Thursday, 8 June 2017

विशेष आलेख : सबके वास्ते तेजी से खुल रहे तरक्की के रास्ते

   विशेष आलेख - स्वराज कुमार,

   विकास की मुख्य धारा सहज-सुगम, सुरक्षित और बेहतरीन रास्तों से ही दूर-दूर तक और जन-जन तक पहुंच सकती है। पहुंच भी रही है। छत्तीसगढ़ में तरक्की के रास्ते सबके वास्ते तेजी से खुल रहे हैं। सबके साथ सबका विकास की भावना के अनुरूप केन्द्र के सहयोग से राज्य सरकार सड़कों के बेहतर नेटवर्क के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। 
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में रक्त संचार के लिए जितना महत्व धमनियों और शिराओं का है, देश की सेहत को बेहतर बनाए रखने में उतना ही बड़ा योगदान अच्छी सड़कों का होता है। पक्के और बारहमासी रास्ते न सिर्फ गांवों, शहरों और राज्यों को एक-दूसरे को जोड़ते हैं, न सिर्फ इन रास्तों से माल परिवहन के जरिए व्यापार-व्यवसाय सहित रोजगार को बढ़ावा मिलता है, बल्कि ये रास्ते लोगों के दिलों को भी आपस में जोड़कर रखते हैं। चिकित्सा सेवाएं, उपभोक्ता वस्तुएं, आम जनता तक आसानी से पहुंचती हैं। किसान अपनी उपज बाजारों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। 
इसमें दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार के प्रथम तीन वर्ष में पूरे देश में सड़क नेटवर्क के विकास और विस्तार का जो अभियान शुरू किया गया था, उसके फलस्वरूप अधिकांश राज्यों में जनता को पक्की और चौड़ी सड़कों में बारहमासी यातायात की बेहतरीन सुविधाएं मिलने लगी हैं। राज्यों की राजधानियों और वहां के जिला तथा विकासखण्ड मुख्यालयों के बीच दूरिया भले ही कम नहीं हुई हैं, लेकिन अच्छी सड़कों की वजह से वहां तक आने-जाने में समय की काफी बचत हो रही है। कामकाजी लोगों के लिए भी यह काफी लाभदायक साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। 
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सम्पर्क क्रांति की जिस अवधारणा पर बल दिया है, उसमें संचार क्रांति के तहत न सिर्फ मोबाइल फोन और रेल कनेक्टिविटी, बल्कि सड़क सम्पर्क का नेटवर्क भी शामिल है। राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को बारहमासी सुगम यातायात की सुविधा देने के लिए लगभग 26 हजार 779 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इन सड़कों के जरिए आठ हजार 611 बसाहटों को मुख्य सड़कों के जरिए ब्लॉक मुख्यालयों और जिला मुख्यालयों से जोड़ दिया गया है। राज्य में रमन सरकार की यह तीसरी पारी है। आप पढ़ रहे हैं स्वराज कुमार का विशेष आलेख। विगत तेरह वर्षों में लोक निर्माण विभाग ने भी सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। नदी-नालों में पुल निर्माण भी सड़क यातायात को बनाए रखने के लिए काफी जरूरी होता है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पहले वर्ष 1978 से वर्ष 2000 तक लगभग 22 वर्ष में लोक निर्माण विभाग ने यहां सिर्फ 89 पुलों का निर्माण किया था। 
अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद छत्तीसगढ़ ने वर्ष 2000 से 2003 तक तीन साल में लोक निर्माण विभाग द्वारा केवल 66 नग पुलों का निर्माण किया गया, जबकि वर्ष 2004 से 2017 तक यानी लगभग 14 वर्ष में विभाग ने 965 नग पुल बनाने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इनमें से 209 पुल नक्सल प्रभावित सरगुजा इलाके में और 134 पुल बस्तर इलाके में बनाए गए हैं। इन 965 पुलों में बारह रेल्वे ओव्हर ब्रिज, तीन रेल्वे अंडर ब्रिज और दो फ्लाई ओव्हर भी शामिल हैं। वर्ष 2016-17 में 61 पुलों का निर्माण किया गया, जबकि आज की स्थिति में 182 पुलों का निर्माण प्रगति पर है। रमन सरकार के लिए राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित सुकमा जिले में दोरनापाल-कालीमेला मार्ग पर शबरी नदी में 500 मीटर लम्बे पुल का निर्माण करना एक बड़ा चैलेंज था। 
राज्य सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार किया। पुलिस और केन्द्रीय सुरक्षा बलों के सहयोग से लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों और श्रमिकों ने मिलकर यह कार्य पूर्ण कर दिखाया। इसके निर्माण में ग्यारह साल लम्बा वक्त लगा, लेकिन निर्माण पूरा हुआ और इस वर्ष 2017 के प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने क्षेत्र की जनता के आग्रह पर वहां जाकर इसका लोकार्पण किया। डॉ. रमन सिंह ने इस बार के लोक सुराज अभियान को किसी भी प्रकार के लोकार्पण और शिलान्यास से अलग रखने का निर्णय लिया था, लेकिन राज्य के अंतिम छोर के इस जिले की कठिन परिस्थितियों में जिस उत्साह के साथ पुल का निर्माण हुआ और जिस आत्मीयता से लोगों ने मुख्यमंत्री को इसके लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया, उसे देखते हुए डॉ. सिंह ने मौके पर पहुंचकर पुल जनता को समर्पित किया। मुख्यमंत्री के शब्दों में-इस बार के लोक सुराज में सिर्फ एक लोकार्पण का कार्य हुआ, जो मेरे जीवन का सबसे सुखद अनुभव है। अभियान के तहत प्रदेश व्यापी दौरे के प्रथम दिवस पर तीन अप्रैल को जब मैं शबरी नदी पर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों को जोड़ने वाले इस नवनिर्मित पुल पर पहुंचा तो वहां दोनों राज्यों के हजारों आदिवासियों के उत्साह और उमंग को देखकर मैं भावुक हो उठा। सुकमा जिले में ही नगर पंचायत कोंटा से ओड़िशा जाने वाले मार्ग पर शबरी नदी में मोटूघाट पर भी एक पुल बनाने का काम शुरू किया गया है। 
बहरहाल राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी कठिन से कठिन परिस्थितियों में सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण चल रहा है। गरियाबंद जिले में ओड़िशा की सरहद पर देवभोग क्षेत्र में कुम्हड़ई-झाखरपारा के रास्ते में तेल नदी सेतु, नहरगांव-नागाबुड़ा-बारूला मार्ग में पैरी नदी पर निर्मित पुल, सरईभदर-जड़जड़ा मार्ग में सोंढूर नदी पर निर्मित पुल, राजनांदगांव जिले में कोलबिर्रा-सिलपहरी मार्ग पर सोन नदी और खुज्जी नाले में निर्मित पुल और सांकरदहरा के पांगरीटोली-देवरीमार्ग पर शिवनाथ नदी में निर्मित उच्चस्तरीय पुल राज्य सरकार की प्राथमिकता का प्रमाण देते हैं। इसी कड़ी में बिलासपुर के चकरभाटा और राजधानी रायपुर के टाटीबंध में निर्मित रेल्वे ओव्हर ब्रिज ने यातायात को और भी आसान बना दिया है। राजधानी रायपुर में आमानाका के रेल्वे ओव्हर ब्रिज का चौड़ीकरण हो रहा है। दुर्ग-दल्लीराजहरा रेल लाईन पर मरोदा रेल्वे क्रांसिंग में भी रेल्वे ओव्हर ब्रिज का भी निर्माण किया जा रहा है। राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित मदनवाड़ा इलाके में भूरके नदी पर मदनवाड़ा-बसेली-सहपाल मार्ग में भी पुल निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। अरपा नदी में नगोई-नगपुरा मार्ग पर पुल निर्माण किया जा रहा है। 
