Thursday, 29 June 2017

मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना: डॉ. रमन सिंह ने की नतीजों की घोषणा : रोजगार के लिए उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप किया जाएगा विद्यार्थियों की क्षमता का विकास: डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जिसने जारी की विद्यार्थियों की एम्प्लॉयबिलिटी रिपोर्ट
एमकेट परीक्षा में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने दिए प्रमाण पत्र
‘चिप्स के फेसबुक पेज पर की गयी परीक्षा परिणाम की घोषणा’
‘रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए राज्य शासन की पहल’
मुख्यमंत्री ने फेसबुक लाइव पर दिया विद्यार्थियों को संदेश
रायपुर, 29 जून 2017

 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से चिप्स के फेसबुक पेज ChipsCgGov (चिप्ससीजीगॉव) पर मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के अंर्तगत आयोजित एमकेट परीक्षा का परिणाम घोषित किया। इस अवसर पर एमकेट परीक्षा में बैंचमार्क नम्बर पाने वाले प्रथम क्रम के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने  कहा कि सफल विद्यार्थियों के लिए प्रतिष्ठित कम्पनियों में सीधे रोजगार प्राप्त करने का यह सुअवसर है। डॉ. सिंह ने कहा कि बैंचमार्क नम्बर से कम प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को निराश होने की आवश्यकता नही है। ऐसे विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा जुलाई माह से प्रशिक्षण देकर उनके रोजगार प्राप्त करने की योग्यता (Employablity) को बढ़ाया जायेगा, ताकि उन्हे भी रोजगार प्राप्त करने अवसर मिले। इस योजना के द्वारा राज्य शासन ने विद्यार्थियों के कौशल का विश्लेषण कर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उनकी क्षमता का विकास किया जाएगा।
 इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चिप्स द्वारा बनाये गये State Employability Report का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव श्री एन.बैजेन्द्र कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख श्री अमन कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, जनसंपर्क विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने कहा कि रोजगार के लिए विद्यार्थियों के कौशल के उन्नयन में यह योजना काफी सहायक साबित होगी। इलेक्ट्रॅानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन सिंह ने बताया कि राज्य में अनेक प्रमुख राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों जैसे- आई.आई.टी., एम्स, एन.आई.टी., एच.एन.एल.यू., ट्रिपल आई.टी, आई.आई.एम. आदि की उपस्थिति के कारण छत्तीसगढ़ ने स्वयं को देश में एजुकेशन हब के रूप में स्थापित कर लिया है। परन्तु राज्य के स्नातक होने वाले विद्यार्थियों और रोजगार पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या के बीच अंतर है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना प्रारंभ की है। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह देखा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं के क्षेत्र में नियोक्ता रोजगार देने के पूर्व छात्रों को अपनी तकनीकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। इसी बात को ध्यान रखते हुए राज्य शासन ने उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थियों की रोजगार प्राप्त करने की योग्यता (Employablity)  बढ़ाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के संचालन से राज्य की प्रतिभाओं को तकनीकी रूप से दक्ष करते हुए छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में अनेक कम्पनियां रोजगार की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ आने पर विचार करेंगी। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना की जानकारी देते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि इस वर्ष लगभग 30 हजार विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर 5 हजार को प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में इस योजना मंे 12 हजार इंजीनियरिंग तथा गैर-इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है।
राज्य शासन का प्रयास है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्रों में से अधिक से अधिक के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध होने से स्थानीय आईटी/आईटीईएस उद्योग को भी और अधिक गति मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों से अन्य विद्यार्थियों को भी तकनीकी कौशल बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी।
क्रमांक-1387/सोलंकी

जनदर्शन: मछुआ सहकारी समिति ने मछलीपालन हेतु तालाब देने का किया आग्रह : मुख्यमंत्री ने दिए तत्काल निराकरण के निर्देश

रायपुर, 29 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास परिसर में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिये। जनदर्शन में भक्त गुहा निषाद मछुआ सहकारी समिति के प्रतिनिधियों ने आग्रह किया उनके ग्राम घुमका में स्थित पुराना तालाब में पहले से मछलीपालन किया जाता रहा है। यहां कई परिवारों का जीवन व्यापन मछलीपालन पर आश्रित है। अतः पुराने तालाब को समिति को मछलीपालन के लिए लीज में दिया जाए। मुख्यमंत्री ने बालोद जिले के कलेक्टर को प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिए। गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर के ग्राम सिलहटी के ग्रामीणों ने 215 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का आग्रह किया। दुर्ग जिले कें पाटन विकासखंड के ग्राम सेलुद के ग्रामीणों ने सेलूद चौक से रानीतराई पाटन तक सड़क चौड़ीकरण के प्रभावितों को मुआवजा राशि और जमीन दिलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर दुर्ग को प्रकरण का परीक्षण कर प्रभावितों की समस्या के निराकरण के निर्देश दिए।
    बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ विकासखंड के ग्राम रायकोना के ग्रामीणों ने किसडा बांध से ग्राम रायकोना में सिंचाई के लिए पानी देने का आग्रह पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के सचिव को ग्रामीणों की समस्या के निराकरण के निर्देश दिए। दुर्ग जिले के भिलाई -3 निवासी श्री करतार सिंह छाबड़ा ने लीवर की बीमारी से पीड़ित होने पर सहायता देने का आग्रह किया, मुख्यमंत्री ने श्री छाबड़ा को संजीवनी कोष से सहायता प्रदान करते हुए निर्देश दिए। गरियाबंद जिले के विकासखंड फिगेंश्वर के ग्राम बोरसी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके गांव में विद्युतीकरण की आवश्यकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक को गांव में आने वाले मजरे-टोले का विद्युतीकरण के निर्देश दिए। बिलासपुर जिले के ग्राम बांका निवासी श्री अकाल सिंह के आबादी पट्टा प्रदान के आवेदन पर भी बिलासपुर जिले के कलेक्टर को समाधान करने के निर्देश दिए गए। राजधानी के छत्तीसगढ़ श्री सुदर्शन डोमार समाज कल्याण समिति के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रायपुर नगर निगम क्षेत्र के बांसटाल वार्ड में सफाई मजदूरों के जर्जर आवास के मरम्मत के लिये आवेदन दिया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर रायपुर को समस्या के समाधान  करने के निर्देश दिए। जनदर्शन में ही व्याख्यात पंचायत के अभ्यर्थियों ने रिक्त पदों की पूर्ति प्रतीक्षा सूची से पूर्ण करने का आग्रह किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने संचालक, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को परीक्षण कर प्रकरण के निराकरण करने के निर्देश दिए। 
क्रमांक-1383/सचिन

