Friday, 2 June 2017

Chief Minister calls upon Japanese to invest in Chhattisgarh : Japanese work culture and humility inspiring: Dr. Raman Singh

Become partners in 'Make in India' mission  


Raipur, 02 May 2017


 Chief Minister Dr. Raman Singh today invited the Japanese industrialists and investors to look at Chhattisgarh for making large-scale investments. He was addressing a Investors' Conference organized by  Confederation of Indian Industries (C.I.I.) at Osaka.  Chief Minister Dr. Raman Singh said that Prime Minister Mr. Narendra Modi  gave  a clarion call of 'Make In India'. He called upon the Japanese industrialists to visit India and invest in Chhattisgarh. The cultural ties between India and Japan go back to thousands of years. The relationship between India and Japan had attained greater heights after the assumption to power of Mr. Narendra Modi. Tokyo and Varanasi are marching ahead simultaneously.
Dr. Raman Sing added that Japan is identified with high quality, technical excellence, innovation in India. He said India is racing ahead in infrastructure sector under the able guidance of Mr. Modi. Chief Minister appreciated Japanese work culture and humility. Indians can learn so much from that nation. The eternal success of the country had attracted Indians. He said that he is impressed with the warm reception in Osaka.
Chief Minister appreciated that it was the first conference of its kind on Chhattisgarh in Japan. Just as Chhattisgarh is coined as 'Rice Bowl of India' similarly Osaka is recognized as the main centre of rice trade in Japan  and also coined as 'Kitchen of Japan'. Dr. Raman Singh said that he was proud that he was representing India and just a week back Mr. Modi celebrated three glorious years in office. India is the only nation in the world which demonetized 86 per cent of its currency notes. The nation is implementing One Nation One Tax One Market -G.S.T. -soon. He gave a detailed presentation of various investment opportunities in Chhattisgarh.
Dr. Raman Singh said that Chhattisgarh was carved out in the year 2000. It is a new State. Youthful with full of energy, stamina and unlimited potential. It is a rapidly developing State in the entire country. Dr. Raman Singh said that Chhattisgarh is heaven in India as far as natural scenario is concerned. There are immense mineral resources, abundant water, skilled human resources and  fertile land. Steel, cement, aluminium  and electricity plants had attained huge success in the State. The main focus is on non-core fields- Information Technology, Electronics, solar energy and automobiles. World-class infrastructure is being built. Dr. Raman Singh revealed that according to World Bank report Chhattisgarh is among the top five states in 'Ease of Doing Business' category. There are several reforms in the industrial sector.
Dr. Raman Singh added that 'Smart City' concept is implemented speedily.    Railway tracks are being laid very fast. Double the tracks will be laid in the next five years when compared to the last 150 years. The Bhilai Steel Plant manufactures steel and railway tracks not only for India but for many countries in the globe. Members of  Japan Foreign Business Organization (JETRO), Osaka Chamber of Commerce and Industries, Indian Chamber of Commerce and Industries of Japan and representatives of Japan-based Industries organizations were also present. Dr. Raman Singh also met  famous electric motor producer  N.I.D.E.C. board member Mr. Rayuchi Tanbe.

998/Swarajya/Pradeep

जापानी निवेशकों से ‘मेक-इन-इंडिया’ में भागीदार बनने का आव्हान : मुख्यमंत्री ने जापान के उद्यमियों को दिया छत्तीसगढ़ आने का न्यौता