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन का कार्य भी काफी तेजी से चल रहा है। मार्च 2004 तक राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या ग्यारह थी, जिनकी लम्बाई 2226 किलोमीटर थी। वर्तमान में इनकी संख्या 20 हो गई है और लम्बाई 3218 किलोमीटर तक पहुंच गई है। अप्रैल 2004 से वर्ष 2017 तक राज्य में 2440 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन आदि के लिए 14 हजार 157 करोड़ रूपए से ज्यादा के 94 निर्माण कार्य हाथ में लिए गए। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अंतर्गत 1886 किलोमीटर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में 863 किलोमीटर सड़कों के कार्य अप्रैल 2004 से मार्च 2014 के बीच मंजूर हुए। अब तक इनमें से 1338 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 163 के अंतर्गत भोपालपटनम से तरलागुड़ा के रास्ते तक चिंताबागू नदी और तारूड़नदी तथा एक बरसाती नाले पर तीन नग पुलों का निर्माण भी प्रगति पर है। इन्हें वर्ष 2018 तक पूर्ण करने की कार्य योजना बनाई गई है। भोपालपटनम से तरलागुड़ा तक और सुकमा से कोंटा तक पक्की और चौड़ी सड़कों का विस्तार किया जा रहा है। सरायपाली (जिला-महासमुंद) से जिला मुख्यालय रायगढ़ तक 81 किलोमीटर सड़क उन्नयन के लिए भी काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए 496 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गई है। इसे मार्च 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। नए राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 पर कटघोरा से शिवनगर 80 किलोमीटर सड़क उन्नयन के लिए 485 करोड़ मंजूर किए गए हैं। इसमें से अब तक 30 किलोमीटर कांक्रीट सड़क और 32 किलोमीटर डीएलसी सड़क तैयार हो चुकी है। यह सड़क शिवनगर से आगे सरगुजा संभाग के मुख्यालय अम्बिकापुर को भी जोड़ेगी। लगभग 52 किलोमीटर के इस हिस्से के उन्नयन के लिए 335 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। जशपुर जिले के पत्थलगांव से सरगुजा जिले के अम्बिकापुर तक 96 किलोमीटर सड़क उन्नयन के लिए 625 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। उधर पत्थलगांव से कुनकुरी तक 60 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण के लिए 453 करोड़ रूपए की धन राशि मंजूर की गई है। राज्य के अनेक प्रमुख शहरों और कस्बों को भारी वाहनों के यातायात के दबाव से मुक्त करने के लिए बायपास सड़कों का भी निर्माण किया जा रहा है। आरंग, दुर्ग, राजनांदगांव, सरायपाली आदि इसके उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को 1526 किलोमीटर की 28 सड़कों का निर्माण मार्च 2018 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, जिन पर 12 हजार 266 करोड़ रूपए की लागत आ रही है। इनमें से अब तक 633 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो चुका है। कुल 28 सड़कों में से छह सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण की हैं, जिनकी लम्बाई 357 किलोमीटर और लागत 5445 करोड़ रूपए है। इनमें से 172 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों की चार सड़कों का निर्माण में मार्च 2018 तक पूर्ण करने लक्ष्य है। इनकी लम्बाई 187 किलोमीटर और लागत 708 करोड़ रूपए है। राजधानी और न्यायधानी के बीच त्वरित गति से यातायात के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के अंतर्गत रायपुर-बिलासपुर लगभग 110 किलोमीटर फोरलेन सड़क का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। इसे तीन अलग-अलग पैकेजों में स्वीकृत किया गया है। 
मुम्बई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 (पुराना एनएच-6) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आरंग होते हुए सरायपाली और आगे संबलपुर की ओर जाता है। इस मार्ग पर रायपुर से सरायपाली जाने में पहले करीब चार घंटे का समय लगना मामूली बात थी, लेकिन 150 किलोमीटर की इस सड़क को वर्ष 2011 में इसे फोरलेन बनाने का काम स्वीकृत किया गया और एक हजार 174 करोड़ रूपए की लागत से लगभग 147 किलोमीटर का कार्य पूर्ण भी कर लिया गया है। अब इस रास्ते से रायपुर-सरायपाली के बीच की दूरी चार घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे रह गई है। इस मार्ग पर रायपुर से लगभग 40 किलोमीटर आगे महानदी पर 50 वर्ष पुराने सिंगल लेन वाले पुल के स्थान पर एक विशाल पुल का निर्माण किया जा चुका है। महानदी पर ही रायगढ़ जिले में सूरजगढ़ के पास लगभग 1800 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है, जो छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा सेतु है। इसके बन जाने पर छत्तीसगढ़ के सरिया, बरमकेला और उधर ओड़िशा राज्य के रूचिदा सहित कई गांवों के बीच बारह मासी आवागमन आसान हो गया है। 