Nearly 1200 people met Chief Minister in Jandarshan

Raipur, 29 June 2017

In the Jandarshan programme held today, 1235 people from various parts of the state met Chief Minister Dr Raman Singh. This included 315 people in 45 delegations and 920 individuals. On the occasion, Dr Raman Singh immediately sanctioned construction works worth nearly Rs 51 lakh in response to the memorandums of panchayat representatives and various delegations. Dr Singh also sanctioned medical help in 18 cases of Sanjeevani Kosh and directed officials concerned to ensure complete medical treatment of the beneficiary patients.

number-1377/Swarajya/Sana

आलेख : तरक्की के नये रास्ते पर नई मंजिलों की ओर छत्तीसगढ़ के किसान

(आलेख - स्वराज कुमार)
सिर्फ सोलह साल के किशोर छत्तीसगढ़ राज्य के किसान अपनी मेहनत से आज तरक्की के नये रास्ते बनाकर समृद्धि और खुशहाली की नई मंजिलों की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। राज्य में धान का उत्पादन सिर्फ दस साल के भीतर दोगुने से भी ज्यादा हो गया, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर राज्य में किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लिए भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने योजनाबद्ध रणनीति के साथ एक व्यापक रोड मैप बनाकर काम शुरू कर दिया है। खेती को अधिक से अधिक लाभदायक बनाने के लिए इसमें कृषि उत्पादन, रेशम उत्पादन, उद्यानिकी फसलों की खेती, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मछलीपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई उपाय और कई लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। रोड मैप में बाजार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने, कृषि वानिकी के तहत बांस और अन्य लघु वनोपजों के उत्पादन और विपणन तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए भी इसमें कई महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा की गई है। खेती-किसानी की दशा और दिशा में लगातार एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के किसान समृद्धि और खुशहाली के नये रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।
रमन सरकार ने विगत तेरह साल में प्रदेश के किसानों की बेहतरी के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। ब्याज मुक्त ऋण सुविधा, कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत तीन हॉर्स पावर से पांच हार्स पावर तक सिंचाई पम्पों के लिए सलाना 6000 यूनिट से 7500 यूनिट तक मुफ्त बिजली, सौर सुजला योजना के तहत अत्यंत किफायती मूल्य पर सोलर सिंचाई पंप, विद्युत कनेक्शन वाले सिंचाई पंपों की संख्या 94 हजार से बढ़ाकर तीन लाख 70 हजार तक पहुंचाना, सिंचाई योजनाओं का विकास और विस्तार, समर्थन मूल्य नीति के तहत सहकारी समितियों में वर्ष 2003-04 से 2015-16 तक छह करोड़ 22 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी और किसानों को लगभग 65 हजार करोड़ रूपए का भुगतान, इनमें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अनुसार किसानों की समृद्धि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। वर्ष 2007 की तुलना में 2016-17 में राज्य में एक करोड़ 20 लाख टन फसलों की पैदावार मिली है, जो वर्ष 2007 की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है।
ब्याज मुक्त ऋण सुविधा से किसानों में नये उत्साह का संचार
किसानों की बेहतरी के लिए राज्य शासन द्वारा तैयार रोड मैप के अनुसार एकीकृत कार्ययोजना में किसानों के लिए ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋणों की वर्तमान राशि 3800 करोड़ रूपए से बढ़ाकर पांच वर्ष में 5772 करोड़ रूपए तक ले जाने का लक्ष्य है। हमें इस बात को भी याद करना चाहिए कि राज्य निर्माण के प्रारंभिक तीन वर्षो में किसानों को सहकारी बैंकों के जरिए से सहकारी समितियों में 13 से 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण मिलता था। डॉ. रमन सिंह की सरकार ने इन ब्याज दरों को वर्ष 2004-05 में 9 प्रतिशत, वर्ष 2006-07 में 7 प्रतिशत, वर्ष 2007-08 में 6 प्रतिशत, वर्ष 2008-09 में 9 प्रतिशत और 2012-13 में 1 प्रतिशत कर दिया। रमन सरकार ने किसानों के लिए ब्याज दर को वर्ष 2013-14 से शून्य प्रतिशत कर दिया। कृषि ऋणों की ब्याज दरों में भारी कमी होने और बाद में ब्याज मुक्त ऋण सुविधा मिलने पर किसानों में नए उत्साह का संचार हुआ है और सहकारी समितियों से ऋण लेने वाले किसानों की संख्या भी लगातार बढ़ने लगी है। वर्ष 2001-02 में जब यह ब्याज दर 13 से 15 प्रतिशत थी, उस समय सिर्फ तीन लाख 96 हजार किसानों ने इस सुविधा का लाभ लिया था, जबकि वर्ष 2012-13 में ब्याज दर एक प्रतिशत होने पर ऋण लेने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 9 लाख 45 हजार से ज्यादा हो गई और आज की स्थिति दस लाख से अधिक किसानों को ब्याज मुक्त ऋण सुविधा का लाभ मिल रहा है।
