मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नक्सल प्रभावित तीन जिलों की संयुक्त समीक्षा बैठक
रायपुर, 10 मई 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल तथा नक्सल हिंसा पीड़ित अबूझमाड़ इलाके में कराए जा रहे राजस्व सर्वेक्षण की तारीफ करते हुए कहा है कि इससे वहां के ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य और भी बेहतर ढंग से हो सकेगा। डॉ. सिंह ने सर्वेक्षण में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा- उन्हें भयमुक्त होकर अपनी ड्यूटी करते रहना चाहिए। शासन और प्रशासन उनके साथ है। पूरी सुरक्षा मिलेगी। मुख्यमंत्री आज शाम लोक सुराज अभियान के तहत जिला मुख्यालय कोण्डागांव में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बैठक में कोण्डागांव सहित बस्तर (जगदलपुर) और नारायणपुर जिलों में चल रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।
अबूझमाड़ के राजस्व सर्वेक्षण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने देश की आजादी के लगभग छह दशक बाद पहली बार वर्ष 2009 में यह सर्वेक्षण कुछ गांवों में शुरू करवाया था, लेकिन 2011 में सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। अब अक्टूबर 2016 से आईआईटी रूड़की के सहयोग से भौगोलिक सूचना प्रणाली और दूरसंवेदी भू-उपग्रह के जरिए यह कार्य फिर शुरू किया गया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि अब तक पांच गांवों में सर्वेक्षण हो चुका है। उन्होंने अबूझमाड़ इलाके के सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए नारायणपुर से पल्ली होते हुए बारसूर, छोटेडोंगर से ओरछा और नारायणपुर से सोनपुर होते हुए मरोड़ा तक सड़क निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा तीनों जिलों में सड़क सुविधाओं के विस्तार के लिए समन्वय के साथ किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 में पुल-पुलियों के निर्माण में तेजी लाकर काम मानसून से पहले अर्थात 15 जून तक पूर्ण कर लिया जाए। डॉ. सिंह ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की।
डॉ. सिंह ने स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा-आठवीं कक्षा में अध्ययनरत सभी बच्चों को 20 मई तक जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएं। उन्होंने तीनों जिलों में बिजली, सड़क, पेयजल, सिंचाई, शिक्षा, संचार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूर्ण करने की जरूरत पर बल दिया और अधिकारियों से कहा कि वे इसके लिए परस्पर से समन्वय से काम करें। लोक सुराज अभियान में जनता से प्राप्त हो रहे विभिन्न आवेदनों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के मकानों के निर्माण तथा सौर सुजला योजना में सोलर सिंचाई पम्पों के लिए ग्रामीणों और किसानो की काफी मांग आ रही है। इसे देखते हुए निकट भविष्य में इन योजनाओं का भौतिक और वित्तीय लक्ष्य बढ़ाया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा-तीनों जिलों में छोटे-बड़े बरसाती नदी-नाले काफी संख्या में है। इसे देखते हुए उनके किनारे के गांवों के किसानों को सौर सुजला योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में सोलर सिंचाई पम्प स्वीकृत किए जाएं, ताकि वे साल भर हर मौसम में किसी न किसी फसल की खेती कर सकें। डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना में हितग्राहियों को रसोई गैस सिलेण्डर समय पर मिल सके। इसके लिए अंदरूनी क्षेत्रों के प्रमुख गांवों में वितरक नियुक्ति के लिए कार्रवाई जल्द पूर्ण की जाए। डॉ. सिंह ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने बस्तर जिले की कोसारटेडा सिंचाई परियोजना पर आधारित समूह जल प्रदाय योजना को काफी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि फ्लोराईड तथा आयरन प्रभावित हैंडपम्पों वाले गांवों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए इस परियोजना से काफी मदद मिल सकती है।
बैठक में राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री तथा कोण्डागांव जिले के प्रभारी श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, नक्सल ऑपरेशन के विशेष पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री दिलीप वासनीकर, कोण्डागांव जिले के प्रभारी सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. विज, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद, संचालक जनसम्पर्क श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, तीनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विभिन्न वन मंडलों के डीएफओ और शासन-प्रशासन के विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अबूझमाड़ के राजस्व सर्वेक्षण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने देश की आजादी के लगभग छह दशक बाद पहली बार वर्ष 2009 में यह सर्वेक्षण कुछ गांवों में शुरू करवाया था, लेकिन 2011 में सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। अब अक्टूबर 2016 से आईआईटी रूड़की के सहयोग से भौगोलिक सूचना प्रणाली और दूरसंवेदी भू-उपग्रह के जरिए यह कार्य फिर शुरू किया गया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि अब तक पांच गांवों में सर्वेक्षण हो चुका है। उन्होंने अबूझमाड़ इलाके के सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए नारायणपुर से पल्ली होते हुए बारसूर, छोटेडोंगर से ओरछा और नारायणपुर से सोनपुर होते हुए मरोड़ा तक सड़क निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा तीनों जिलों में सड़क सुविधाओं के विस्तार के लिए समन्वय के साथ किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 में पुल-पुलियों के निर्माण में तेजी लाकर काम मानसून से पहले अर्थात 15 जून तक पूर्ण कर लिया जाए। डॉ. सिंह ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की।
डॉ. सिंह ने स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा-आठवीं कक्षा में अध्ययनरत सभी बच्चों को 20 मई तक जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएं। उन्होंने तीनों जिलों में बिजली, सड़क, पेयजल, सिंचाई, शिक्षा, संचार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूर्ण करने की जरूरत पर बल दिया और अधिकारियों से कहा कि वे इसके लिए परस्पर से समन्वय से काम करें। लोक सुराज अभियान में जनता से प्राप्त हो रहे विभिन्न आवेदनों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के मकानों के निर्माण तथा सौर सुजला योजना में सोलर सिंचाई पम्पों के लिए ग्रामीणों और किसानो की काफी मांग आ रही है। इसे देखते हुए निकट भविष्य में इन योजनाओं का भौतिक और वित्तीय लक्ष्य बढ़ाया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा-तीनों जिलों में छोटे-बड़े बरसाती नदी-नाले काफी संख्या में है। इसे देखते हुए उनके किनारे के गांवों के किसानों को सौर सुजला योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में सोलर सिंचाई पम्प स्वीकृत किए जाएं, ताकि वे साल भर हर मौसम में किसी न किसी फसल की खेती कर सकें। डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना में हितग्राहियों को रसोई गैस सिलेण्डर समय पर मिल सके। इसके लिए अंदरूनी क्षेत्रों के प्रमुख गांवों में वितरक नियुक्ति के लिए कार्रवाई जल्द पूर्ण की जाए। डॉ. सिंह ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने बस्तर जिले की कोसारटेडा सिंचाई परियोजना पर आधारित समूह जल प्रदाय योजना को काफी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि फ्लोराईड तथा आयरन प्रभावित हैंडपम्पों वाले गांवों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए इस परियोजना से काफी मदद मिल सकती है।
बैठक में राजस्व और उच्च शिक्षा मंत्री तथा कोण्डागांव जिले के प्रभारी श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, नक्सल ऑपरेशन के विशेष पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री दिलीप वासनीकर, कोण्डागांव जिले के प्रभारी सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. विज, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद, संचालक जनसम्पर्क श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, तीनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विभिन्न वन मंडलों के डीएफओ और शासन-प्रशासन के विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक-664/स्वराज्य