रायपुर-दुर्ग के बीच 40 किलोमीटर के रास्ते में लगभग 27 किलोमीटर के चौड़ीकरण का कार्य भी 37 करोड़ 47 लाख रूपए की लागत से चल रहा है। यह कार्य दिसम्बर 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। रायपुर-धमतरी फोरलेन सड़क निर्माण के लिए भी काम शुरू हो गया है। इसके लिए लगभग दो हजार करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। यह सड़क आगे बस्तर संभाग के कांकेर होते हुए जगदलपुर तक जाएगी। इस प्रकार रायपुर  से धमतरी होकर जगदलपुर तक करीब 300 किलोमीटर के रास्ते को यातायात की दृष्टि से सुगम और सुरक्षित बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा है कि छत्तीसगढ़ के साथ पड़ोसी राज्यों के बीच सड़क सम्पर्क और भी बेहतर हो। इसी कड़ी में उन्होंने राजधानी रायपुर को आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम बंदरगाह तक जोड़ने के लिए एक नए राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के प्रस्ताव पर भी अपनी सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। इसके बन जाने पर रायपुर से विशाखापटनम की वर्तमान दूरी 600 किलोमीटर से घटकर 400 किलोमीटर रह जाएगी। इस नए प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग को छत्तीसगढ़ के कुरूद से नगरी (सिहावा) और ओड़िशा के नवरंगपुर से विशाखापट्नम तक चिन्हांकित किया है। प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग तीन राज्यों-छत्तीसगढ़, ओड़िशा और आंध्रप्रदेश को जोड़ेगा। कई आदिवासी बहुल इलाके इसके रास्ते में आएंगे। इन इलाकों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी।
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस आशय का प्रस्ताव केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को फरवरी 2017 में भेजा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से भी प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया था। डॉ. रमन सिंह ने उनके आग्रह को सहर्ष स्वीकार कर लिया। यह नया मार्ग विशाखापट्नम, चिन्थलवलासा, विजयनगर, सलूर तथा ओड़िशा के कोरापुट, उमरकोट, बहेड़ा, दिघली होते हुए छत्तीसगढ़ के कुरूद के रास्ते रायपुर तक बनेगा। इसकी कुल लम्बाई 401 किलोमीटर होगी। छत्तीसगढ़ में यह मार्ग रायपुर से कुरूद, दिघली, नगरी, बोराई से लिखमा तक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित मार्ग छत्तीसगढ़ में 132 किलोमीटर दो-लेन का होगा और 32 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क बनेगी। वर्तमान में रायपुर से कुरूद तक 54 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग है। अब लगभग 110 किलोमीटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा दिलाने की सहमति छत्तीसगढ़ की ओर से दी जा चुकी है। 
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आम जनता की सुविधा की दृष्टि से एक नया और बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राज्य बजट से लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित एक हजार से ज्यादा पुलों को टोल टैक्स से मुक्त करने की घोषणा की है। अगले वित्तीय वर्ष 2018 से उनका यह फैसला लागू हो जाएगा। इनमें से 965 पुल वर्ष 2004 से 2017 के बीच बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री को लोक निर्माण विभाग की एक समीक्षा बैठक में ऐसे पुलों को जिनकी सालाना टोल टैक्स वसूली पांच लाख रूपए के आस-पास है और उसमें भी काफी व्यावहारिक दिक्कतें आती हैं, तो उन्होंने इन पुलों को टोल फ्री करने की घोषणा कर दी। गौरतलब है कि डॉ. रमन सिंह ने वर्ष 2007-08 में 32 ऐसे पुलों को टोल वसूली से मुक्त कर दिया था, जिनमें सालाना पथकर वसूली पांच लाख रूपए से कम थी। लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत सभी निर्माणाधीन सड़कों और पुल-पुलियों की प्रगति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। वे स्वयं मौके पर जाकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी कर रहे हैं।       
छत्तीसगढ़ राज्य सड़क विकास निगम भी प्रदेश में सड़कों को जाल बिछाने का काम तेजी से कर रहा है। निगम द्वारा 889 किलोमीटर की 27 सड़कों के कार्य हाथ में लिए गए हैं। इनके लिए 3238 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें से 648 किलोमीटर की 22 सड़कों के निर्माण के लिए एजेंसी भी तय कर दी गई है। कई सड़कों का निर्माण प्रगति पर है। राज्य में एशियन विकास बैंक (एडीबी) की की ऋण सहायता से 2200 करोड़ रूपए की 18 सड़कों का निर्माण चल रहा है। एडीबी की ऋण सहायता के तीसरे चरण के लिए छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम द्वारा 5500 करोड़ रूपए के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इस राशि से 32 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के कई शहरों में सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए फ्लाई ओव्हर और रेलवे ओव्हर ब्रिजों का भी निर्माण किया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में लगभग 105 करोड़ रूपए की लागत से आठ ऐसे कार्यो को पूर्ण किया गया, जिनमें न्यायधानी बिलासपुर के चकरभाठा-बोदरी रेल लाईन में चकरभाटा के पास निर्मित रेलवे ओव्हर ब्रिज, सुकमा जिले में दोरनापाल-कालीमेला मार्ग पर शबरी नदी में, कांकेर जिले में पखांजूर-प्रतापपुर-कोयलीबेड़ा मार्ग पर कोटरी नदी में, राजनांदगांव जिले में मोहला-मानपुर-पांगरी-चौकी मार्ग पर शिवनाथ नदी में, इसी जिले के भर्रेगांव-रवेली-राजनांदगांव मार्ग पर शिवनाथ नदी में, गरियाबंद जिले के नाहरगांव-नागाबुड़ा-बारूला मार्ग पर पैरी नदी में, इसी जिले के देवभोग-कुम्हड़ई-झाखर पारा मार्ग पर तेल नदी में और धमतरी जिले के सरईभदर-जड़जड़ा-गरियाबंद मार्ग पर सोंढूर नदी में निर्मित पुल शामिल हैं। इसके अलावा जून 2018 तक लगभग 286 करोड़ रूपए की लागत से आठ बड़े पुलों का निर्माण भी पूर्ण करने का लक्ष्य है। इनमें राजधारी रायपुर के अंतर्गत काशीराम नगर के पास रिंग रोड नम्बर 1 के ऊपर फ्लाई ओव्हर, शंकर नगर में रायपुर-टिटलागढ़ रेल मार्ग पर ओव्हर ब्रिज तथा आमानाका स्थित रेल्वे ओव्हर ब्रिज के चौड़ीकरण सहित दुर्ग-दल्लीराजहरा रेल मार्ग पर मरौदा रेल्वे क्रॉसिंग में ओव्हर ब्रिज निर्माण, बिलासपुर जिले में हावड़ा-मुम्बई रेल मार्ग पर लाल खदान के पास रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण, जांजगीर-चांपा जिले में खोखसा रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण, बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर गौरेला रेल्वे ओव्हर ब्रिज निर्माण और सुकमा जिले में कोंटा नगर पंचायत से ओड़िशा पहुंच मार्ग पर शबरी नदी में मोटूघाट पर बनने वाला पुल शामिल हैं। (आलेख-स्वराज कुमार)(स.क्र.1068/08 जून 2017)