रमन सरकार ने इस वर्ष एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के जरिए खरीफ मौसम में 3200 करोड़ रूपए और रबी मौसम में 600 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरण का लक्ष्य है। इस बार खरीफ में अब तक इस लक्ष्य के विरूद्ध 1500 करोड़ रूपए से ज्यादा ऋण वितरित किया जा चुका है। यह राशि उन्हें 60 प्रतिशत वस्तु (खाद और बीज) तथा 40 प्रतिशत नगद के रूप में दी जा रही है। पिछले साल 2016 में खरीफ मौसम के दौरान किसानों को 2800 करोड़ रूपए के लक्ष्य के विरूद्ध 2855 करोड़ 26 लाख रूपए का ऋण दिया गया था। वर्तमान में ब्याज मुक्त ऋण सुविधा का लाभ ले रहे लगभग दस लाख से ज्यादा किसानों के अलावा समितियों में अगले पांच साल में कम से कम पांच लाख नए किसानों को भी सदस्य के रूप में जोड़ने का लक्ष्य है, जिन्हें नए किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे। यह रोड मैप कृषि और जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है। कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को इस रोड मैप के सभी प्रावधानों पर अमल के लिए तत्परता से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। श्री अग्रवाल ने समय-समय पर स्वयं इसकी विस्तृत समीक्षा भी कर रहे हैं।
किसानों के लिए अलग से कृषि बजट
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने वर्ष 2012-13 से राज्य के मुख्य बजट के साथ किसानों के लिए अलग से कृषि बजट की शुरूआत की है। उसमें कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में किसानों की सुविधा के लिए छह हजार 244 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 10 हजार 676 करोड़ रूपए तक पहुंच गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी राज्य सरकार ने कृषि बजट में दस हजार करोड़ रूपए से ज्यादा राशि का प्रावधान किया है। इसमें सिंचाई सुविधाओं के लिए 5242 करोड़ रूपए, कृषि विकास योजनाओं के लिए 2279 करोड़ रूपए, पशुपालन के लिए 517 करोड़ रूपए, सहकारिता के लिए 298 करोड़ रूपए और मछलीपालन के लिए 100 करोड़ रूपए की धन राशि निर्धारित की गई है। इस वर्ष के कृषि बजट के अनुसार 32 लाख से ज्यादा किसानों के लिए प्रति किसान लगभग 28 हजार रूपए का औसत बजट प्रावधान है।
प्रदेश को अब तक चार कृषि कर्मण पुरस्कार
राज्य को वर्ष 2011 से 2016 की अवधि में भारत सरकार की ओर से चार बार कृषि कर्मण पुरस्कारों से नवाजा गया है। इनमें से तीन कृषि कर्मण पुरस्कार सर्वाधिक चावल उत्पादन के लिए और एक पुरस्कार दलहन के क्षेत्र में दिया गया है। राज्य में विगत 12 साल में चावल उत्पादन में 39 प्रतिशत, गेहूं के उत्पादन में 24 प्रतिशत और दलहन-तिलहन के उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
खेती-किसानी की शिक्षा पर भी विशेष जोर
 प्रदेश की नयी पीढ़ी को आधुनिक खेती से जोड़ने के लिए कृषि शिक्षा पर भी विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर केे अंतर्गत वर्ष 2003-04 में जहां सिर्फ चार सरकारी कृषि महाविद्यालय थे, वहीं इनकी संख्या वर्ष 2016-17 तक बढ़कर 12 हो गयी। इस अवधि में शासकीय उद्यानिकी कॉलेजों की संख्या शून्य से बढ़कर दो और शासकीय कृषि इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या भी शून्य से बढ़कर दो हो गयी। पशुधन खेती का मुख्य आधार हैं। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश के युवाओं को पशुपालन और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा की सुविधा दिलाने के लिए रमन सरकार द्वारा वर्ष 2012 में दुर्ग जिले के ग्राम अंजोरा में कामधेनु विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जिसका संचालन सफलतापूर्वक हो रहा है। खेती के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 20 कृषि विज्ञान केन्द्र भी संचालित हो रहे हैं।
राज्य तीन जलवायु क्षेत्रों में सीमांकित
 किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार के रोड मैप में सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश को तीन अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों में सीमांकित करते हुए स्थानीय जलवायु विविधता के अनुरूप फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की मंशा प्रकट की गई है। उत्तरी छत्तीसगढ़ पहाड़ी इलाकों में फैला हुआ है।  कृषि विशेषज्ञों के अनुसार वहां की भौगोलिक परिस्थितियां और शीतल जलवायु गेहूं और सरसों जैसी रबी फसलों के लिए काफी अनुकूल है। इसी तरह राजनांदगांव से मुंगेली तक काली मिट्टी वाले क्षेत्रों को रबी मौसम में चना और खरीफ मौसम में सोयाबीन उत्पादन क्षेत्र के रूप में चिन्हांकित किया गया। बस्तर और सरगुजा के सूदूरवर्ती इलाके परपंरागत रूप से जैविक खेती के लिए पहचाने जाते हैं। दंतेवाड़ा जिले में जैविक खेती के लिए शुरू की गई ‘मोचोबाड़ी’ परियोजना को अच्छी सफलता मिल रही है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सर्वोत्तम व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और प्रशंसा मिली है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने के रोड मैप में इन बातों को ध्यान में रखकर रणनीति तय की गई है। इसमें यह भी ध्यान रखा गया है कि राज्य में धान को छोड़कर अन्य फसलों के लिए पर्याप्त प्रसंस्करण उद्योगों की कमी है। दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए समर्थन मूल्य पर उपार्जन की व्यवस्था को भी व्यापक बनाने की जरूरत है। प्रदेश के दो तिहाई से ज्यादा इलाकों में वर्षा आधारित खेती को भी रोड मैप में एक चुनौती के रूप में लेकर सिंचाई संसाधनों में वृद्धि पर भी जोर दिया गया है। रोड मैप में कहा गया है कि राज्य के प्रत्येक गांव के नजदीक से छोटे अथवा मंझोले बरसाती नाले गुजरे हैं, जो खेती के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।
साढे़ तीन लाख से ज्यादा वन अधिकार
मान्यता पत्र धारकों को भी मिलेगा फायदा

