द्रीय योजना के तहत पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति सम्पूर्ण पाठ्यक्रम अवधि में दी जाएगी। इसमें रखरखाव भत्ता, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रमों में अंतःवासी छात्रों के लिए 1200 रूपए और अन्य (दैनिक) के लिए 550 रूपए मासिक होगा। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत स्नातक, डिप्लोमा सर्टिफिकेट, बीफार्मा, एलएलबी, बीएफएस, पैरा मेडिकल आदि पाठ्यक्रमों में दैनिक छात्रों के लिए हर महीने 530 रूपए और छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए हर महीने 820 रूपए रखरखाव भत्ता दिया जाएगा। पोस्ट मेट्रिक स्तर के पाठ्यक्रमों में, जिनमें प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल पास निर्धारित है, जैसे आईटीआई पॉलिटेक्निक आदि, उनमें दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रावास में रहने पर 380 रूपए और गैर छात्रावासी होने पर 230 रूपए का मासिक रखरखाव भत्ता मिलेगा। यह भत्ता 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को छात्रावासी होने पर 190 रूपए और गैर छात्रावासी होने पर भी 190 रूपए राज्य योजना से हर महीने दिया जाएगा। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को मासिक 240 रूपए का वाचक भत्ता सभी पाठ्यक्रमों के लिए मिलेगा। गैर छात्रावासी दिव्यांग छात्र-छात्राओं को हर महीने 160 रूपए का परिवहन भत्ता दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के 19 जून के इस परिपत्र में छात्रवृत्ति और भत्तों के दरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन करना होगा। केन्द्रीय छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन का प्रारूप नेशनल ई-स्कॉलरशिप पोर्टल में और राज्य छात्रवृत्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएसडब्ल्यूडॉटसीजीडॉटजीओवीडॉटइन (www.sw.cg.gov.in) पर उपलब्ध है। इसमें विद्यार्थियों को एक आईडी मिलेगी, जो सम्पूर्ण शैक्षणिक अवधि के लिए मान्य होगी। आवेदन का हर साल नवीनिकरण किया जाएगा। कक्षा 9वीं और उससे उपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों को राज्य की अतिरिक्त सहायता के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। केन्द्रीय छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र पर ही इसे स्वतः आवेदित माना जाएगा। ऑनलाईन आवेदन नहीं कर पाने की स्थिति में आवश्यक अभिलेखों के साथ दिव्यांग विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्था में ऑफ लाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। संस्था प्रमुख प्रधान अध्यापक अथवा प्राचार्य का यह दायित्व होगा कि वे उनके ऑफ लाईन आवेदनों पर ऑनलाईन प्रविष्टि करें। 

   क्रमांक-1430/स्वराज्य

छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए 815 करोड़ से ज्यादा की पंचवर्षीय कार्य योजना : किसानों की आमदनी दोगुनी करने कई आकर्षक प्रावधान