छत्तीसगढ़ के जन-जीवन पर कबीर दर्शन का गहरा प्रभाव: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री ने कबीर जयंती पर जनता को दी बधाई

रायपुर, 08 जून 2017
 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि संत कबीर के जीवन दर्शन का छत्तीसगढ़ के जन-जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। मुख्यमंत्री ने कबीर जयंती की पूर्व संध्या पर आज यहां जनता को बधाई देते हुए अपने शुभकामना संदेश में इस आशय के विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा - संत कबीर ने अपनी प्रेरक वाणी और अपने प्रेरक विचारों से मानव समाज को हमेशा सत्य, अहिंसा और सामाजिक समरसता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। आज लगभग छह सौ वर्ष गुजर जाने के बावजूद उनके विचार पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक और प्रेरणादायक बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा- छत्तीसगढ़ में दामाखेड़ा और कुदुरमाल न सिर्फ कबीर पंथियों के बल्कि कबीर दर्शन में आस्था रखने वाले लाखों करोड़ों लोगोें के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रमुख केन्द्र हैं। डॉ. रमन सिंह ने कहा-संत कबीर के विचार युगों-युगों तक देश और दुनिया को सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। 
क्रमांक-1067/स्वराज्य

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की रमन जन पर्यटन योजना की प्रशंसा की

रायपुर, 08 जून 2017
 
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की रमन जन पर्यटन योजना की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि जन-पर्यटन योजना के तहत पर्यटकों को रियायती दरों पर पर्यटन सुविधा दी जा रही है। योजना का सभी लोग पर्यटन का फायदा उठा सकते हैं। श्री शर्मा से आज यहां स्वामी विवेकानंद विमानतल पर राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयालदास ने सौजन्य मुलाकात की। श्री बघेल ने केन्द्रीय मंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार की रमन जन पर्यटन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री महेश शर्मा ओड़िशा राज्य के दौर पर जा रहे थे। वे कुछ समय के लिए स्वामी विवेकानंद विमानतल पर रूके थे, केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता, मार्कफेड के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता, प्रबंध संचालक पर्यटन मंडल श्री एम.टी.नंदी और संचालक संस्कृति श्री आशुतोष मिश्रा भी उपस्थित थे।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री श्री शर्मा को राज्य के पर्यटन मंत्री श्री दयाल दास बघेल से छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। श्री शर्मा ने रमन जन पर्यटन योजना की प्रशंसा करते हुए इस योजना को अन्य प्रदेशों के लिए अनुकरणीय बताया। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष श्री केदारनाथ गुप्ता ने केन्द्रीय मंत्री से रायपुर दर्शन के लिए पर्यटन मंडल को दो बसे प्रदान करने की मांग की, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए विश्व स्तरीय हाफ अप दो बसें (डबल बस उपर खुली हुई) प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की। इसी तरह केन्द्रीय पर्यटन मंत्री को इको टूरिज्म सर्किट एवं ट्रायवल सर्किट के संबंध में प्रस्ताव प्रेषित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भविष्य में इको टूरिज्म सर्किट, रामायन सर्किट एवं ट्रायबल सर्किट छत्तीसगढ़ के पर्यटन की प्रमुख पहचान होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विशेष पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यह भी आश्वासन दिया कि क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, अम्बिकापुर एवं रायगढ़ एयरपोर्ट को इसी वर्ष प्रारंभ किया जाएगा एवं बस्तर दशहरा को और अधिक लोकप्रियता दिलाने की भी केन्द्र सरकार की योजना है। 
    क्रमांक-1064/चौधरी

गांव-गांव घर-घर और जन-जन के दिनचर्या में शामिल होना चाहिए योग : तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

रायपुर, 08 जून 2017
 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून तैयारी के लिए आज यहां छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव-गांव, घर-घर और जन-जन के दिनचर्या में योग को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश भर के 540 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। ये प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने जिलों में जाकर नगर पंचायतों, ग्राम पंचायतों और गांवों में जाकर लोगों को योग सिखाएंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर श्री सोनमणि बोरा ने प्रशिक्षणार्थियों को योग के गूढ़ रहस्यों को बताया। उन्होंने कहा कि योग के बारे में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है, जिसमें योग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि पुस्तिका को पढ़े और उसमें बताए गए नियमों के अनुसार ही योग करें। पुस्तक में योग कब, किस प्रकार और किसे करना चाहिए इसका भी उल्लेख है। श्री बोरा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को छत्तीसगढ़ में भी योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा और प्रदेश भर में योग का कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने समापन अवसर पर कपाल भारती, अनुलोम-विलोम, कुंभक, प्राणायाम योग किया। इस मौके पर समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अनंत, पतंजलि योग समिति के सदस्य सहित प्रशिक्षार्थी मौजूद थे।  
    क्रमांक-1065/सी.एल.

राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा किया जा रहा है उन्मुखीकरण कार्यशाला : विषय वस्तु को रोचक बनाकर पढ़ाएंगे शिक्षक