जापानी कार्य संस्कृति और सौम्यता प्रेरणादायक: डॉ. रमन सिंह
रायपुर, 02 जून 2017


 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जापानी उद्योगपतियों और निवेशकों को छत्तीसगढ़ में कारोबार के लिए और उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री आज जापान के ओसाका शहर में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित निवेशकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने कहा- हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए देश-विदेश के निवेशकों को ‘मेक-इन-इंडिया’ का नया और प्रेरक नारा दिया है। इसमें भागीदारी के लिए जापान के उद्योगपतियों और निवेशकों को भारत जरूर आना चाहिए और छत्तीसगढ़ में भी निवेश करना चाहिए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान सदियों से होता रहा है। बौद्ध संस्कृति इसका एक बड़ा उदाहरण है। डॉ. सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत और जापान के संबंधों को एक नया आयाम मिला है। टोक्यो और वाराणसी हाथ से हाथ मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत में जापान को गुणवत्ता, तकनीक, नवाचार और उत्कृष्टता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। डॉ. सिंह ने कहा-श्री मोदी के नेतृत्व में भारत नवाचार, तकनीक और अधोसंरचना के क्षेत्र में तीव्र गति से तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री ने जापान की कार्य संस्कृति और सौम्यता की प्रशंसा करते हुए कहा- ये काफी अदभुत और प्रेरणादायक है। इनसे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। जापान की सफलता हमें सदैव आकर्षित करती रही है। उन्होंने कहा- ओसाका आकर मैं बहुत आत्मीयता का अनुभव कर रहा हूं। सम्मेलन में मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया।
डॉ. सिंह ने अपने उदबोधन में इस बात पर खुशी जताई कि छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को लेकर जापान में ये पहला सम्मेलन हैं। उन्होंने कहा- मुझे उम्मीद है कि भविष्य में हम लोग और भी नजदीक आएंगे। डॉ. सिंह ने कहा- जिस प्रकार छत्तीसगढ़ को भारत के चावल उत्पादक राज्य के रूप में धान के कटोरे के नाम से पहचाना जाता है, ठीक उसी तरह जापान के ओसाका शहर को भी चावल के व्यापार के प्रमुख केन्द्र के रूप में जाना जाता है और इसे जापान का रसोई घर भी कहा जाता है। डॉ. सिंह ने कहा- मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि मैं उस भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जिसके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं और जिन्होंने अभी एक हफ्ते पहले ही अपने कार्यकाल के प्रथम तीन वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं। उनके नेतृत्व के तीन वर्ष में भारत ने कई ऐसे निर्णय लिए हैे और कई ऐसे उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनसे दुनिया में हमारे देश का सम्मान बढ़ा है। हम दुनिया के पहले राष्ट्र हैं, जिसने अपनी 86 प्रतिशत मुद्राओं का विमुद्रीकरण किया है। वैश्विक मापदण्डों के अनुरूप प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में एक देश, एक टैक्स और एक बाजार की अवधारणा को साकार करने के लिए जीएसटी की शुरूआत होेने जा रही है। मुख्यमंत्री ने जापानी निवेशकों को छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास और पूंजी निवेश  की प्रबल संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. सिंह ने कहा- भारत के नये राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ वर्ष 2000 में अस्तिव में आया। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है। उसमें युवाओं की तरह जोश, क्षमता और अपार संभावनाएं हैं। यह युवा राज्य भारत के सबसे  तेजी से उभरते व्यापार संभावनाओं वाले प्रदेश के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। डॉ. सिंह ने कहा- छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक संसाधनों का स्वर्ग भी कहा जाता है। खनिज, कुशल मानव संसाधन, उपजाऊ भूमि और पर्याप्त जल सम्पदा का छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। देश के इस नये राज्य ने स्टील, एल्यूमिनियम, सीमेंट और बिजली जैसे कोर सेक्टर के उद्योगों में शानदार सफलता हासिल की है। अब हमारी प्राथमिकता कृषि, वनोपज, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा तथा आटो मोबाइल जैसे नॉन कोर सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने की है। हम लोगों ने राज्य में विकास का एक बुनियादी ढांचा तैयार किया है और बड़ी तेजी से राज्य में विश्व स्तरीय अधोसंरचनाओं का विकास कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार विगत दो वर्षों से छत्तीसगढ़ की गिनती व्यापार व्यवसाय के सरलीकरण के लिए ‘इज-ऑफ-डुइंग बिजनेस’ में देश के प्रथम पांच राज्यों में हो रही है। हमने व्यापारिक अर्थव्यवस्था के सिस्टम में काफी सुधार किया है। डॉ. सिंह ने कहा- भारत के मध्यम में स्थित छत्तीसगढ़ की सीमाएं देश के सात राज्यों के सात जुड़ी हैं। इस दृष्टि से भी उद्योग तथा व्यापार व्यवसाय के लिए छत्तीसगढ़ एक आदर्श रणनीतिक स्थिति में है।
डॉ. रमन सिंह ने जापानी निवेशकों को बताया कि छत्तीसगढ़ में स्मार्ट सिटी तथा नये रेलमार्ग सहित विश्व स्तरीय अधोसंरचनाओं का तेजी से निर्माण हो रहा है। विगत 150 वर्ष में राज्य में जितना रेलमार्ग बनाया गया, उसका दोगुना रेलमार्ग अगले पांच वर्ष में बनने जा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के रेल नेटवर्क के लिए सुदृढ़ रेलपातों का निर्माण किया जा रहा है। ओसाका में आयोजित निवेशक सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, वाणिज्यि और उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) के प्रबंध संचालक श्री सुनील मिश्रा और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
निवेशक सम्मेलन में जापान विदेश व्यापार संगठन (जेईटीआरओ), ओसाका चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ऑफ जापान तथा जापान स्थित विभिन्न उद्योग एवं व्यापार संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर जापान की प्रमुख इलेक्ट्रिक मोटर निर्माता संस्थान एनआईडीइसी के बोर्ड मेम्बर श्री रायुची टनबे से भी मुलाकात की। सम्मेलन में सूचना प्रौद्योगिकी, आवास और पर्यावरण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं पर प्रस्तूतिकरण दिया। सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री ने जापानी उद्यमियों और निवेशकों से अलग-अलग मुलाकात कर उन्हें राज्य में पूंजी लगाने के लिए आमंत्रित किया। 