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में वन अधिकार मान्यता पत्र धारक तीन लाख 57 हजार से ज्यादा वनवासी परिवारों को तीन लाख 14 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्रों में खेती के लिए व्यक्तिगत पट्टे दिए गए हैं, वहीं आठ हजार 866 सामुदायिक पट्टे एक लाख 52 हजार हेक्टेयर रकबे में दिए गए हैं। वन अधिकार मान्यता पत्र धारक इन वनवासियों को खेती के लिए खाद और बीज, भूमि समतलीकरण तथा कृषि उपकरणों के लिए सहायता दी गई है। रोड मैप में उनकी आमदनी को भी दोगुनी करने के लिए विशेष प्रयासों पर बल दिया गया है और कहा गया है कि उन्हें उन्नत खेती से जोड़कर उद्यानिकी, कृषि वानिकी, पशुपालन और मुर्गीपालन योजनाओं का भी लाभ दिलाया जाएगा।
लगभग 37.46 लाख किसानों के खेतों में हो रहा मिट्टी परीक्षण
 राज्य के लगभग 37 लाख 46 हजार किसानों के खेतों में ग्रिड आधार पर मिट्टी परीक्षण भी किया जा रहा है। इस वर्ष 2017 तक सभी किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य पत्रक (स्वायल हेल्थकार्ड) देने का अभियान भी चलाया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिट्टी परीक्षण कार्डो में की गई अनुशंसाओं के अनुसार खाद के उपयोग में दस प्रतिशत की बचत होगी और पैदावार में पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी।
कतार बोनी को बढ़ावा
रोड मैप में बताया गया है कि राज्य में वर्तमान में सिर्फ दो लाख 60 हजार हेक्टेयर में कतार बोनी से धान की बोआई की जाती है। अगले पांच साल में इसे पांच लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाने का लक्ष्य है। इससे 60 हजार क्विंटल बीजों की बचत होगी। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के सभी बीस हजार गांवों में एक-एक चिमनी खाद गढ्ढों का निर्माण किया जाएगा। इससे लगभग दो लाख मीटरिक टन कम्पोस्ट खाद मिलेगी। जैविक खाद तैयार करने के लिए प्रदेश भर में ग्राम पंचायतों के स्तर पर पांच लाख वर्मी कम्पोस्ट टांके/नाडेप टांके बनवाए जाएंगे, जिनमें कम से कम 15 लाख मीटरिक टन जैविक खाद का उत्पादन हो सकेगा। प्रदेश में इस समय खेतों की मेड़ों पर अरहर, तिल, अरण्डी और रामतिल जैसी फसलों का वर्तमान रकबा सिर्फ दो लाख 02 हजार हेक्टेयर है, जिसे अगले पांच साल में पांच लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
करीब 3.60 लाख हेक्टेयर में होगी स्प्रिंकलर-ड्रिप सिंचाई
रोड मैप के अनुसार अगले पांच साल में किसानों को लघु सिंचाई सुविधा देने के लिए तीन लाख 60 हजार हेक्टेयर में स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। किसानों को सरकारी अनुदान पर स्प्रिंकलर सेट दिए जाएंगे।