रायपुर, 08 जून 2017
 कक्षा 11वीं अध्ययनरत शिक्षकों के लिए राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम एन.सी.ई.आर.टी. नई दिल्ली द्वारा लिखित व एस.सी.ई.आर.टी. तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वीकृत पाठ्य पुस्तकों के संदर्भ में है इसमें राज्य के सभी जिले में सभी पदस्थ व्याख्याताओं को आमंत्रित किया गया है। राज्य स्तर पर उन्मुखीकरण का मूल उद्देश्य विषय विशेषज्ञ द्वारा बताए गए सिद्धांत व मूलभूत बातें समान रूप से सभी शिक्षकों तक पहुंचे।
इस उन्मुखीकरण कार्यशाला में एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वीकृत करने की मंशा, विज्ञान शिक्षण का उद्देश्य, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्मित अथवा पूर्व प्रचलित पाठ्य पुस्तकों व एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकों के बीच विभिन्नता की समीक्षा की जा रही है साथ ही ऐसे कठिन क्षेत्र जिस पर शिक्षकों को कठिनाई हो सकती है, प्रायोगिक समस्या किस प्रकार से दूर की जाए इन पर समूह चर्चा प्रस्तुतिकरण किया जाता है।
एन.सी.ई.आर.टी. के अधिकारियों ने बताया कि कठिन बिन्दुओं के समाधान व विषय विशेष पर चर्चा हेतु परिषद के लेखन समूह के अतिरिक्त रविशंकर विश्वविद्यालय अंतर्गत महाविद्यालय के प्राध्यापकों और एन.सी.ई.आर.टी. नई दिल्ली के प्राध्यापकों को आमंत्रित किया जाता है। गत माह मई में रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र व जीव विज्ञान विषय हेतु कार्यशाला आयोजित किया गया था। इस माह जून मे वाणिज्य विषय हेतु दिनांक 5 से 15 जून, अर्थशास्त्र हेतु 19 से 22 जून तथा गणित विषय हेतु अंतिम सप्ताह प्रस्तावित है।
सभी विषयों के उन्मुखीकरण पश्चात आगे भी एडूसेट के माध्यम से सभी विषयवार व्याख्याताओं से समय-समय पर प्रगति और समस्याओं के समाधान हेतु प्रत्यक्षीकरण कार्यक्रम प्रस्तावित है। कार्यशाला में सम्मिलित प्रतिभागियों को संबंधित विषयों के पुस्तकों का सेट उपलब्ध कराया जा रहा है। कठिन बिन्दुओं को कैसे बच्चों तक ले जाएं, इस पर आधारित मैनुअल, विषय शिक्षण से संबंधित फोकस पेपर की कापिया प्रदाय की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सभी विषयों की पाठ्य पुस्तकों टी.बी.सी. द्वारा मुद्रित कर ली गई व जोन स्तरीय डिपो रायगढ़, कांकेर, बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, रायपुर, अम्बिकापुर के माध्यम से स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं के नाम जिला शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध करा दी गई है। पुस्तक प्रतिष्ठानों के बारे में कार्यशाला में भी जानकारी दी जा रही है। प्रतिभागियों ने बताया कि उन्मुखीकरण कार्यशाला और एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तक में विषय के प्रति बच्चों में समझ का विकास करने का एक अच्छा अवसर है। इसमें विषय को इस तरह से समझाया जा सकता है कि बच्चे उस विषय अध्याय से आसानी से जुड़ सकते है तथा किसी भी प्रश्न को सहजता से हल कर सकते हैं। एन.सी.ई.आर.टी. की किताबे राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में निश्चित रूप से सहयोग प्रदान करेगा। प्रतिभागियों ने कहा कि इस कार्यशाला से हम सभी लाभान्वित हो रहे है विषय से संबंधित जो भी अतिथि व्याख्यान तथा विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रस्तुतिकरण एवं समूह चर्चा कराया गया इससे विषय से संबंधित पुस्तक को समझ पाने में सहायता मिली है। विषय वस्तु को रोचक बनाकर हम सभी अपने छात्रों को इसी तरह से पढ़ाएंगे। 
क्रमांक-1062/कोसरिया

रायपुर : सार्वजनिक वितरण प्रणाली : जिलों को इस महीने 20.61 लाख क्विंटल राशन सामग्री आवंटित

रायपुर, 08 जून 2017
राज्य सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत इस महीने प्रदेश के सभी 27 जिलों को 20 लाख 61 हजार 911 क्विंटल राशन सामग्री आवंटित किया गया है। जिलों को जारी आवंटन में 18 लाख 16 हजार 990 क्विंटल चावल, 57 हजार 765 क्विंटल गेहूूं, 48 हजार 023 क्विंटल चना, 57 हजार 617 क्विंटल शक्कर और 81 हजार 516 क्विंटल आयोडिन नमक शामिल है। राशन सामग्री का वितरण सभी श्रेणी के राशन कार्ड धारकों के अलावा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन, आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक-पोषण आहार, छात्रावासों और कल्याणकारी संस्थाआंे में भी किया जाएगा। 

क्रमांक-/काशी

रायपुर : छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रान्ति योजना में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर : राज्य के 50 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के लैपटॉप-टेबलेट की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हुई

प्रदेश के 18 जिलों में 40 हजार टेबलेट कम्प्यूटर का  वितरण पात्र विद्यार्थियों को किया गया 


रायपुर, 8 जून 2017
राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2015-16  के अन्तिम वर्ष में अध्यनरत पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप, टेबलेट कम्प्यूटर के स्थान पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रंासफर (डीबीटी) के माध्यम से  संबंधितों के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित किया जाना तथा शैक्षणिक संत्र 2016-17 के पात्र विद्यार्थियों को भौतिक रूप से लेपटॉप, टेबलेट कम्प्यूटर वितरित किया जाना शुरू किया जा चुका है। विद्यार्थियों को लैपटॉप/टेबलेट (कम्प्यूटर) के स्थान पर प्रत्येक विद्यार्थी को  लैपटॉप के लिए 17490 रूपए पात्र विद्यार्थियों को टेबलेट (कम्प्यूटर) के लिए 6,789 रूपए के हिसाब से विभिन्न बैंकों के माध्यम उनके खातों में जमा की जा रही  है। शुरूआती में सरकारी इंजीनियर कॉलेज बिलासपुर के 301 विद्यार्थियों को इसका फायदा मिला। राशि उनके खातों में जमा की जा चुकी है। 
अधिकारियों ने बताया गया इसकी सफलता के बाद अभी तक 17447 पात्र विद्यार्थियों मे ंसे 16688 विद्यार्थियों को लेपटॉप के स्थान पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रंासफर (डीबीटी) का लाभ दिया जा चुका है। इसी प्रकार टेबलेट कम्प्यूटर के स्थान पर अब तक 36 हजार 639 विद्यार्थियों को लाभ प्रदान किया जा चुका है। शेष लगभग 25 हजार विद्यार्थियों को चरणबद्ध रूप से लाभ दिए जाने की कार्रवाई प्रचलन में है, जो जुलाई तक पूर्ण होने की संभावना है।  इस प्रकार अब तक राज्य के 53  हजार 628 विद्यार्थियों के लैपटॉप -टेबलेट की राशि सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। 
विभागीय अधिकारियों ने आज यहां बताया शैक्षणिक सत्र 2015-2016 के पात्रता रखने वाले ऐसे 17267 विद्यार्थियों  को लेपटॉप वितरण के लिए  कुल 16818 नगल लेपटॉप की पूर्ति संबंधित संस्थाओं को की जा चुकी है। जिसमें से संबंधित संस्थाओं द्वारा 16500 लेपटॉप का वितरण पात्र. विद्यार्थियांे को किया जा चुका है। शेष विद्यार्थियों को उनके जून में उनके प्रशिक्षण पूर्ण होने पर किया जाएगा । शेष लेपटॉप की पूर्ति विभाग द्वारा जून के अन्तिम सप्ताह तक कर दी जाएगी। 
इस वर्ष अप्रैल में लेपटॉप वितरण की शुरूआत राजनांदगांव से की हुई है। रायपुर, दुर्ग, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नाराणपुर, सुकमा,बस्तर, कांकेर, कोण्डागांव, महासमुंद, बलौदाबाजार, धमतरी, बेमेतरा, कवर्धा कोरबा, बालोद बिलासपुर संबंधित जिले के कतपय संस्थाओं को छोड़कर अधिकांश संस्थाओं में टेबलेट कम्प्यूटर की आपूर्ति पूर्ण हो चुकी है। इस वर्ष प्रदेश के 18 जिलों में संबंधित संस्थाओं द्वारा 40 हजार टेबलेट कम्प्यूटर पात्र विद्यार्थियों को वितरण किया जा चुका है। शेष 30 हजार टेबलेट कप्प्यूटर का वितरण आगामी जुलाई के अन्तिम सप्ताह तक पूर्ण कर लिया जाएगा । शेष जिलें मुंगेली, जशपुर, जांजगीर-चांपा, अम्बिकापुर, कोरिया, सूरजपुर बलरामपुर, और गरियाबंद में जुलाई के अन्तिम सप्ताह तक  टेबलेट कम्प्यूटर की संबंधित संस्थाओं में आपूर्ति कर दी जाएगी। ताकि वे पात्र विद्याार्थियांे को इस साल वितरण कर सकें । 
उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक सत्र 2016-17 के पात्र विद्यार्थियों को लेपटॉप वितरण का की शुरूआत पिछले साल 10 नवम्बर से जिला अम्बिकापुर  से की गयी थी। इसके बाद दुर्ग, राजनांगदगांव,जगदलपुर, रायपुर और बिलासपुर जिले में पात्र विद्यार्थियों को लेपटॉप वितरण किया गया। 