मिल्क-रूट की तरह साग-सब्जी रूट भी विकसित किए जाएंगे
राज्य में उद्यानिकी फसलों का रकबा 7.47 लाख हेक्टेयर से
लगभग 12 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य
प्रदेश भर में खोले जाएंगे एक हजार कृषि यंत्र केन्द्र    
रायपुर, 02 जुलाई 2017
 उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देने और इन फसलों की खेती से जुड़े किसानों को बेहतर बाजार दिलाकर उनकी आमदनी दोगुनी करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। चालू वित्त्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक कार्य योजना के विभिन्न घटकों में लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए 815 करोड़ 59 लाख रूपए के प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। इसमें मिल्क-रूट की तरह साग-सब्जी रूट बनाने का भी प्रस्ताव है। रोड मैप के रूप में यह कार्य योजना वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए तैयार की गई है। कार्य योजना में कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। इसमें ग्राम समूहों (क्लस्टरों) समूहों का चयन कर साग-सब्जी रूट तैयार करने का भी लक्ष्य है। मिल्क-रूट में जिस प्रकार दूध उत्पादक किसानों से दूध संकलित किया जाता है, प्रत्येक साग-सब्जी रूट के गांवों के किसानों से भी उसी तर्ज पर उनकी उपज का संकलन कर बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर भारत में वर्ष 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर को ध्यान में रखकर सभी राज्यों को वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी डबल करने का लक्ष्य दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए रोड मैप तैयार कर उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि वर्ष 2022 तक प्रदेश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा हम करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस रोड मैप में बस्तर और सरगुजा संभाग को जैविक खेती के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित करने का भी लक्ष्य घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के किसान खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर सकें इस उद्देश्य से कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने एक हजार कृषि यंत्र सेवा केन्द्र भी स्थापित किए जाएंगे।
 कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल इस पंचवर्षीय रोड मैप में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन और सम्बद्ध विभागों को दिए गए विभागवार लक्ष्यों के अनुरूप प्रदेश में चल रही गतिविधियों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में विभागीय अधिकारियों ने आज बताया कि राज्य में वर्ष 2004-05 से 2016-17 तक तेरह वर्षो में उद्यानिकी फसलों का रकबा 2.71 गुना बढ़कर सात लाख 41 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कार्य योजना में इसे वर्ष 2021-22 तक ग्यारह लाख 93 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में दो लाख 25 हजार हेक्टेयर में फलों की खेती हो रही है, इसे वर्ष 2022 तक छह लाख 62 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान राज्य में सब्जियों की खेती के रकबे को चार लाख 14 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर छह लाख 67 हजार हेक्टेयर तक, मसालों की खेती को 91 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख 46 हजार हेक्टेयर और फूलों की खेती को 11 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 18 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
राज्य में आज की स्थिति में उद्यानिकी फसलों की पैदावार लगभग 86 लाख मीटरिक टन है। इसे पांच वर्ष के भीतर और भी अधिक बढ़ाया जाएगा। रोड मैप में उद्यानिकी विभाग द्वारा  इसके अंतर्गत कई कार्य लिए जाएंगे। जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखकर प्रदेश में ग्रीन अथवा शेड नेट हाऊस के क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, खरीफ मौसम की प्याज की खेती को रबी मौसम में भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि प्याज की कीमतों में संतुलन के साथ-साथ किसानों को उसका उचित मूल्य मिल सके। साग-सब्जियों और अन्य उद्यानिकी फसलों की तोड़ाई के बाद उनके समुचित रख-रखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज, प्याज भण्डार गृह, पैक हाउस आदि का निर्माण भी क्लस्टर पद्धति से किया जाएगा। उद्यानिकी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। आम, अमरूद, नीबू, बेर, अनार, प्याज, टमाटर और आलू आदि के प्रसंस्करण और पैकेजिंग के लिए लघु और मध्यम प्रसंस्करण उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि प्रदेश के उद्यानिकी किसान अपनी इन फसलों को प्रसंस्करण उद्योगों में भी उचित मूल्य पर बेच सकें। फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण के तहत जेम, जेली, अचार, मुरब्बा, शरबत आदि बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ लोगों को इनके प्रसंस्करण उद्योगों से भी जोड़ा जाएगा। कार्य योजना में हर साल 20 रोपणियों के आधुनिकीकरण का भी लक्ष्य है, ताकि किसानों को अच्छी क्वालिटी के पौधे मिल सके। लक्ष्य पूर्ति के लिए चल रहे प्रयासों के साथ-साथ किसानों और उद्यानिकी कर्मचारियों के कौशल उन्नयन की दृष्टि से उनके प्रशिक्षण का प्रावधान भी कार्य योजना में किया गया है। 
क्रमांक-1429/स्वराज्य

राज्य में पांच शहरों की 484 राशन दुकानों में कोर-पीडीएस लागू : दो दिन में बीस हजार से अधिक कार्ड धारकों ने लिया राशन