साढ़े चार लाख सिंचाई नलकूपों की होगी रिचार्जिंग
इसके अलावा राज्य में स्थापित चार लाख 50 हजार सिंचाई नलकूपों की रिर्चाजिंग पर भी इसमें जोर दिया गया है। इस उद्देश्य से बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए मनरेगा के तहत स्थानीय बरसाती नालों और छोटी नदियों में अगले पांच साल में दस हजार भूमिगत बंधारा बनवाए जाएंगे। इससे भूजल स्तर बढ़ेगा।
छोटे-बड़े नालों में हर एक किलोमीटर पर बनेगा चेकडेम
रोड मैप के अनुसार राज्य के छोटे-बड़े नालों में श्रृंखलाबद्ध तरीके से चेकडेम भी बनवाए जाएंगे। हर साल ऐसे नालों के किनारे 700 किलोमीटर की लंबाई में 700 से 725 चेकडेमों के निर्माण का लक्ष्य है। अर्थात हर एक किलोमीटर एक चेकडेम बनेगा। इनका निर्माण प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राज्य पोषित योजना के जरिए किया जाएगा। जल संसाधन विभाग द्वारा राज्य में 495 एनीकट और स्टॉप डेम बनवाए गए हैं। अगले पांच साल में इनके किनारों पर बिजली लाईन विस्तार करते हुए 44 हजार हेक्टेयर में उदवहन सिंचाई को बढ़ावा दिया जाएगा। शाकम्भरी योजना के तहत एक लाख दस हजार किसानों को सिंचाई पंप 75 प्रतिशत अनुदान पर देने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बाजार व्यवस्था को मजबूत बनाने कई बड़े निर्णय
किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार के रोड मैप में कृषि विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाने की दृष्टि से भी कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश की चिन्हांकित 14 कृषि उपज मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ने, फल और सब्जी उपमंडियों की स्थापना, किसान उपभोक्ता बाजारों की स्थापना जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं। वनौषधियों और हर्बल प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जा रहा है। लाख कृमि पालन और लाख उत्पादन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2022 तक प्रदेश के 54 हजार से ज्यादा किसानों को लाख की खेती से जोड़ने का लक्ष्य है। इसकी खेती 12 लाख से अधिक कुसुम, पलाश और बेर के वृक्षों में की जाएगी। राज्य के वनो में 19 प्रतिशत बांस के जंगल हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 50 हजार नोशनल टन बांस का उत्पादन होता है, जबकि मांग 60 हजार नोशनल टन की है। रोड मैप में इसकी पूर्ति के लिए वनो के साथ-साथ किसानों की नीजि भूमि पर भी बांस रोपण को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य घोषित किया गया है। तेंदूपत्ता, साल बीज, हर्रा, महुआ, बहेड़ा, जैसी लघु वनोपजों के उत्पादन में वृद्धि करने के लिए भी रोड मैप में रणनीति तय की गई है।
लगभग 12 लाख हेक्टेयर तक पहुंचेगा उद्यानिकी फसलों का रकबा
 राज्य में उद्यानिकी फसलों का वर्तमान रकबा सात लाख 41 हजार हेक्टेयर है। इसे वर्ष 2021-22 तक बढ़ाकर 11 लाख 93 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। रणनीति में फलों की खेती को दो लाख 25 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 6 लाख 62 हजार हेक्टेयर, सब्जियों की खेती को चार लाख 14 हेक्टेयर से बढ़ाकर चार लाख 14 हजार हेक्टेयर, मसालों की खेती को 51 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख 46 हजार हेक्टेयर और फूलों की खेती को 11 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 18 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। रोड मैप में उद्यानिकी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और नर्सरियों के आधुनिकीकरण का भी लाभ दिलाने की रणनीति घोषित की गई है।  (आलेख-स्वराज कुमार)



मुख्यमंत्री का जनदर्शन: बड़ी संख्या में लोगों ने की मुलाकात

रायपुर, 29 जून 2017

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां अपने निवास परिसर में आयोजित ‘जनदर्शन’ कार्यक्रम में राजधानी रायपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधि मंडलों, आम नागरिकों, किसानों, श्रमिकों, महिलाओं और छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। डॉ. सिंह ने उनके विभिन्न ज्ञापनों और आवेदनों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों को निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए। महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखंड से आए ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को विकासखंड के ग्राम रायपानी, बिजातीपाली, पलसापाली, कोसमपाली में विभिन्न विकास कार्यों के लिए ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने उनके ज्ञापन पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। दुर्ग जिले के ग्राम अमलेश्वर की श्रीमती गंगा बाई सोनकर ने मुख्यमंत्री को आवेदन सौंपकर बताया कि उनकी खेती की जमीन लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई है। उन्होंने इस जमीन के बदले अन्य स्थान पर शासकीय जमीन दिलाने का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने उनका आवेदन कलेक्टर दुर्ग को भेजकर त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत उमरपोटी के ग्रामीणों ने सामुदायिक भवन निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। डॉ. सिंह ने उनका आवेदन कलेक्टर रायपुर को भेजकर प्राधिकरण मद से कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए। महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बिन्द्रावन (विकासखंड बागबाहरा) की ओर से ग्रामीणों ने बिन्द्रावन में सीमेंट कांक्रीट सड़क और सामुदायिक भवन के लिए ज्ञापन सौंपा। उस पर मुख्यमंत्री ने वहां प्राधिकरण मंद से सी.सी. रोड की मंजूरी तत्काल प्रदान कर दी।

   क्रमांक-1376/स्वराज्य

Large number of citizens meet Dr. Raman Singh at his 'Jan-Darshan'

Raipur, 29 June 2017

Chief Minister Dr. Raman Singh today met a large number of social welfare organizations, delegations and individual citizens at his weekly 'Jan-Darshan' programme at his official residence. Huge number of farmers, workers, women and common citizens from various parts of the State thronged the venue. Dr. Raman Singh gave instructions to the concerned departments to redress the complaints as early as possible. A delegation of villagers from development block Saraipali district Mahasamund submitted a memorandum listing a list of development works at Raipani, Bijatipali,Palsapali, Losampali and other neighbouring villages.
Chief Minister Dr. Raman Singh assured the delegation that necessary steps will be taken up to hasten the development works. Mrs. Gangabai Sonkar,  a native of village Amleshwar district Durg requested the Chief Minister that her agriculture land had been taken over by the State Public Works Department but no land had been allotted to her instead of it. Dr. Raman Singh instructed the Durg District Collector to redress the grievance as soon as possible.
A group of villagers from village panchayat Umarpoti development block Abhanpur district Raipur in a memorandum requested the Chief Minister to sanction a community hall at the village. Dr. Raman Singh directed the request to Raipur District Collector for early sanction. A delegation of villagers submitted a memorandum requesting Dr. Raman Singh to sanction a cement road and a community hall at village panchayat Bindrawan development block Baghbahara district Mahasamund .
1376/ Swarajya/Pradeep  

जनदर्शन में करीब साढ़े बारह सौ लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

रायपुर, 29 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास परिसर में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए 1235 लोगों ने मुलाकात की। इनमें से 315 नागरिक 45 विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों में शामिल थे। उनके अलावा 920 लोगों ने मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों के ज्ञापनों पर लगभग 51 लाख रूपए के निर्माण कार्यों की स्वीकृति तत्काल प्रदान कर दी। डॉ. सिंह ने चिकित्सा सहायता के 18 प्रकरणों में संजीवनी कोष से स्वीकृति जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों को मरीजों का समुचित इलाज करवाने के निर्देश दिए। 
   क्रमांक-1377/स्वराज्य