क्रमांक-1060/पाराशर

उज्ज्वला योजना के गैस सिलेण्डर देने दुर्गम क्षेत्र की सहकारी समितियों में बनाए जा रहे हैं रसोई गैस गोदाम

रायपुर, 08 जून 2017
 राज्य सरकार द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के हितग्राहियों को रसोई गैस वितरण के लिए लगभग पचास सहकारी समितियां में पांच करोड़ 25 लाख रूपए की लागत से गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे हितग्राहियों को अपने गांव के आस-पास ही गैस सिलेण्डर मिलेगा।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों में लगभग पचास सहकारी समितियों को गैस वितरण के लिए चयनित किया गया है और इन सहकारी समितियों मे गैस गोदाम बनाए जा रहे हैं। इनमें बस्तर (जगदलपुर)े जिले में करपावण्ड और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। बीजापुर जिले की आवापल्ली, नेमेड और कुटरू में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। दंतेवाड़ा जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बारसूर, कटेकल्याण और दुर्गूकोंदल में गैस गोदाम बनेगा। कांकेर जिले की सहकारी समिति बड़गांव, मुरपाल और भैंसासुर में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। नारायणपुर जिले में सहकारी समिति ओरछा और छोटेडोंगर में बनाई जा रही गैस गोदाम में गैस सिलेण्डर मिलेगा। कोण्डागांव में सहकारी समिति अमरावती और बासकोट में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। सुकमा जिले में दोरनापाल की सहकारी समिति में सहकारी समिति बासड़ी, औंधी और खड़गांव में गैस गोदाम बन रहा है। कबीरधाम (कवर्धा) में सहकारी समिति चिल्फी, तरेगांव (जंगल) और कुक्टुर गैस गोदाम बनाया जा रहा है। महासमुंद जिले में सहकारी समिति कोमखान, सिरपुर और पटेवा में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। बलौदाबाजार जिले की सहकारी समिति बया और रिसदा में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। गरियाबंद जिले के सहकारी समिति अमलीपदर सोसायटी में गैस गोदाम बन रहा है। रायगढ़ जिले में सहकारी समिति डोंगरी पाली, सराईटोला लिबरा , कापू, भकुरा और छिंद सोसायटी में गैस गोदाम से गैस सिलेण्डर मिलेगा। 
जशपुर जिले के अंतर्गत सहकारी समिति नारायणपुर और आस्ता में गैस वितरण हेतु गैस गोदाम बनाया जा रहा है। सरगुजा जिले में कुन्ती, सरगंजा और पटेला सहकारी समिति में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। बलरामपुर जिले में सहकारी समिति पस्ता, सनावल, रघुनाथ नगर, बलगी और चांदो में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। सूरजपुर जिले में सहकारी समिति चन्द्रमेढ़ा, पोडा और गोविंदपुर में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। कोरिया जिले के दुर्गम क्षेत्र में स्थित कोटाडोल सहकारी समिति में गैस गोदाम बनाया जा रहा है। इसी प्रकार बिलासपुर जिले में दुर्गम क्षेत्र में स्थित सहकारी समिति सेलर और बसंतपुर में गैस गोदाम बनाया जा रहा है।
 
    क्रमांक-1066/चौधरी

छत्तीसगढ़ की गर्भवती माताएं पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच कराने में रहती हैं आगे : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ स्थिति बेहतर

रायपुर, 08 जून 2017
छत्तीसगढ़ में गर्भवती माताएं प्रथम तिमाही मंे अपना पंजीयन कराने में मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा से बेहतर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 में दिए रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की गर्भवती माताएं प्रथम तिमाही में अपना पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच कराने में हमेशा आगे रहती हैं। रिपोर्ट के अुनसार प्रदेश की गर्भवती माताओं की पंजीयन 70.8 प्रतिशत हैं, जबकि अन्य राज्यों - मध्यप्रदेश में 53.1 प्रतिशत, झारखंड में 52 प्रतिशत और उड़ीसा में 64.1 प्रतिशत है जो छत्तीसगढ़ से कम हैं। छत्तीसगढ़ की गर्भवती माताओं का पंजीयन राष्ट्रीय औसत 58.6 प्रतिशत से 12.2 प्रतिशत अधिक है।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर. प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि गर्भवती माताएं प्रसव पूर्व चार बार जांच-गर्भावस्था में रक्ताल्पता, पूर्ण टीकाकरण (0 से 1 वर्ष), 6 माह तक पूर्ण स्तनपान तथा बच्चों में एनीमिया (6 से 59 माह तक के बच्चों में) भी मध्यप्रदेश, झारखंड, उड़ीसा सहित राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है ।     गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 59.1, मध्यप्रदेश में 35.7, झारखंड में 30.3, उड़ीसा में 62 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 51.2 प्रतिशत है। गर्भावस्था में रक्ताल्पता जांच में छत्तीसगढ़ में 41.5, मध्यप्रदेश में 54.6, झारखंड में 62.6, उड़ीसा में 47.6 तथा देश में 50.3 प्रतिशत है। बच्चों में 0 से 1 वर्ष तक में पूर्ण टीकाकरण में छत्तीसगढ़ में 76.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 53.6, झारखंड में 61.9, उड़ीसा में 78.6 तथा देश में 62 प्रतिशत है। छह माह तक के पूर्ण स्तनपान जांच में छत्तीसगढ़ 77.2, मध्यप्रदेश में 58.2, झारखंड में 64.8, उड़ीसा में 65.6 तथा देश में 54.9 प्रतिशत है। इसी प्रकार 6 से 59 माह तक के शिशु जांच में छत्तीसगढ़ में बच्चों में एनीमिया 41.6 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 68.9, झारखंड में 69.9, उड़ीसा में 44.6 तथा देश में 58.4 प्रशित है।