राशन कार्ड धारकों को अपनी पसंद की दुकान से राशन लेने की सुविधा

    रायपुर, 02 जुलाई 2017
 सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के पांच शहरों - रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और धमतरी की 484 राशन दुकानों में कल एक जुलाई से कोर-पीडीएस लागू की गई है। इस योजना से राशन कार्ड धारकों को अपनी पंसद की दुकान से राशन लेने के लिए दुकान चयन करने का अधिकार दिया गया है। इन शहरों के राशन कार्ड धारक जो अपना आधार नम्बर अपने राशन कार्ड में जुड़वा चुके हैं, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध है। इस व्यवस्था से केवल ऑनलाईन राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पिछले दो दिनों में 20 हजार 168 राशन कार्ड धारकों द्वारा कोर-पीडीएस से राशन सामग्री पाप्त की जा चुकी है। इन पांच शहरों में संचालित 484 शासकीय राशन दुकानों से दो लाख 85 हजार राशन कार्ड धारक जुड़े हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग शहर में तीन हजार 923, धमतरी में 785, बिलासपुर में दो हजार 433, भिलाई में छह हजार 828 और रायपुर शहर में छह हजार 199 राशन कार्ड धारकों द्वारा राशन सामग्री प्राप्त की गई है। राशन कार्ड धारकों द्वारा इस सुविधा को बहुत पसंद किया जा रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार कोर-पीडीएस दुकानों का निरीक्षण कर कनेक्टिविटी या अन्य किसी भी समस्या का समाधान किया जा रहा है।  

क्रमांक-1428/काशी

Saturday, 1 July 2017

‘हमर छत्तीसगढ़’ भौगोलिक और भावनात्मक जुड़ाव की योजना: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री षामिल हुए योजना की प्रथम वर्षगांठ के समारोह में

केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य: श्री गेहलोत
रायपुर, 01 जुलाई 2017