क्रमांक-998/स्वराज्य

Chief Minister felicitates linguist Dr. Mizokami in Japan


Raipur, 02 June 2017 


Chief Minister Dr. Raman Singh today felicitated Dr. Tomiyo Mizokami for spreading Indian culture and Indian languages in Japan. The felicitation function was held at Osaka. Dr. Raman Singh while addressing an Investors' Meet organized by Confederation of Indian Industries (C.I.I.)  said that he appreciated the efforts of  Dr. Tomiyo Mizokami for his abiding interest in Indian culture, language and traditions . It is a privilege to honour and meet him. He is an intellectual and an Indian linguist. He speaks fluent Hindi and also well-versed in Punjabi and Bengali languages. Chief Minister Dr. Raman Singh said he was glad to meet him. He translated 'Gurubaani' into Japanese. Chief Secretary Mr. Vivek Dhand,  Additional Chief Secretary Mr. N. Baijendra Kumar,  Principal Secretary to Chief Minister Mr. Aman Kumar Singh and other concerned officers were also present.

997/Swarajya/Pradeep 

मुख्यमंत्री ने जापान के भारतीय भाषाविद डॉ. मिजोकामी को सम्मानित किया

रायपुर, 02 जून 2017



मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज जापान के ओसाका शहर में जापान के डॉ. टोमियो मिजोकामी को जापान में भारतीय संस्कृति और भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया। डॉ. सिंह ने वहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलन में कहा- मैं भारतीय संस्कृति के प्रति डॉ मिजोकामी की गहरी अभिरूचि के लिए हृदय से उनकी सराहना करता हूं। मुझे उनसे मिलकर हार्दिक खुशी हुई। वे एक विद्वान भारतीय भाषाविद हैं। डॉ. मिजोकामी जहां धाराप्रवाह हिन्दी बोलते हैं, वहीं वे पंजाबी और बांग्ला भाषाओं के भी अच्छे जानकार है। मुझे उनसे मिलकर काफी खुशी हुई। उन्होंने गुरूबाणी का भी जापानी भाषा में अनुवाद किया है। मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।  
क्रमांक-997/स्वराज्य

मुख्यमंत्री ने महेश नवमी पर जनता को दी बधाई

रायपुर, 02 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने माहेश्वरी समाज सहित आम जनता को महेश नवमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने महेश नवमीं की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी बधाई संदेश में कहा है कि हमारी भारतीय संस्कृति में महेश नवमीं भगवान शंकर अर्थात भगवान महेश और आदि शक्ति माता पार्वती की पूजा का महापर्व है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों के लिए सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की है।  
क्रमांक-1000/स्वराज्य

जीएसटी पोर्टल पर नामांकन की प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी

रायपुर, 02 जून 2017
राज्य शासन के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा व्यापारियों के जीएसटी पोर्टल पर नामांकन की प्रक्रिया एक जून 2017 से 15 दिनों के लिए फिर से शुरू की गई है। जीएसटी पोर्टल पर नामांकन की प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी। ऐसे व्यवसायी जीएसटी पोर्टल पर जिनका नामांकन नहीं हुआ है वे इस अवधि में अपने व्यवसाय का नामांकन पोर्टल पर करा सकेंगे। जिन व्यवसायियों ने जीएसटी पोर्टल पर नामांकन करा लिया गया है, लेकिन एआरएन (एप्लीकेशन रिफ्रेंस नंबर) जनरेट नहीं कराया है, वे भी इस अवधि में एआरएन जनरेट करा सकते हैं। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग ने अनेक स्थानों पर काउंटर खोले हैं। इन काउंटरों में विभाग के अधिकारी मौजूद रहकर व्यवसायियों का सहयोग कर रहे हैं।
वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि एआरएन जेनरेट करने के लिए डीएससी (डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट) अथवा ई-साईन के माध्यम से वेरीफिकेशन आवश्यक है। जीएसटी पोर्टल पर नामांकन नहीं कराये जाने पर व्यवसायियों को जीएसटी में आईटीसी नहीं मिलेगी। जीएसटी पोर्टल पर पंजीयन के लिए वेट पंजीयन प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, फोटोग्राफ, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट अथवा पासबुक, आधार कार्ड जिसमें मोबाईल नंबर दर्ज हो, ई-मेल एकाउंट डिटेल, व्यवसाय स्थल के प्रमाण में किरायानामा, बिजली बिल, सहमति पत्र, डीएससी (डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट), प्रोव्हीजनल आईडी और पासवर्ड अथवा पूर्व में किये गये आंशिक नामांकन प्रक्रिया के यूजर आईडी व पासवर्ड लेकर आना जरूरी है।
वाणिज्यिक कर संभाग क्रमांक-दो के अंतर्गत 42 स्थानों पर खोले गए काउंटर
वाणिज्यक कर संभाग क्रमांक-दो के अंतर्गत ड्रोलिया इंटरप्राइजेस गुरूनानक चौक रायपुर, गंगा ऑटोमोबाईल मित्तल कॉम्प्लेक्स एम.जी. रोड रायपुर, मिनीमेक्स मार्केटिंग फाफाडीह रायपुर, पिथालिया कॉम्पलेक्स स्टेशन रोड रायपुर, श्याम प्लाजा रायपुर, किशोर शॉपिंग मॉल शंकर नगर रायपुर, टिम्बर भवन फाफाडीह रायपुर, टेक्सटाईल मार्केट व्यवसायिक भवन रायपुर, गणेश फोेटो कॉपी श्याम मार्केट प्रथम तल पंडरी रायपुर, अंबुजा मॉल सडढू रायपुर, उषा प्राइड मोवा रायपुर के साथ-साथ उरला, सिलतरा, बीरगांव, भनपुरी, तेंदुवा, धमतरी, कांकेर, भानुप्रतापपुर, पंखान्जुर, नगरी, कुरूद, भाटापारा, सिमगा, बलौदाबाजार, खोखली, बिलाईगढ़, गिधौरी, सरसींवा, भटगांव, कसडोल, पलारी, जगदलपुर, कोण्डागांव, केशकाल, नारायणपुर, गरियाबंद, फिंगेश्वर, देवभोग, छुरा, राजिम, तिल्दा मंे भी काउंटर खोले गए हैं। विभाग द्वारा व्यवसायियों से अपील की गई है कि वे इन स्थानों पर संपर्क कर जीएसटी पोर्टल पर माइग्रेशन कराने का लाभ लेवें।
इसके अतिरिक्त कारोबारियों की सहायता के लिए वाणिज्यिक कर विभाग के संभाग क्रमांक-दो के अंतर्गत देवेन्द्र नगर स्थित कार्यालय में भी हेल्प डेस्क खोला गया है। कार्यालय उपायुक्त, वाणिज्यिक कर, संभाग क्रमांक-दो के हेल्प डेस्क में कु0 कांती साहू, 97133-11163, रायपुर वृत्त-छः के हेल्प डेस्क में श्री भगवती साहू, (मोबाइल नम्बर 78795-72099), रायपुर वृत्त-सात के हेल्प डेस्क में श्रीमती अरूंधती साहू, (मोबाइल नम्बर 88189-06353), रायपुर वृत्त-आठ के हेल्प डेस्क में श्रीमती श्वेता वर्मा, (मोबाइल नम्बर 77730-67458) तथा रायपुर वृत्त-नौ के हेल्प डेस्क में श्रीमती इंदु साहू, (मोबाइल नम्बर 95848-41795) से संपर्क किया जा सकता है। 
क्रमांक-1006/राजेश

किसानो को समसामयिक कृषि सलाह

रायपुर, 02 जून 2017
सिंचाई साधन वाले किसानों को अपने खेतों में खरपतवारों के बीजों को नष्ट करने एक से डेढ़ इंच पानी भरना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों ने आज यहां जारी विशेष कृषि बुलेटिन में किसानों को यह सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मक्के की फसल में तना छेदक का प्रकोप दिखाई दे रहा हो तो कार्बोफ्यूरान के दो-तीन दानें मक्के के पौधे के ऊपरी भाग में प्रति पौधा डालना चाहिए।
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि सिंचाई के साधन होने की स्थिति में धान का थरहा तैयार करने के लिए खेतों में पानी का पलेवा देकर उपयुक्त ओल आते ही खेतों की अच्छी तरह जोताई कर खेत भुरभुरी रखना चाहिए। इस तरह की जोताई में खरपतवार काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं तथा खेत तैयार रहने से जून के प्रथम पखवाड़े में थरहा तैयार करने के लिए बोआई कर सकते हैं। सब्जी बोने वाले किसान खरीफ की नार वाली सब्जी फसलों जैसे लौकी, कुम्हड़ा को पॉलीबैग में पौधा तैयार कर सकते हैं। इसी प्रकार करेला व बरबट्टी बोने के लिए अच्छी किस्मों के बीजों का चयन कर मेड़ नाली पद्धति से इनकी बोनी की जा सकती है। कुन्दरू और परवल लगाने के लिए भी खेतों को तैयार करने का यह उपयुक्त समय है। केला और पपीता फसलों में अधिक वाष्प उत्सर्जन की स्थिति को देखते हुए ड्रिप में पानी की मात्रा बढ़ाना जरूरी हो गया है। 
क्रमांक-1005/राजेश