क्रमांक-1063/ओम

रायपुर : अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की ली बैठक

खाद-बीज के भण्डारण एवं उठाव के दिए निर्देश


रायपुर, 08 जून 2017
अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह नेयहां मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सभी जिला कलेक्टरों और कृषि एवं सम्बद्ध विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने खरीफ फसल के लिए खाद-बीज के भण्डारण एवं उसके उठाव के साथ ही स्वायल हेल्थ कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की। श्री सिंह ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष राज्य में समय पर मानसून सक्रिय होने की संभावना एवं सामान्य वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए खाद एवं बीज का शीघ्रता से उठाव करने हेतु कृषि विभाग के मैदानी अमलों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए जाएं। उन्होंने जिला कलेक्टरों को खाद बीज के भण्डारण एवं उठाव की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। अपर मुख्य सचिव ने सरगुजा एवं बस्तर संभाग के दूरस्थ अंचलों में वर्षा पूर्व से ही खाद एवं बीज की मांग के अनुसार भण्डारण के निर्देश दिए, ताकि वर्षा काल में आवागमन अवरूद्ध होने की स्थिति में किसानों को खाद बीज प्राप्त करने में कठिनाई ना हो। 
बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ 2016 में पात्र कृषकों को दावा बीमा कंपनियों द्वारा संबंधित बैंको को राशि अंतरित कर दी गई है। दावा भुगतान की राशि को संबंधित कृषकों के खाते में एक सप्ताह के अंदर अंतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। खरीफ 2016 में पांच प्रतिशत वृद्धि के साथ कुल 37 प्रतिशत कृषक इस योजना में जुड़े हैं। इस वर्ष लगभग 50 प्रतिशत कृषकों को बीमा की परिधि में लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने जिला कलेक्टरों को इसके व्यापक प्रचार-प्रसार, प्रत्येक ग्राम स्तर पर शिविरों का आयोजन तथा कृषकों से व्यक्तिगत संपर्क कर इस योजना की परिधि में लाने के निर्देश दिए। 
बैठक में बताया गया कि स्वायल हेल्थ कार्ड योजना के तहत इस वर्ष लगभग 4.50 लाख मिट्टी नमूने एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 60 प्रतिशत नमूने खरीफ बोआई अर्थात 15 जून के पूर्व एकत्रित करने और इन सभी नमूनों का विश्लेषण मानसून समाप्ति के पूर्व करने के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में प्रमुख सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन श्रीमती रेणु पिल्ले, सचिव कृषि श्री अनुप श्रीवास्तव, सचिव सहकारिता श्री डी.डी. सिंह, संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा, प्रबंध संचालक बीज निगम श्री आलोक अवस्थी, पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री जे.पी. पाठक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    क्रमांक-1057/सुदेश

Raipur: Additional Chief Secretary Mr. Ajay Singh addresses meeting of District Collectors and Agriculture Department Officials through video conferencing

Instructions to store and upload seeds-fertilizers given

Raipur, 8 June 2017
Additional Chief Secretary and Agriculture Production Commissioner Mr. Ajay Singh Neyhan presided over a meeting of all the district collectors and agriculture department officials through video conferencing from Mantralaya. In the meeting, he reviewed the progress of storage and uploading of fertilizers and seeds for kharif crops, soil health card scheme and Prime Minister Crop Insurance Scheme.
Mr. Singh said that as per the forecast of Meteorological Department, timely monsoon arrival is expected in state. Keeping in view the chances of normal rainfall, he directed the field officials of agriculture department to upload and transport fertilizers and seeds as soon as possible. He gave instructions to the District Collectors to review the storage and uploading of fertilizers and seeds on daily basis. Additional Chief Secretary instructed officials concerned to ensure storage of fertilizers and seeds in remote areas of Sarguja and Bastar Division, before the arrival of monsoon.
In the meeting, he said under Prime Minister Crop Insurance Scheme, amount of insurance claim has been transferred to respective banks for the eligible beneficiary farmers in kharif 2016. Instructions have been given to transfer this amount of insurance claim to accounts of farmers concerned within a week. With five per cent increase in kharif 2016, total 37 per cent farmers have got associated with the scheme. This year the department has set the target to cover nearly 50 per cent of the farmers. He gave instructions to District Collectors to promote the scheme gram panchayat-level through camps and personally interact with farmers to bring them under the cover of this scheme.
It was informed in the meeting that under soil health card scheme, this year target of collecting 4.50 lakh soil samples has been set, 60 per cent of which has to be collected before sowing of kharif crops i.e. before June 15 and examination of these samples has to be done by end of monsoon season. The video conference was attended by Principal Secretary Revenue and Calamity Management Mrs. Renu Pillai, Secretary Agriculture Mr. Anup Shrivastava, Secretary Cooperative Mr. DD Singh, Director Agriculture Mr. MS Kerketta, Managing Director Seed Corporation Mr. Alok Awasthi, Registrar Cooperative Societies Mr. JP Pathak and other officials were also present.

number-1057/Sudesh/Sana

रायपुर : वस्तु एवं सेवा कर : टीडीएस करने वाले शासकीय-अर्ध शासकीय उपक्रमों के लिए 13 जून को कार्यशाला आयोजित

कम्पोजिशन एवं लक्जरी टेक्स के अंतर्गत पंजीकृत कारोबारियों 
का भी जीएसटी में पंजीयन अनिवार्य 
शासकीय अवकाश के दिन 9 और 10 जून को भी रायपुर में 
वाणिज्यिक कर विभाग के कार्यालय एवं कैम्प खुले रहेंगे

