छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जिसने जारी की विद्यार्थियों की एम्प्लॉयबिलिटी रिपोर्ट
एमकेट परीक्षा में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने दिए प्रमाण पत्र
एमकेट परीक्षा में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने दिए प्रमाण पत्र
‘चिप्स के फेसबुक पेज पर की गयी परीक्षा परिणाम की घोषणा’
‘रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए राज्य शासन की पहल’
मुख्यमंत्री ने फेसबुक लाइव पर दिया विद्यार्थियों को संदेश
रायपुर, 29 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से चिप्स के फेसबुक पेज ChipsCgGov (चिप्ससीजीगॉव) पर मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के अंर्तगत आयोजित एमकेट परीक्षा का परिणाम घोषित किया। इस अवसर पर एमकेट परीक्षा में बैंचमार्क नम्बर पाने वाले प्रथम क्रम के विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सफल विद्यार्थियों के लिए प्रतिष्ठित कम्पनियों में सीधे रोजगार प्राप्त करने का यह सुअवसर है। डॉ. सिंह ने कहा कि बैंचमार्क नम्बर से कम प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को निराश होने की आवश्यकता नही है। ऐसे विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा जुलाई माह से प्रशिक्षण देकर उनके रोजगार प्राप्त करने की योग्यता (Employablity) को बढ़ाया जायेगा, ताकि उन्हे भी रोजगार प्राप्त करने अवसर मिले। इस योजना के द्वारा राज्य शासन ने विद्यार्थियों के कौशल का विश्लेषण कर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उनकी क्षमता का विकास किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चिप्स द्वारा बनाये गये State Employability Report का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव श्री एन.बैजेन्द्र कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख श्री अमन कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, जनसंपर्क विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने कहा कि रोजगार के लिए विद्यार्थियों के कौशल के उन्नयन में यह योजना काफी सहायक साबित होगी। इलेक्ट्रॅानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन सिंह ने बताया कि राज्य में अनेक प्रमुख राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों जैसे- आई.आई.टी., एम्स, एन.आई.टी., एच.एन.एल.यू., ट्रिपल आई.टी, आई.आई.एम. आदि की उपस्थिति के कारण छत्तीसगढ़ ने स्वयं को देश में एजुकेशन हब के रूप में स्थापित कर लिया है। परन्तु राज्य के स्नातक होने वाले विद्यार्थियों और रोजगार पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या के बीच अंतर है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना प्रारंभ की है। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह देखा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं के क्षेत्र में नियोक्ता रोजगार देने के पूर्व छात्रों को अपनी तकनीकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। इसी बात को ध्यान रखते हुए राज्य शासन ने उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थियों की रोजगार प्राप्त करने की योग्यता (Employablity) बढ़ाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के संचालन से राज्य की प्रतिभाओं को तकनीकी रूप से दक्ष करते हुए छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में अनेक कम्पनियां रोजगार की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ आने पर विचार करेंगी। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना की जानकारी देते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि इस वर्ष लगभग 30 हजार विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर 5 हजार को प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में इस योजना मंे 12 हजार इंजीनियरिंग तथा गैर-इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है।
राज्य शासन का प्रयास है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्रों में से अधिक से अधिक के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध होने से स्थानीय आईटी/आईटीईएस उद्योग को भी और अधिक गति मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों से अन्य विद्यार्थियों को भी तकनीकी कौशल बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चिप्स द्वारा बनाये गये State Employability Report का विमोचन भी किया। इस अवसर पर कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव श्री एन.बैजेन्द्र कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख श्री अमन कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, जनसंपर्क विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने कहा कि रोजगार के लिए विद्यार्थियों के कौशल के उन्नयन में यह योजना काफी सहायक साबित होगी। इलेक्ट्रॅानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन सिंह ने बताया कि राज्य में अनेक प्रमुख राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों जैसे- आई.आई.टी., एम्स, एन.आई.टी., एच.एन.एल.यू., ट्रिपल आई.टी, आई.आई.एम. आदि की उपस्थिति के कारण छत्तीसगढ़ ने स्वयं को देश में एजुकेशन हब के रूप में स्थापित कर लिया है। परन्तु राज्य के स्नातक होने वाले विद्यार्थियों और रोजगार पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या के बीच अंतर है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना प्रारंभ की है। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। यह देखा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं के क्षेत्र में नियोक्ता रोजगार देने के पूर्व छात्रों को अपनी तकनीकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। इसी बात को ध्यान रखते हुए राज्य शासन ने उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थियों की रोजगार प्राप्त करने की योग्यता (Employablity) बढ़ाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के संचालन से राज्य की प्रतिभाओं को तकनीकी रूप से दक्ष करते हुए छत्तीसगढ़ की विश्वसनीयता स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में अनेक कम्पनियां रोजगार की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ आने पर विचार करेंगी। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना की जानकारी देते हुए चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन ने बताया कि इस वर्ष लगभग 30 हजार विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर 5 हजार को प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में इस योजना मंे 12 हजार इंजीनियरिंग तथा गैर-इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है।
राज्य शासन का प्रयास है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्रों में से अधिक से अधिक के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध होने से स्थानीय आईटी/आईटीईएस उद्योग को भी और अधिक गति मिलेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों से अन्य विद्यार्थियों को भी तकनीकी कौशल बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी।
क्रमांक-1387/सोलंकी