Sunday, 2 July 2017

करीब 34 हजार दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा : दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित

करीब 34 हजार दिव्यांग छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा
दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार दिव्यांग बच्चों के लिए 
पहली बार तय की गई राज्य छात्रवृत्ति की नयी दरें
समाज कल्याण विभाग ने जारी किया आदेश 

रायपुर, 02 जुलाई 2017

 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना जारी कर दी है। इसमें राज्य और केन्द्र की छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित की गई हैं। प्रदेश के 34 हजार दिव्यांग विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। राज्य शासन द्वारा संचालित दिव्यांग
छात्रवृत्ति कक्षा पहली से बारहवीं तक के नियमित विद्यार्थियों को मिलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लगभग सोलह वर्ष बाद पहली बार नयी दरों का निर्धारण हुआ है। केन्द्रीय दिव्यांगजन छात्रवृत्ति के अंतर्गत प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को दी जाएगी, जबकि पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति 11वीं और 12वीं कक्षा के दिव्यांग विद्यार्थियों को सभी पोस्ट मेट्रिक स्तर के पाठ्यक्रमों में मिलेगी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) सहित पॉलिटेक्निक में तीन वर्ष के डिप्लोमा पाठ्यक्रम, चिकित्सा, तकनीकी शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रम, स्नातक स्तर के व्यासायिक पाठ्यक्रम, कला, वाणिज्य और विज्ञान के नियमित दिव्यांग विद्यार्थियों को भी पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति की नयी दरों के निर्धारण पर खुशी प्रकट है और उम्मीद जताई है कि अधिक से अधिक दिव्यांग विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की  घोषणा के अनुरूप समाज कल्याण विभाग ने दिव्यांग छात्रवृत्ति की नयी दरों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज यहां बताया कि नयी दरें राज्य निर्माण के बाद पहली बार निर्धारित की गई है। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने भी दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण से छात्रवृत्ति की नयी दरें घोषित की है।
श्री बोरा ने बताया कि प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को परिपत्र के रूप में आदेश जारी  कर दिया गया है। यह परिपत्र प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालकों और उप संचालकों, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्तों और प्रदेश के सभी नगर निगमों के आयुक्तों और नगर पालिका तथा नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी किया गया है।
परिपत्र में दिए गए निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ निवासी 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले विद्यार्थी, जो विगत परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हों, उन्हें इन छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिलेगा। प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदक के अभिभावक की अधिकतम वार्षिक आमदनी दो लाख रूपए और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदक के अभिभावक की अधिकतम वार्षिक आमदनी ढाई लाख रूपए होगी। पूर्व माध्यमिक स्तर की छात्रवृत्ति के लिए कोई आमदनी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। राज्य शासन द्वारा अथवा केन्द्रीय योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति एवं भत्ते की दरें समय-समय पर प्रशासकीय आदेशों के द्वारा निर्धारित की जाएगी। वर्तमान में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजना में प्राथमिक स्तर पर कक्षा पहली से पांचवीं तक 100 रूपए छात्रवृत्ति और 50 रूपए संधारण भत्ता मिलाकर कुल 150 रूपए हर महीने दिए जाएंगे। पूर्व माध्यमिक स्तर पर कक्षा 6वीं से 8वीं तक 120 रूपए की छात्रवृत्ति और 50 रूपए संधारण भत्ता मिलाकर 170 रूपए मासिक दिए जाएंगे। केन्द्रीय दिव्यांगजन छात्रवृत्ति के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा विद्यार्थियों को सीधे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। इसके अंतर्गत कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यार्थियों को राज्य की दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना से अतिरिक्त छात्रवृत्ति दी जाएगी, जो राज्य की दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के मद से जारी होगी। केन्द्रीय योजना के तहत प्री-मेट्रिक दिव्यांग छात्रवृत्ति के अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को हर महीने केन्द्रीय सहायता के रूप में 350 रूपए और राज्य योजना से 190 रूपए इस प्रकार 540 रूपए मिलेंगे। छात्रावास में रहने वाले अंतःवासी विद्यार्थी को केन्द्रीय सहायता मद से 600 रूपए और राज्य योजना से 190 रूपए, इस प्रकार 790 रूपए मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी। पुस्तक और तदर्थ अनुदान 750 रूपए वार्षिक होगा। अंतःवासी विद्यार्थी को इस मद में एक हजार रूपए हर महीने दिए जाएंगे। दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को केन्द्र से 160 रूपए और राज्य से 100 रूपए हर महीने वाचक भत्ता भी मिलेगा। ऐसे दिव्यांग विद्यार्थी जो छात्रावास में नहीं रहते, उन्हें 160 रूपए मासिक परिवहन भत्ता दिया जाएगा। गंभीर दिव्यांग अर्थात 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा दिव्यांगता वाले दैनिक विद्यार्थियों को हर महीने 160 रूपए मासिक अनुरक्षक भत्ता दिया जाएगा। छात्रावासों में निवासरत, गंभीर अस्थि बाधित विद्यार्थियों को जिन्हें सहायता की जरूरत है, उनकों सहयोग प्रदान करने के लिए किसी सहायक को रखने पर 160 रूपए मासिक सहायक भत्ता दिया जाएगा। मानसिक रूप से अविकसित और मनोरोगी विद्यार्थियों को मासिक 240 रूपए का कोचिंग भत्ता भी मिलेगा। 
समाज कल्याण सचिव श्री बोरा ने बताया कि केन्द्रीय योजना के तहत पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति सम्पूर्ण पाठ्यक्रम अवधि में दी जाएगी। इसमें रखरखाव भत्ता, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रमों में अंतःवासी छात्रों के लिए 1200 रूपए और अन्य (दैनिक) के लिए 550 रूपए मासिक होगा। व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत स्नातक, डिप्लोमा सर्टिफिकेट, बीफार्मा, एलएलबी, बीएफएस, पैरा मेडिकल आदि पाठ्यक्रमों में दैनिक छात्रों के लिए हर महीने 530 रूपए और छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए हर महीने 820 रूपए रखरखाव भत्ता दिया जाएगा। पोस्ट मेट्रिक स्तर के पाठ्यक्रमों में, जिनमें प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल पास निर्धारित है, जैसे आईटीआई पॉलिटेक्निक आदि, उनमें दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रावास में रहने पर 380 रूपए और गैर छात्रावासी होने पर 230 रूपए का मासिक रखरखाव भत्ता मिलेगा। यह भत्ता 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को छात्रावासी होने पर 190 रूपए और गैर छात्रावासी होने पर भी 190 रूपए राज्य योजना से हर महीने दिया जाएगा। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में दृष्टि बाधित विद्यार्थियों को मासिक 240 रूपए का वाचक भत्ता सभी पाठ्यक्रमों के लिए मिलेगा। गैर छात्रावासी दिव्यांग छात्र-छात्राओं को हर महीने 160 रूपए का परिवहन भत्ता दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के 19 जून के इस परिपत्र में छात्रवृत्ति और भत्तों के दरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन करना होगा। केन्द्रीय छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाईन आवेदन का प्रारूप नेशनल ई-स्कॉलरशिप पोर्टल में और राज्य छात्रवृत्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटएसडब्ल्यूडॉटसीजीडॉटजीओवीडॉटइन (www.sw.cg.gov.in) पर उपलब्ध है। इसमें विद्यार्थियों को एक आईडी मिलेगी, जो सम्पूर्ण शैक्षणिक अवधि के लिए मान्य होगी। आवेदन का हर साल नवीनिकरण किया जाएगा। कक्षा 9वीं और उससे उपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों को राज्य की अतिरिक्त सहायता के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। केन्द्रीय छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र पर ही इसे स्वतः आवेदित माना जाएगा। ऑनलाईन आवेदन नहीं कर पाने की स्थिति में आवश्यक अभिलेखों के साथ दिव्यांग विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्था में ऑफ लाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। संस्था प्रमुख प्रधान अध्यापक अथवा प्राचार्य का यह दायित्व होगा कि वे उनके ऑफ लाईन आवेदनों पर ऑनलाईन प्रविष्टि करें। 