लोक निर्माण मंत्री श्री मूणत ने सुनी रायपुरा के निवासियों की समस्याएं : क्षेत्र का जी.पी.एस. सर्वे करने और समस्याओं के त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

रायपुर, 02 जून 2017

लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत ने आज यहां सवेरे 7 बजे राजधानी रायपुर के रायपुरा पहुंचकर वहां के लोगों की समस्याएं सुनी। उन्होंने रायपुरा में आम नागरिकों के लिए उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली। श्री मूणत ने रायपुरा में चल रहे विभिन्न सार्वजनिक विकास की कार्यो का अवलोकन भी किया। श्री मूणत ने पनखटिया तालाब, डूकसा तालाब, अघरिया तालाब, नवनिर्मित शासकीय स्कूल और गली, मोहल्ले, चौक-चौराहों में घूमकर पानी, बिजली की समस्या, पाइपलाइन, निस्तारी की समस्या, तालाब सफाई, गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण, पचरी निर्माण, नाली व रोड डामरीकरण की स्थिति, तालाब में चेंजिंग रूम निर्माण आदि की जानकारी ली। श्री मूणत ने मौके पर उपस्थित तहसीलदार को रायपुरा क्षेत्र के सभी तालाबों की पुरानी खतौनी, मिसल निकालकर जांच करने तथा पुनः सीमांकन करने के निर्देश दिए। श्री मूणत ने तालाब के आस-पास बने मकानों तथा खाली पड़ी जमीनों की स्थिति का जायजा लिया तथा जोन कमिश्नर को निर्देशित किया कि कोई भी मकान बिना डायवर्सन व नक्शा पास के नहीं बनना चाहिए। खाली पड़े प्लाटों में सीसी रोड निर्माण न करके रहवासी क्षेत्रों में ही किया जाए। उन्होंने पूरे क्षेत्र का जीपीएस सर्वे करने कहा। श्री मूणत ने क्षेत्र के सभी घरों में शौचालय निर्माण की स्थिति की जानकारी ली तथा कहा कि सभी घरों में शौचालय का निर्माण हो। लोक निर्माण मंत्री ने मौके पर घरों में जाकर शौचालयों की गुणवत्ता का अवलोकन किया तथा हितग्राहियों को शौचालय की उपयोगिता के बारे में बताया।
उन्होंने वार्ड में पानी की सप्लाई की जानकारी ली तथा शासन द्वारा पाइप लाइन के स्वीकृत कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्हांेने अधिकारियों से कहा कि रोड निर्माण के साथ ही नाली का भी निर्माण करना चाहिए। बांसटाल स्थित नवनिर्मित शासकीय स्कूल का भी निरीक्षण किया तथा वहां गाड़ी स्टैण्ड और रायपुरा में मंगल भवन हेतु प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए। श्री मूणत ने क्षेत्र में बाजार की स्थिति की भी जानकारी ली। इस अवसर पर नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री रजत बंसल, श्री हेमेन्द्र साहू, पार्षद श्री दीनबंधु ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधि और क्षेत्र के नागरिक उपस्थित थे।
क्रमांक-1003/कोसरिया

अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में कॉलेजों में प्रवेश लेने आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून

रायपुर, 02 जून 2017
 राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के जिलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में शालाओं में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को विज्ञान एवं वाणिज्य विषय में महाविद्यालयीन शिक्षा निःशुल्क आवासीय सुविधा के साथ उपलब्ध कराने हेतु आर्यभट्ट विज्ञान वाणिज्य केन्द्र दुर्ग (बालिकाओं) एवं जगदलपुर (बालक) में 500 सीटर स्थापित किया गया है। नवीन शैक्षणिक सत्र 2017-18 में प्रवेश हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून है। इसमें प्रवेशित विद्यार्थियों को इन केन्द्रों में आवास, भोजन, पानी, बिजली, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, लेखन सामग्री, चिकित्सा आदि निःशुल्क उपलब्ध कराया आएगा। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल स्वीकढत सीट में से स्नातक स्तर पर गणित एवं जीव विज्ञान हेतु 80-80 सीट, वाणिज्य हेतु 40 सीट, स्नातकोत्तर विज्ञान हेतु 80 सीट, वाणिज्य हेतु 20 सीट तथा बी.एड. हेतु 200 सीट निर्धारित है, जिसमें से 20 प्रतिशत सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए निर्धारित किया गया है।
स्नातक में प्रवेश हेतु कक्षा बारहवीं में 40 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण तथा अनुसूचित क्षेत्र का निवासी होना चाहिए। स्नातकोत्तर में प्रवेश हेतु स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। छत्तीसगए़ राज्य के लिए घोषित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी जाति प्रमाण पत्र धारक हो। मेरिट के आधार पर महाविद्यालय में प्रवेश होने पर केन्द्र (छात्रावास) में प्रवेश होगा। इस योजना के संबंध में आवेदन पत्र एवं पूर्व जानकारी विभागीय वेबसाइट (tribal.cg.gov.in) पर उपलब्ध है।
 क्रमांक-1004/कोसरिया

रायपुर : श्रम मंत्री श्री राजवाडे़ ने 4 जून को आयोजित हितग्राही सम्मेलन की तैयारियों का लिया जायजा

रायपुर 02 जून 2017

प्रदेश के श्रम, खेल और युवा कल्याण मंत्री श्री भईयालाल राजवाडे़ ने मनेन्द्रगढ़ के रामानुज मिनी स्टेडियम में 4 जून को आयोजित  हितग्राही सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया । उन्होने सबंधित अधिकारियों को सभी तैयारियां निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये। इस मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 3 साल का कार्यकाल पूरा होने पर सरकार की उपलब्धि और विकास कार्यो से जनता को अवगत कराने कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डे शामिल होंगे । डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डे 4 जून को पूर्वान्ह  11 बजे बैकुण्ठपुर पहुंचेेंगे। डॉ.पाण्डे प्रातः 11.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित रामानुज मिनी स्टेडियम में आयोजित हितग्राही सम्मेलन में शामिल होंगे। डॉ.पाण्डे अपरान्ह 3.30 बजे से शाम 4 बजे तक जिले के पत्रकारों से चर्चा करेंगे।

क्रमांक - 1002 /सीएल

रायपुर : मानसून से पहले आपदा प्रबंधन की तैयारी शुरू : भारत सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण नम्बर विभागीय वेबसाइट पर अपलोड

राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय बाढ़ कन्ट्रोल रूम चौबीसों घण्टे खुला रहेगा

रायपुर, 02 जून 2017
मानसून के आने की आहट के साथ ही राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में आपदा प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी रायपुर के गांधी चौक स्थित आयुक्त भू-अभिलेख के कार्यालय में राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जा चुकी है। इसका टेलीफोन नम्बर 0771-2223471 एवं और टेलीफैक्स नम्बर  0771-2223472 है। मानसून के दौरान भारी वर्षा या बाढ़ की स्थिति में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन से संबधित जानकारी इस नियंत्रण कक्ष से टेलीफोन पर प्राप्त की जा सकती है । वहां तीन अलग-अलग पालियों में चौबीसों घंटे विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी  लगाई गई है। प्रदेश के सभी 27 जिला कलेक्टरों को भी जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और उनके टेलीफोन तथा फैक्स नम्बरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। 
इस संबंध में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र  में बताया गया है कि मानसून के दौरान संभावित अतिवृष्टि को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को संबंधित विभागों के साथ जिला स्तर पर समन्वय बनाकर राहत और बचाव कार्यों की अग्रिम तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। केन्द्र सरकार ने राज्यों को अपने-अपने पड़ोसी राज्यों के साथ भी इसके लिए समन्वय रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसी स्थिति में भारत सरकार, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण/ कंट्रोल रूम दूरभाष, फैक्स, नम्बर के साथ ही ई-मेल आई.डी. आदि संबंधित विभागों एवं जिलों से समन्वय हेतु विभाग द्वारा जानकारी तैयार कर विभागीय वेबसाइट ूूूण्बहण्दपबण्पदध्तमअमदनमध् पर अपलोड कर दी गयी है। आम नागरिक उक्त वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते है।  
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय हो गया है। राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह नियंत्रण कक्ष यहां  गांधी चौक स्थित पुराना आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय में बनाया गया है। जिसका संचालन 24 घण्टे  रहेगा । आम नागरिक अतिवृष्टि एवं बाढ़ से संबंधित जानकारी नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) के उन्हें लगातार चौकस रहने और टेलीफोन पर प्राप्त जनसमस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित कर्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में कोई भी शिकायत राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में दर्ज करायी जा सकती है। प्राप्त शिकायतों का निराकरण विभाग द्वारा यथाशीध्र किया जाएगा। 
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे जिला मुख्यालयों और तहसील मुख्यालयों सहित उन सभी जगहों में जहां वर्षामापक यंत्र लगे हुए है, वहां उन उपकरणों का बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित करें। प्रदेश में पहुंविहीन क्षेत्रों की जनता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए और वहां के लिए खाद्य सामग्री, कैरोसीन, जीवन रक्षक दवाईयों का अग्रिम भण्डारण करने तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों से निपटने हेतु चिकित्सा  दलों का गठन करने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा मोचन निधि से राशि का आवंटन प्रदान की गई है। जिले में बाढ़ बचाव एवं मोटरबोट आदि का परीक्षण एवं मोकड्रील  करने हेतु जिला कलेक्टरों को रूपए एक लाख प्रति जिले के मान से सभी 27 जिलो को 27 लाख रूपए की राशि का भी आवंटन प्रदान कराया गया है।  