रायपुर, 08 जून 2017

 राज्य शासन के वाणिज्यिक कर विभाग ने आगामी 15 जून तक अधिक से अधिक संख्या में व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल पर नामांकन कराने व्यापक रणनीति बनाई है। विभाग के रायपुर संभाग-एक के अंतर्गत सभी वृत्त कार्यालयों में स्थापित हेल्प डेस्क और विभिन्न स्थानों पर लगाए गए कैम्प को 9 और 10 जून को अवकाश के दिनों में भी खुला रखने का निर्णय लिया गया है।
  वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि जीएसटी पोर्टल पर नामांकन के लिए निर्धारित तारीख 15 जून को अब मात्र एक सप्ताह का समय शेष है, किन्तु पूर्ण रूप से अर्थात् एआरएन (एप्लीकेशन रिफरेंस नंबर) प्राप्त करने वाले कारोबारियों की संख्या अभी काफी कम है। इसे देखते हुए विभाग द्वारा शासकीय अवकाश के दिन 9 और 10 जून को कार्यालय खुला रखने एवं हेल्पडेस्क चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। इन तारीखों में रायपुर संभाग -एक के अंतर्गत आने वाले वृत्त कार्यालयों द्वारा रायपुर शहर के अंतर्गत चेम्बर आफ कामर्स एंड इण्डस्ट्रीज बाम्बे मार्केट, मे. राहुल टेªडर्स गोलबाजार, मे. बालाजी मेन्स वियर लाखे नगर, मिलेनियम प्लाजा जी.ई.रोड, मे. बंशी सेल्स पचपेढ़ी नाका, प्रथम तल डुमरतराई केन्टीन किराना एवं अनाज मार्केट डुमरतराई, फारूख गैस तात्यापारा, सालासार स्टील अरिहंत काम्पलेक्स, भारत सेल्स प्रभात टाकीज,  मेडिकल काम्पलेक्स फरिश्ता काम्पलेक्स, टिम्बर मार्केट देवेन्द्र नगर, छत्तीसगढ फेडरेशन भनपुरी, गुरू घासीदास प्लाजा आमापारा, मंगल बाजार गुढ़ियारी में कैम्प लगाए जाएंगे। इन कैम्प में  विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। व्यावसायिक संगठनों को अपने-अपने ग्रुप में इसकी सूचना दी जाने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किया गया है ताकि कैम्प में अधिक से अधिक करदाता उपस्थित होकर नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण करा सकें। 
             कार्यालय एवं कैम्प में नामांकन प्रक्रिया के दौरान मिली जानकारी अनुसार आधार कार्ड में फोन नंबर अलग होने एवं कारोबारियों के पास डीएससी नहीं होने के कारण भी नामांकन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। विभाग द्वारा ऐसे व्यापारियों को आधार कार्ड में शीघ्र संशोधन कराकर अथवा डीएससी बनाकर पंजीयन प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए कहा जा रहा है। ऐसे करदाता जिन्होंने कम्पोजिशन स्कीम के तहत पंजीयन प्राप्त किया है उन्हें भी जीएसटी के तहत नामांकन कराना अनिवार्य है। लक्जरी टेक्स के अंतर्गत पंजीकृत कारोबारियों के लिए भी नामांकन अनिवार्य है। इन व्यवसाईयों को भी प्रोविजन आईडी, पासवर्ड, पेन कार्ड, आधारकार्ड जिसमें मोबाईल नंबर हो/डीएससी, वर्तमान पंजीयन प्रमाणपत्र की कापी, फोटोग्राफ, बैंक एकाउन्ट स्टेटमेंट अथवा पासबुक, व्यवसाय स्थल का प्रमाण स्वरूप किरायानामा, बिजली बिल, सहमति पत्र आदि दस्तावेजों के साथ कार्यालय, कैम्प स्थल अथवा अपने कर सलाहकार के पास जाकर पंजीयन कराने के लिए सूचित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे समस्त शासकीय एवं अर्धशासकीय उपक्रमों जिनके द्वारा वस्तुओं अथवा सेवाओं की सप्लाई के भुगतान पर टीडीएस की कटौती की जाना है, उन्हें अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देने के लिए 13 जून को सिविल लाइन स्थित वाणिज्यिक कर आयुक्त कार्यालय के महात्मा गांधी सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई है। इसकी सूचना ईमेल एवं पत्रों के माध्यम से संबंधित विभागों एवं उपक्रमों को भेजी जा रही है। 

    क्रमांक-1059/राजेश

Raipur : Workshop on 13 June for Government, Non-Government undertakings :; GST registration mandatory for Luxury Tax group traders

Commercial Tax office and camp to be open on 9-10 June                   
        Raipur, 08 June 2017
The State Government Commercial Department made elaborate arrangements to register as many businessmen as feasible in the GST portal  by 15 June. The officials said that the offices, Help Desks and camps will be open to public even on holidays on 9-10 June. They said that deadline is only one week away for the registration in GST portal but only small number of traders have obtained their Application Reference Number (ARN). The registration process is affected as the phone number is not mentioned in Aadhaar card and the traders do not have DSC . The Department officials have called upon the businessmen to rectify and add phone numbers in their Adhaar cards or register the names after obtaining DSC. Registration in GST portal is mandatory even for those who have registered under Composition Scheme. Registration is compulsory even those who are registered under Luxury Tax.
The traders can get their provision Identity, password, PAN card, Aadhaar  card with mobile number/DSC, copy of current registration , photograph, Bank account statement/ passbook, proof of address of business establishment, electricity bill, agreement copy.

1059/Rajesh/Pradeep       

Raipur : Skills' competitions inspire to greater heights: Renu ji Pillai : Chhattisgarh State Skills' Development Authority workshop ends

 Raipur, 08 June 0217

Skills Development and Technical Education Principal Secretary Mrs. Renu Ji Pillai on Wednesday presided over a workshop organized by the Chhattisgarh State Skills' Development Authority and National Skills' Development Corporation at Mantralaya (Mahanadi Bhawan). The workshop was on ' Bharat Kaushal and Vishwa Kaushal Pratiyogita'. Chief of India Skills Mr. Ranjan Chowdhary was also present.
  Mrs. Pillai said that competitions bring out the latent talent among the youth. Stress is on skills development of youth.  The competitions are held at regional , state, national and global scale. India Skills competition will be held in 2018. The aim is to make India the 'Skills' Capital' of the globe. The State is keen on making less educated youth self-employed.
 India Skill Chief Mr. Ranjan Chowdhary said that India Skill competition is held every two years. The firs  competition had been held in 24 trades. About 1,000 youth under the age of 23 years participate in 50 trades.

1045/Parashar/Pradeep

प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात : मुख्यमंत्री आज करेंगे आधा दर्जन नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

रायपुर, 13 जुलाई 2017 प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात मिली है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 14 जुलाई को बालोद जिले के प्...