राज्य स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति गठित : कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों के विकास और किसानों के कल्याण के लिए संस्थागत तंत्र विकसित करने का दायित्व

रायपुर, 29 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों के विकास और किसानों के कल्याण के लिए संस्थागत तंत्र विकसित करने राज्य स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति गठित की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
    आदेश के अनुसार कृषि मंत्री को समिति का सह- अध्यक्ष बनाया गया है। सदस्यों में मंत्री वित्त, सहकारिता, खाद्य, वाणिज्य एवं उद्योग, ग्रामोद्योग, ऊर्जा, महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग शामिल हैं। प्रदेश के सभी सांसदों (लोकसभा एवं राज्य सभा सदस्य), मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव एवं विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, प्रमुख सचिव/सचिव वित्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, सहकारिता, वाणिज्य एवं उद्योग, ग्रामोद्योग, ऊर्जा, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, अध्यक्ष कृषक कल्याण परिषद, निदेशक राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, दो प्रगतिशील किसान (आई.सी.ए.आर. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा नामांकित) के अतिरिक्त कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन, बीज उत्पादक किसान एवं कृषि उद्यमी क्षेत्र से एक-एक किसान प्रतिनिधि राज्य शासन के कृषि विभाग द्वारा नामांकित तथा राज्य में कल्याण क्षेत्र में कार्यरत दो महिला प्रतिनिधि भी राज्य स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति के सदस्य होंगे। सचिव कृषि विभाग को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। 
   क्रमांक-1382/राजेश

रायपुर : हमर छत्तीसगढ़ योजना : कोरिया के पंचायत प्रतिनिधियों ने देखा जंगल सफारी

रायपुर. 29 जून 2017


हमर छत्तीसगढ़ योजना में अध्ययन भ्रमण पर आए कोरिया जिले के विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने आज सवेरे यहां नया रायपुर में जंगल सफारी का भ्रमण किया। दो दिनों के अध्ययन प्रवास पर कोरिया जिले के 120 पंचायत प्रतिनिधि राजधानी रायपुर आए हुए हैं। जंगल सफारी में खुले में वन्य प्राणियों को विचरण करते देखना उनके लिए बिलकुल नया और अनूठा अनुभव था। 

यहां बाघ, सिंह, भालू, मोर और हिरणों की कई प्रजातियों को देखकर वे खासे रोमांचित हुए। कोरिया के पंच-सरपंचों ने जंगल सफारी के क्रोकोडाइल पार्क में मगरमच्छ भी देखा। दोपहर बाद उन्होंने मंत्रालय और पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण किया। मंत्रालय में विभिन्न ब्लॉकों का अवलोकन कर वे मंत्रालयीन प्रक्रियाओं और कार्यों से परिचित हुए। पंचायत प्रतिनिधि अध्ययन यात्रा के दूसरे दिन कल 30 जून को छत्तीसगढ़ विधानसभा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं साइंस सेंटर का भ्रमण करेंगे।
क्रमांक - 1381/कमलेश

रायपुर : मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना : प्रदेश में 588 महिला हितग्राहियों को मिली 8.51 लाख की सहायता

रायपुर 29 जून 2017

छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत वर्ष 2016-17 में प्रदेश के 588 महिला हितग्राहियों को 8 लाख 51 हजार रूपये की सहायता दी  गई है । मंडल द्वारा योजना के तहत 36 से 60 वर्ष आयु समूह की महिला श्रमिक हितग्राहियों को निःशुल्क सिलाई मशीन दी  जाती है । वर्तमान में सिलाई मशीन के लिये सी.एस.आई.डी.सी. द्वारा निर्धारित मूल्य के बराबर राशि हितग्राही के बैंक खाता में आर.टी.जी.एस. के माध्याम जमा कराई जाती है । 

                            क्रमांक 1380/ सी.एल.





रायपुर : आंकड़ों के संग्रहण और विश्लेषण में बरतें सावधानी : डॉ के सुब्रमणियम : सांख्यिकी दिवस के अवसर पर कार्यशाला में सांख्यिकी विशेषज्ञों ने रखी राय

प्रख्यात सांख्यिकीविद् स्व. पी.सी. महालनोबीस की जयंती पर मनाया गया सांख्यिकी दिवस


रायपुर 29 जून 2017


सांख्यिकी दिवस के अवसर पर आज यहां न्यू सर्किट हाउस में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बताया गया कि प्रख्यात सांख्यिकीविद स्व. प्रशांत चंद्र महालनोबीस के जन्मदिवस पर 29 जून को प्रत्येक वर्ष देशभर में सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। सांख्यिकी दिवस का उद्देश्य युवा पीढ़ी में आर्थिक नियोजन और सांख्यिकी के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान से प्रेरणा प्राप्त करना तथा आधुनिक समय में सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डालना है। 
   सांख्यिकी दिवस पर आयोजित कार्यशाला में प्रशासन में सांख्यिकी के उपयोग के महत्व एवं उपयोगिता पर चर्चा की गई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ के सुब्रमणियम ने कहा कि प्रशासन एवं सरकारें योजनायें आंकड़ों के आधार पर ही बनाती हैं। सभी योजनाओं का निर्माण आंकड़ों का अध्ययन करके ही होता है। ऐसे में आंकड़ों की विश्वसनीयता बहुत आवश्यक है। प्रत्येक विभाग द्वारा प्रशासकीय प्रतिवेदन और सरकार द्वारा बजट निर्माण में आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। ये आंकड़े ही जनहितकारी नीतियों का आधार स्तंभ होते हैं। इसलिये आंकड़ों का संग्रहण और विश्लेषण बड़ी सावधानी से करना चाहिये। इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के सदस्य प्रोफेसर दिनेश मरोठिया ने प्रशासनिक सांख्यिकी के महत्व पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्य देशों की तरह भारत में भी प्रशासनिक सांख्यिकी कार्यालयीन सांख्यिकी तंत्र का प्रमुख घटक है और सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ प्रशासनिक सांख्यिकी सही समय तात्कालिक रूप से तैयार किया जा सकता है और निर्णय निर्माण तथा मूल्यांकन में और अधिक उपयोगी हो सकता है। कार्यशाला में सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अनिल साहू, सेवानिवृत्त सचिव श्री डी एस मिश्रा,श्री अमिताभ पंडा,श्री ईवी गंगाधर राव, सहित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