क्रमांक-1001/पाराशर

रायपुर : ताप बिजली घरों को देना होगा फ्लाईएश का पूरा हिसाब: श्री राजेश मूणत : फ्लाईएश का शत-प्रतिशत उपयोग होना चाहिए

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने फ्लाईएश की उपयोगिता पर सम्मेलन का किया शुभारंभ

फ्लाईएश उत्पादक और उपयोगकर्ता के मध्य 
हो बेहतर समन्वय: न्यायमूर्ति श्री दलीप सिंह

फ्लाईएश को संसाधन के रूप में देखा जाए 

रायपुर, 02 जून 2017

आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने कहा है कि कोयला आधारित ताप बिजली घरों को उत्पन्न होने वाले फ्लाईएश का पूरा हिसाब देना होगा और इसके शत-प्रतिशत उपयोग की कार्य-योजना हर वर्ष प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने कहा कि फ्लाईएश का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उद्योगों और केन्द्र तथा राज्य सरकारों को साथ मिलकर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ समयबद्ध योजना बनाकर कार्य करना होगा। श्री मूणत आज यहां ‘कोयला आधारित ताप विद्युतगृह से उत्पन्न फ्लाईएश की उपयोगिता’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मेलन का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एन.जी.टी.) की सेन्ट्रल जोनल बैंच भोपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति श्री दलीप सिंह ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। एन.जी.टी. भोपाल के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. एस.एस. ग्रेबियाल, एन.जी.टी. भोपाल के रजिस्ट्रार जनरल श्री संजय शुक्ला, छत्तीसगढ़ के आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला और मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री ए.एन. मिश्रा सहित राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की प्रमुख औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि सम्मेलन में उपस्थित थे। सम्मेलन का आयोजन माना विमानतल मार्ग स्थित एक निजी होटल में किया गया।
श्री मूणत ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में उत्पन्न होने वाली फ्लाईएश के मात्र 35 से 37 प्रतिशत का ही उपयोग किया जा रहा है। इसका शत-प्रतिशत उपयोग करने के लिए कठोर कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 20 लाख मकान बनाये जाने हैं। इनमें फ्लाईएश से निर्मित ईंटों का उपयोग किया जा सकता है। शासकीय निर्माण कार्यों में फ्लाईएश ईंटों के निर्माण के संबंध में दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में फ्लाईएश ईंटों के निर्माण के संयंत्रों की स्थापना का काम तापविद्युत गृहों और संबंधित उद्योगों द्वारा कार्पोरेट सोशल जिम्मेदारी (सी.एस.आर.) मद से किया जा सकता है। इसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। गांवों में अन्य विकास कार्यों में भी इन ईंटों का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) द्वारा उद्योगों से फ्लाईएश के उपयोग के संबंध में सार्थक संवाद के लिए सम्मेलन के आयोजन की इस पहल का स्वागत करते हुए एनजीटी को धन्यवाद दिया। 
श्री मूणत ने खाली खदान को भरने और सड़क निर्माण कार्य में फ्लाईएश के उपयोग के संबंध में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों की ओर उद्योगों का ध्यान आकर्षित किया। राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एन.जी.टी.) की सेन्ट्रल जोनल बैंच भोपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति श्री दलीप सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज दिनभर के विचार-विमर्श के बाद सम्मेलन के निष्कर्षों पर ‘रायपुर घोषणा पत्र’ जारी की जानी चाहिए और उसके अनुसार फ्लाईएश के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना पर अमल किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति श्री सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और फ्लाईएश के उपयोग के संबंध में लगातार अनुसंधान और विकास (आर.एण्ड डी.) को बढ़ावा देने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि फ्लाईएश के उपयोग के लिए सभी संबंधित पक्षों को सार्थक प्रयास करने चाहिए, जिससे कठोर कदम उठाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने सुझाव दिया कि पावर प्लांटों के साथ - साथ सीमेंट संयंत्र और फ्लाईएश ईंट निर्माण संयंत्र की स्थापना के संबंध में भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए, जिससे पावर प्लांट में उत्पन्न होने वाली फ्लाईएश  का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने फ्लाईएश उत्पन्नकर्ता और उपयोगकर्ता के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत पर बल दिया। न्यायमूर्ति श्री सिंह ने सम्मेलन के आयोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना की। एन.जी.टी. भोपाल के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. एस.एस. ग्रेबियाल ने फ्लाईएश के विभिन्न उपयोगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फ्लाईएश  को एक संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए।
आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 76 ताप विद्युतगृह हैं, जिनमें प्रतिवर्ष 3.5 करोड़ टन फ्लाईएश उत्पन्न होती है। फ्लाईएश के निष्पादन के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 1999, 2003, 2009 और 2016 में नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके अनुसार 31 दिसम्बर 2017 तक संयंत्रों को उत्पन्न होने वाली शत प्रतिशत फ्लाईएश का उपयोग सुनिश्चित करना होगा। संयंत्रों को 20 प्रतिशत फ्लाईएश ईंट निर्माताओं को निःशुल्क देनी चाहिए। फ्लाईएश 300 किलोमीटर तक परिवहन कर निःशुल्क देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमेंट प्लांट क्लिंकर बनाते हैं, जिनका दूसरे राज्यों को निर्यात किया जाता है और क्लिंकर को पीस कर फ्लाईएश मिलाकर सीमेंट तैयार की जाती है। छत्तीसगढ़ के सीमेंट संयंत्रों को क्लिंकर निर्यात करने की जगह प्रदेश में ही सीमेंट बनाकर उसका निर्यात करना चाहिए, जिससे फ्लाईएश का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके। इस अवसर पर विभिन्न औद्योगिक इकाईयों, ताप विद्युतगृहों, एस.ई.सी.एल. के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 