   क्रमांक-1430/स्वराज्य

छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए 815 करोड़ से ज्यादा की पंचवर्षीय कार्य योजना : किसानों की आमदनी दोगुनी करने कई आकर्षक प्रावधान

मिल्क-रूट की तरह साग-सब्जी रूट भी विकसित किए जाएंगे
राज्य में उद्यानिकी फसलों का रकबा 7.47 लाख हेक्टेयर से
लगभग 12 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य
प्रदेश भर में खोले जाएंगे एक हजार कृषि यंत्र केन्द्र    
रायपुर, 02 जुलाई 2017
 उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देने और इन फसलों की खेती से जुड़े किसानों को बेहतर बाजार दिलाकर उनकी आमदनी दोगुनी करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। चालू वित्त्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक कार्य योजना के विभिन्न घटकों में लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए 815 करोड़ 59 लाख रूपए के प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। इसमें मिल्क-रूट की तरह साग-सब्जी रूट बनाने का भी प्रस्ताव है। रोड मैप के रूप में यह कार्य योजना वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए तैयार की गई है। कार्य योजना में कई आकर्षक प्रावधान किए गए हैं। इसमें ग्राम समूहों (क्लस्टरों) समूहों का चयन कर साग-सब्जी रूट तैयार करने का भी लक्ष्य है। मिल्क-रूट में जिस प्रकार दूध उत्पादक किसानों से दूध संकलित किया जाता है, प्रत्येक साग-सब्जी रूट के गांवों के किसानों से भी उसी तर्ज पर उनकी उपज का संकलन कर बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर भारत में वर्ष 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर को ध्यान में रखकर सभी राज्यों को वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी डबल करने का लक्ष्य दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए रोड मैप तैयार कर उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। डॉ. रमन सिंह ने आज कहा कि वर्ष 2022 तक प्रदेश के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए जो कुछ भी करना पड़ेगा हम करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस रोड मैप में बस्तर और सरगुजा संभाग को जैविक खेती के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित करने का भी लक्ष्य घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के किसान खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों का इस्तेमाल कर सकें इस उद्देश्य से कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने एक हजार कृषि यंत्र सेवा केन्द्र भी स्थापित किए जाएंगे।
 कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल इस पंचवर्षीय रोड मैप में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन और सम्बद्ध विभागों को दिए गए विभागवार लक्ष्यों के अनुरूप प्रदेश में चल रही गतिविधियों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में विभागीय अधिकारियों ने आज बताया कि राज्य में वर्ष 2004-05 से 2016-17 तक तेरह वर्षो में उद्यानिकी फसलों का रकबा 2.71 गुना बढ़कर सात लाख 41 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कार्य योजना में इसे वर्ष 2021-22 तक ग्यारह लाख 93 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। वर्तमान में प्रदेश में दो लाख 25 हजार हेक्टेयर में फलों की खेती हो रही है, इसे वर्ष 2022 तक छह लाख 62 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान राज्य में सब्जियों की खेती के रकबे को चार लाख 14 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर छह लाख 67 हजार हेक्टेयर तक, मसालों की खेती को 91 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख 46 हजार हेक्टेयर और फूलों की खेती को 11 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 18 हजार हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
राज्य में आज की स्थिति में उद्यानिकी फसलों की पैदावार लगभग 86 लाख मीटरिक टन है। इसे पांच वर्ष के भीतर और भी अधिक बढ़ाया जाएगा। रोड मैप में उद्यानिकी विभाग द्वारा  इसके अंतर्गत कई कार्य लिए जाएंगे। जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखकर प्रदेश में ग्रीन अथवा शेड नेट हाऊस के क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, खरीफ मौसम की प्याज की खेती को रबी मौसम में भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि प्याज की कीमतों में संतुलन के साथ-साथ किसानों को उसका उचित मूल्य मिल सके। साग-सब्जियों और अन्य उद्यानिकी फसलों की तोड़ाई के बाद उनके समुचित रख-रखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज, प्याज भण्डार गृह, पैक हाउस आदि का निर्माण भी क्लस्टर पद्धति से किया जाएगा। उद्यानिकी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। आम, अमरूद, नीबू, बेर, अनार, प्याज, टमाटर और आलू आदि के प्रसंस्करण और पैकेजिंग के लिए लघु और मध्यम प्रसंस्करण उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि प्रदेश के उद्यानिकी किसान अपनी इन फसलों को प्रसंस्करण उद्योगों में भी उचित मूल्य पर बेच सकें। फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण के तहत जेम, जेली, अचार, मुरब्बा, शरबत आदि बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ लोगों को इनके प्रसंस्करण उद्योगों से भी जोड़ा जाएगा। कार्य योजना में हर साल 20 रोपणियों के आधुनिकीकरण का भी लक्ष्य है, ताकि किसानों को अच्छी क्वालिटी के पौधे मिल सके। लक्ष्य पूर्ति के लिए चल रहे प्रयासों के साथ-साथ किसानों और उद्यानिकी कर्मचारियों के कौशल उन्नयन की दृष्टि से उनके प्रशिक्षण का प्रावधान भी कार्य योजना में किया गया है। 
क्रमांक-1429/स्वराज्य

राज्य में पांच शहरों की 484 राशन दुकानों में कोर-पीडीएस लागू : दो दिन में बीस हजार से अधिक कार्ड धारकों ने लिया राशन

राशन कार्ड धारकों को अपनी पसंद की दुकान से राशन लेने की सुविधा

    रायपुर, 02 जुलाई 2017
 सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के पांच शहरों - रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और धमतरी की 484 राशन दुकानों में कल एक जुलाई से कोर-पीडीएस लागू की गई है। इस योजना से राशन कार्ड धारकों को अपनी पंसद की दुकान से राशन लेने के लिए दुकान चयन करने का अधिकार दिया गया है। इन शहरों के राशन कार्ड धारक जो अपना आधार नम्बर अपने राशन कार्ड में जुड़वा चुके हैं, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध है। इस व्यवस्था से केवल ऑनलाईन राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पिछले दो दिनों में 20 हजार 168 राशन कार्ड धारकों द्वारा कोर-पीडीएस से राशन सामग्री पाप्त की जा चुकी है। इन पांच शहरों में संचालित 484 शासकीय राशन दुकानों से दो लाख 85 हजार राशन कार्ड धारक जुड़े हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग शहर में तीन हजार 923, धमतरी में 785, बिलासपुर में दो हजार 433, भिलाई में छह हजार 828 और रायपुर शहर में छह हजार 199 राशन कार्ड धारकों द्वारा राशन सामग्री प्राप्त की गई है। राशन कार्ड धारकों द्वारा इस सुविधा को बहुत पसंद किया जा रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार कोर-पीडीएस दुकानों का निरीक्षण कर कनेक्टिविटी या अन्य किसी भी समस्या का समाधान किया जा रहा है।  

क्रमांक-1428/काशी

प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात : मुख्यमंत्री आज करेंगे आधा दर्जन नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

रायपुर, 13 जुलाई 2017 प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात मिली है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 14 जुलाई को बालोद जिले के प्...