क्रमांक- 1378/नितिन

रायपुर : फोटो : पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राज्य स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई..

रायपुर, 29 जून 2017

पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राज्य स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, सांसद सर्वश्री रमेश बैस, चन्दूलाल साहू, दिनेश कश्यप एवं ताम्रध्वज साहू, विधायक श्री अशोक साहू एवं श्री जनकराम वर्मा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत एवं सचिव श्री पी.सी. मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत अधिक से अधिक प्रकरण स्वीकृत करने के निर्देश : मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक

रायपुर, 29 जून 2017


मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री ढांड ने शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत हितग्राहियों के बैंक खातों को आधार सीडिंग एवं मोबाईल नम्बर से लिंक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को दी जाने वाली सहायता राशि का तत्काल भुगतान बैंकों के माध्यम से हो सके। इसके लिए शत-प्रतिशत उनके बैंक खातों को आधार एवं मोबाईल से लिंक किया जाए। श्री ढांड ने अंत्योदय स्वरोजगार योजना, आदिवासी स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण एवं शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विभिन्न हितग्राही मूलक योजना के तहत ऋण प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने इन योजनाओं के तहत अधिक से अधिक प्रकरणों को स्वीकृत करने और ऋण-अनुदान देकर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के निर्धारित लक्ष्य की शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए भी बैंकों को निर्देश दिए। श्री ढांड ने ग्रामीण क्षेत्रों एवं अनुसूचित क्षेत्रों की बैंक शाखाओं में पर्याप्त मात्रा में नगद राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश बैक अधिकारियों को दिए। उन्होंने राज्य के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में सहकारी बैंक की शाखाएं खोलने और बैंक मित्र बनाने पर भी जोर दिया।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 31 मई 2017 तक एक करोड़ 23 लाख 82 हजार खातें खोलें जा चुके है। इनमें से 87 लाख 56 हजार खातें आधार से सीडिंग हो गए हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत नौ लाख 48 हजार, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 41 लाख 67 हजार और अटल पेंशन योजना के तहत 78 हजार लोगों शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन लाख 19 हजार लोगों को 1897 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई। बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं स्टैण्ड-अप इंडिया योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अजय सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री एम.के. राउत, प्रमुख सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, भारत सरकार वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अमित अग्रवाल, सचिव खाद्य श्रीमती ऋचा शर्मा, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री पी.सी. मिश्रा, सचिव महिला एवं बाल विकास डॉ. एम.गीता, विशेष सचिव वित्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, विशेष सचिव नगरीय प्रशासन डॉ. रोहित यादव, विशेष सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास सुश्री रीनाबाबा साहेब कंगाले सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, नाबार्ड सहित विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

क्रमांक-1379/ सुदेश/काशी

Raipur : Chief Secretary calls upon bankers to sanction loans expeditiously

Raipur, 29 June 2017

 
Chief Secretary Mr. Vivek Dhand today presided over a State-level Bankers' meet at Mantralaya (Mahanadi bHawan). He called upon the bankers to link the bank accounts to Aadhaar seeding and mobile numbers so that the beneficiaries of the various social welfare schemes are not inconvenienced and payments are not delayed.  There should not be any delay in upgrading the bank accounts. He reviewed loans' process relating to Antyodaya Self-Employment Scheme, Adivasi Self-Employment Scheme,  National Rural and Urban Livelihood Mission,  Prime Minister Rojgaar Srujan Karylram,  Prime Minister Housing Project and various other projects. He instructed the bank officials to provide adequate supply cash in the rural areas of the State and in particular Scheduled Caste and Scheduled Tribes' regions.

1379/Sudesh/Pradeep

जीएसटी में टीडीएस के प्रावधान अभी लागू नहीं होंगे : शासकीय विभागों को टीडीएस कटौती के लिए पंजीयन कराना जरूरी : पंजीयन 20 जुलाई से शुरू होगा