    क्रमांक-999/सोलंकी

Raipur : Give detailed account of fly-ash, Rajesh Munat calls upon thermal power stations

 Better co-ordination needed between producer
                                             and consumer : Justice Dalip Singh
Raipur, 02 May 2017

Environment Minister Mr. Rajesh Munat today said that coal-based thermal power stations should give a detailed account of fly-ash and submit master plan of usage of it every year. Union Government, State Government and industries should work in tandem and prepare a master plan in a time-bound manner. He was addressing a conference on 'Coal -based thermal power stations' fly-ash usage'. He inaugurated the conference.
National Green Tribunal (N.G.T.)  Central Zonal branch Bhopal Tribunal member Justice Mr. Dalip Singh presided over the conference. Mr. Munat said that only 35 per cent of the fly-ash produced is being utilized for productive purposes. Effective steps should be taken to make total usage of it. He added that 20 lakh houses will be built under the Prime Minister Housing Project. Fly-ash can be used in the construction of houses. Directives had already been issued in the matter regarding the usage of fly-ash bricks in the State Government developmental projects. The bricks can be utilized in various developmental works in the villages which can help create employment opportunities to youth. He welcomed the conference held by National Green Tribunal to hammer out a solution of such an important issue of public importance.
Justice Mr. Dalip Singh said that a paper on 'Raipur Declaration' should be released. Master plan should implemented upon the cent per cent utilization of fly-ash. He called upon Research and Development (R-D) in fly-ash for improving the environment. Mr. Singh said there  should be better and closer co-ordination between the producer and consumer of fly-ash. He appreciated the efforts of State Government in holding the conference .
Environment Department Secretary Mr. Sanjay Shukla said that  there are 76 thermal power stations in Chhattisgarh which emanate 3.5 crore ton fly-ash every year.

999/ Solanki/Pradeep

प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात : मुख्यमंत्री आज करेंगे आधा दर्जन नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

रायपुर, 13 जुलाई 2017 प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात मिली है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 14 जुलाई को बालोद जिले के प्...