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रात नया रायपुर में ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना’ की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने की। प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, सहकारिता, पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और अन्य अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि तथा विभिन्न जिलों से आए पंचायत प्रतिनिधि कार्यक्रम में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस योजना को छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के भौगोलिक और भावनात्मक जुड़ाव की योजना बताया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पंचायत राज संस्थाओं और सहकारिता क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस योजना के तहत रायपुर और नया रायपुर आमंत्रित कर विकास गतिविधियों का अवलोकन करवाया जा रहा है। अब तक पौने दो लाख से ज्यादा प्रतिनिधियों में से 75 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि यहां आकर विधानसभा, कृषि विश्वविद्यालय, मंत्रालय, विज्ञान केन्द्र आदि संस्थाओं का अध्ययन-भ्रमण कर चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने योजना का पहला साल सफलतापूर्ण होने पर सभी सहयोगियों को बधाई दी। डॉ. सिंह ने कहा - यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से शुरू की गई है। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को राज्य के विकास के लिए संचालित गतिविधियों और राजधानी में स्थापित अधोसंरचनाओं को दिखाकर विकास के प्रति उनमें एक नया दृष्टिकोण विकसित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक जुलाई 2016 को इस योजना का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री ने आज इस योजना के एक वर्ष पूर्ण होने पर नया रायपुर के उपरवारा स्थित होटल प्रबंधन संस्थान में आयोजित समारोह में अध्ययन भ्रमण पर आए सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर और रायगढ़ जिले के पंच-सरपंचों को संबोधित किया। डॉ. सिंह ने योजना से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों तथा कर्मचारियों कोे बधाई दी।     मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि आगामी जून माह तक पंचायत एवं सहकारिता क्षेत्र के दो लाख जनप्रतिनिधियोें को राजधानी रायपुर का भ्रमण कराया जाएगा। उन्होने जनप्रतिनिधियों को कहा कि हमर छत्तीसगढ़ योजना जनप्रतिनिधियों को उनकी जानकारी का विस्तार करने का अवसर देती है। उन्होने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अच्छा काम करते रहेंगे तो वे निरंतर आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं  अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा - छत्तीसगढ केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। उन्होने हमर छत्तीसगढ़ योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इससे एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे क्षेत्र के लोगों और उनकी संस्कृति को जानने-समझने का अवसर मिलता है। इससे लोगों के बीच भाईचारा और अपनापन बढ़ता है साथ ही विकास के प्रति नया नजरिया विकसित होता है। प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों ने गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिये अच्छा कार्य किया है। कई विकसित राज्यों में भी कई गांव खुले में शौचमुक्त नही हो पाए हैं। उन्होने कहा  कि गंावों में निर्माण कार्याें के साथ बच्चों की शिक्षा और सुपोषण की जिम्मेदारी भी सरपंचों की है।
 राज्य शासन की ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना‘ के तहत पहले साल प्रदेश के करीब 78 हजार निर्वाचित जनप्रतिनिधि रायपुर और नया रायपुर के अध्ययन भ्रमण पर आ चुके हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमषीला साहू विषेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना‘ पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। उन्होंने परिसर में महिला समूह द्वारा संचालित ‘बिहान बाजार‘ का शुभारंभ किया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री  अजय चन्द्राकर ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना‘ एवं भावनात्मक योजना है। जो छत्तीसगढ़ वासियों को अपनी समृद्ध विरासत, परम्परा, विकास के साथ जोड़ती है। इस योजना में पहली बार राजधानी आए जनप्रतिनिधियों में से अनेक ने पहली बार हवाई जहाज और रेल देखी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी आन्दोलन के प्रदेष वासियों को छत्तीसगढ़ के रूप में नये राज्य की सौगात दी। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। देश भर में चर्चित ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना‘ को देखने-समझने कई राज्यों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी आ चुके हैं। इनमें बिहार के तत्कालीन राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद और झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष सहित राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के मंत्री शामिल हैं। विगत 01 नवम्बर को राज्योत्सव 2016 का शुभारंभ करने आए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उस दौरान अध्ययन भ्रमण पर आए पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उन्होंने योजना को काफी सराहा भी था। भारत सरकार के पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित अनेक मंत्रालयों के अधिकारी भी योजना को जानने-समझने आवासीय परिसर पहुंचे हैं।
गांवों और कस्बों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अध्ययन, शिक्षण-प्रशिक्षण और उनका अनुभव संसार समृद्ध करने के उद्देश्य से इस अनूठी योजना की शुरूआत पिछले वर्ष 01 जुलाई को की गई थी। योजना के अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ दशक में हुए विकास कार्यों, कृषि और विज्ञान के क्षेत्र में हो रही नित नई प्रगति एवं प्रदेश की संस्कृति व कला सहित शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। विगत एक वर्ष में छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों और 146 विकासखंडों के पंचायत प्रतिनिधि दो दिनों के अध्ययन भ्रमण पर राजधानी रायपुर आए। इनमें हजारों की संख्या में बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर वनांचलों के जनप्रतिनिधि शामिल थे, जिन्हें इस योजना की बदौलत पहली बार राजधानी देखने का मौका मिला। यह सिलसिला आगामी एक वर्ष यानि 30 जून 2018 तक और तक जारी रहेगा। सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी 02 अक्टूबर 2016 से इस योजना से जोड़ा गया है।
अध्ययन भ्रमण पर आने वाले पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव की मिट्टी, पानी और वहां पाए जाने वाले विशेष प्रजाति का पौधा लेकर आते हैं। इसे वे नया रायपुर में लगाते हैं। इस तरह राजधानी नया रायपुर से प्रदेश का हर गांव जुड़ रहा है। दो दिनों के अध्ययन प्रवास के दौरान पंच-सरपंचों को जंगल सफारी, मंत्रालय, विधानसभा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, साइंस सेंटर, ऊर्जा पार्क, शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, फाइव-डी इमर्सिव डोम, माना विमानतल एवं पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण कराया जाता है। पुरखौती मुक्तांगन में लाइट एंड साउंड शो के जरिए उन्हें छत्तीसगढ़ से जुड़े पौराणिक आख्यानों, इतिहास, पुरातत्व, संस्कृति, छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने की कहानी के साथ ही प्रदेश की उपलब्धियों एवं योजनाओं की जानकारी दी जाती है।
भ्रमण के साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों के लिए आवासीय परिसर में प्रशिक्षण एवं सामूहिक चर्चा का आयोजन किया जाता है। इसमें वे विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी अपने अनुभव साझा करते हैं। स्वच्छता एवं विधिक संबंधी जागरूकता के लिए भी यहां नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भ्रमण पर आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों को योगाभ्यास भी कराया जाता है। योग प्रशिक्षक की देखरेख में वे विभिन्न आसनों का अभ्यास करते हैं। साथ ही उन्हें स्वस्थ और प्रसन्न रहने के गुर भी बताए जाते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना‘ में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सर्वश्री सुभाष मिश्रा, दिनेष अग्रवाल, आनंद रघुवंषी, सुश्री अभिलाषा आनंद और सुश्री राधिका श्रीवास्तव को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम. के. राऊत ने योजना के स्वरूप पर विस्तार से प्रकाष डाला। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के सचिव श्री पी.सी. मिश्रा, पर्यटन विभाग के सचिव सुश्री निहारिका बारिक सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी समारोह में उपस्थित थे।
क्रमांक-1427/हीरा देवांगन

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