रायपुर, 29 जून 2017
 राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि वस्तु एवं सेवा कर एक जुलाई 2017 से लागू हो रहा है, परन्तु इस अधिनियम के टीडीएस के प्रावधान को अभी लागू नहीं किया जा रहा है।
    संभागीय उपायुक्त वाणिज्यिक कर (रायपुर संभाग-1) से आज यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार टीडीएस कटौती के लिए सरकारी विभागों के लिए यह व्यवस्था की गई है कि यदि वस्तु/सेवा की आपूर्ति का भुगतान ढाई लाख रूपए प्रति कान्टेªक्ट से ज्यादा होगा, तो विभागों को एक प्रतिशत सीजीएसटी या एक प्रतिशत एसजीएसटी की दस से टीडीएस काटना होगा, परन्तु वर्तमान में जीएसटी के अंतर्गत यह प्रावधान लागू नहीं किया गया है। इसीलिए जीएसटी के अंतर्गत टीडीएस के प्रावधान लागू होने तक एक प्रतिशत सीजीएसटी या एक प्रतिशत एसजीएसटी की दर से टीडीएस की कटौती नहीं करनी है। इस प्रावधान के लागू होने की तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
 अधिकारियों ने बताया कि शासकीय विभागों को टीडीएस की कटौती के लिए पंजीयन जरूरी है। टीडीएस पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया 20 जुलाई 2017 से शुरू हो रही है। यह सुविधा जीएसटी नेटवर्क पर उपलब्ध होगी। शासकीय विभागों द्वारा वेबसाईट डब्ल्यूडल्ब्ल्यूडल्ब्यूडॉटजीएसटीडॉटजीओवीडॉटइन (www.gst.gov.in) में लॉग आन कर भी पंजीयन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जीएसटी सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। शासकीय विभागों के प्रतिनिधि इन सेवा केन्द्रों में उपस्थित होकर या दूरभाष के माध्यम से अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं।
   क्रमांक-1386/राजेश

कार्य योजना बनाकर ग्रामीणों की समस्याओं का करें निराकरण: श्री अजय चन्द्राकर : राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक

रायपुर, 29 जून 2017

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) के समिति कक्ष में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक हुई। श्री चन्द्राकर ने बैठक में कहा कि हम सबको ग्रामीण विकास से जुड़े सभी विभागों को आपसी सामंजस्य के साथ बेहतर कार्य करना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों और हितग्राहियों की समस्याओं को कार्य योजना बनाकर निराकरण करने पर बल दिया।
बैठक मंे अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास(ग्रामीण), महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, और स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) योजनाओं में प्राप्त उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक मंे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, रायपुर लोकसभा के सांसद रमेश बैस, दुर्ग लोकसभा के सांसद श्री ताम्रध्वज साहू, महासमुन्द लोकसभा के सांसद श्री चन्दूलाल साहू, बस्तर लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप, विधान सभा क्षेत्र कवर्धा के विधायक श्री अशोक साहू, बलौदाबाजार विधायक श्री जनकराम वर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, सचिव श्री पी.सी. मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पंचायत मंत्री ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के तहत पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभाविन्त करने को कहा। उन्हांेने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण गरीब और बेघरबार परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए संचालित प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत वास्तविक हितग्राहियों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराने के लिए सहायता दी जानी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष आवास विहीन परिवारों के लिए दो लाख 32 हजार मकान बनाने का लक्ष्य था। वित्तीय वर्ष 2017-18 में छह लाख मकान बनाने का प्रावधान किया गया है। इस दिशा में तेजी कार्य किया जा रहा हैं। बैठक में अधिकारियों ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किए जा रहे कार्योें की जानकारी दी।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामीण गरीब महिलाओं को परंपरागत व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतर कार्य करना चाहिए। उनके लिए अन्य व्यापारियों की तरह ही बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत अब तक प्रदेश के 85 सघन विकासखण्डों में पंाच लाख 64 हजार से अधिक महिलाओं को स्व सहायता समूहांें के जरिए लाभान्वित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने मनरेगा की उपलब्धियों के सबंध मंे विस्तार से जानकारी दी। मनरेगा के तहत प्रदेश में 36 लाख 54 हजार परिवार पंजीकृत हैं। इनमें अनुसूचित जाति वर्ग के तीन लाख 85 हजार तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 12 लाख 51 हजार परिवार शामिल हैं।
बैठक में बताया गया कि मांग के आधार पर 21 लाख 32 हजार परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया हैं। इसके अतिरिक्त विभागीय अभिसरण के जरिए ग्राम पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, मिनी स्टेडियम निर्माण,तालाब और डबरी निर्माण सहित मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के मिट्टी कार्य किए जा रहे है। मनरेगा के श्रमिकों को कोर बैंकिग के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, जिसके चलते मजदूरी भुगतान में सुविधा हो रही है। श्री चन्द्राकर ने समय सीमा मंे मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया की प्रशंसा की। उन्होंने मजदूरों को और अधिक सुविधा जनक ढंग से मजदूरी का भुगतान करने के लिए आधुनिकतम तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करने पर जोर दिया। बैठक में सांसदों और विधायकों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत कराया तथा उचित मार्गदर्शन और सुझाव दिए।  
क्रमांक-1385/ओम

छह सहकारी समितियों में रसोई गैस गोदाम बनाने 92.75 लाख स्वीकृत

रायपुर, 29 जून 2017
राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत पचास प्राथमिक सहकारी समितियों को रसोई गैस वितरण एजेंसी बनाया गया है। राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) द्वारा रायगढ़ जिले की चार समितियों को और जशपुर जिले की दो सहकारी समितियों को गैस गोदाम और शोरूम बनाने के लिए 92 लाख 75 हजार रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया है।
राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत रायगढ़ जिले के विकासखण्ड सारंगढ़ की सहकारी समिति छिंद को 19 लाख रूपए, लैलूंगा विकासखण्ड के अंतर्गत लिबरा सहकारी समिति को 13 लाख 75 हजार रूपए, लारीपानी सहकारी समिति को 14 लाख रूपए और सराईटोला सहकारी समिति को छह लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। इसी तरह से जशपुर जिले के अंतर्गत मनोरा विकासखण्ड में मनोरा सहकारी समिति और कुनकुरी विकासखण्ड में कुनकुरी सहकारी समिति को गैस गोदाम बनाने के लिए 20-20 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। 
   क्रमांक-1384/चौधरी

प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात : मुख्यमंत्री आज करेंगे आधा दर्जन नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

रायपुर, 13 जुलाई 2017 प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात मिली है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 14 जुलाई को बालोद जिले के प्...