Friday, 7 July 2017

आकाशवाणी से 09 जुलाई को ’रमन के गोठ’ की 23वीं कड़ी का प्रसारण

रायपुर, 07 जुलाई 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मासिक रेडियोवार्ता ’रमन के गोठ’ की 23वीं कड़ी का प्रसारण रविवार 09 जुलाई को सवेरे 10.45 बजे से 11.05 बजे तक आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से किया जाएगा। राज्य में स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्र इस कार्यक्रम को एक साथ रिले करेंगे। इसके अलावा दूरदर्शन के रायपुर केन्द्र द्वारा अगले दिन सोमवार 10 जुलाई को अपरान्ह 3.30 बजे से 3.50 बजे तक रमन के गोठ का प्रसारण किया जाएगा। विभिन्न प्राईवेट टेलीविजन समाचार चैनलों से भी रविवार 9 जुलाई को इस कार्यक्रम का प्रसारण होगा।
क्रमांक-1493/स्वराज्य

मनरेगा में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार : मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत टेमरी को दी बधाई

रायपुर, 07 जुलाई 2017

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रात यहां अपने निवास कार्यालय में दुर्ग जिले के ग्राम टेमरी (विकासखण्ड-पाटन) से आए प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। उन्होंने मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत टेमरी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर वहां के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को बधाई दी। पूर्व संसदीय सचिव श्री विजय बघेल के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि मंडल में जनपद पंचायत पाटन के उपाध्यक्ष श्री खेमलाल देशलहरा, ग्राम पंचायत टेमरी की सरपंच श्रीमती चंद्रिका देशलहरा और टेमरी पंचायत के अनेक पंच तथा कई ग्रामीण शामिल थे। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायत टेमरी को पिछले महीने की 19 तारीख को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। केन्द्रीय पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के हाथों अपनी ग्राम पंचायत के लिए यह पुरस्कार सरपंच श्रीमती चंद्रिका देशलहरा ने ग्रहण किया था। यह पुरस्कार वर्ष 2015-16 की अवधि में टेमरी ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हुए सराहनीय विकास कार्यों के लिए प्रदान किया गया। खारून नदी के किनारे इस ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत 100 कार्य दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या 189 है। ग्राम पंचायत में वर्ष 2015-16 में 270 परिवारों को मनरेगा के तहत 36 हजार 253 दिनों का रोजगार दिया गया। इनमें से 19 हजार से अधिक मानव दिवस का रोजगार महिलाओं को मिला। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस ग्राम पंचायत के 270 घरों में से 261 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
क्रमांक-1492/सचिन

हर जिले में खनिज न्यास गठित करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में डीएमएफ की समीक्षा बैठक

कोरबा, रायगढ़ और दंतेवाड़ा जिलों के लिए विशेष 
कार्ययोजना बनाने के निर्देश

सभी जिलों में सितम्बर 2018 तक ढाई हजार करोड़ के 
विकास कार्यो का लक्ष्य
रायपुर, 07 जुलाई 2017


 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) की बैठक आयोजित की गयी। डॉ. सिंह ने डीएमएफ की राशि से राज्य के विभिन्न जिलों में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन हो गया है और ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों में खनिज उत्पादन की एक निश्चित राशि राज्य के संबंधित खनिज उत्पादक जिलों के विकास के लिए देने का प्रावधान किया गया है। इस राशि से जिलों में स्थानीय महत्व के अनेक जरूरी विकास कार्य हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इस दिशा में बेहतरी कार्य हो रहे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना देश में लागू की गयी है। इसके अन्तर्गत छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास नियम 2015 लागू किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा- प्रत्येक जिले में खनिज संस्थान न्यास की राशि इस योजना के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुरूप खर्च की जाए। सभी जिलांे में खनिज संस्थान न्यास जनवरी 2015 से अस्तित्व में आ गए हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह और संचालक श्रीमती अलरमेल मंगई डी सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने बैठक में जिला खनिज न्यास संस्थान की गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण दिया। 
मुख्यमंत्री ने खनिज न्यास मद में 50 करोड़ रूपए से अधिक राजस्व प्राप्त होने वाले जिलों के विकास के लिए विशेष पंचवर्षीय कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए खनिज संसाधन की दृष्टि से तीन बड़े जिलों- रायगढ़, कोरबा और दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) को चिन्हित करने और वहां सड़क, बायपास मार्ग, फ्लाई ओव्हर और आवास तथा भवन आदि का निर्माण कर मजबूत अधोसंरचना विकसित करने के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस निधि से रायगढ़ शहर के चारों ओर बायपास मार्ग का निर्माण, कोरबा में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए आवास निर्माण और दंतेवाड़ा में सड़क तथा अन्य भवन निर्माण जैसे विकास कार्यो को प्राथमिकता से शामिल करने के निर्देश दिए। राज्य में जिला खनिज न्यास निधि के अंतर्गत सितम्बर 2018 तक दो हजार 500 करोड़ रूपए की राशि से खनिज धारित क्षेत्रों में विकास का लक्ष्य है।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने जिला खनिज न्यास निधि में जिलों को प्राप्त हो रहे राजस्व राशि के अनुरूप विकास कार्यो को शीघ्रता से स्वीकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस निधि से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत हितग्राहियों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने हेतु राशि प्रावधान करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव खनिज श्री सुबोध सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जलवा योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य में 15 लाख महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें न्यास निधि से 81 करोड़ रूपए की राशि देने का प्रावधान रखा गया है। इसके लिए अब तक 62 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। 
प्रस्तुतिकरण में श्री सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि खनिज परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गावों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस निधि के तहत वर्तमान में आठ जिलों के 43 गावों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए 45 करोड़ 52 लाख रूपए की राशि के कार्य संचालित किए जा रहे है। इनमें कोरबा जिलें में 12 ग्राम, बिलासपुर जिलें में 10 ग्राम, रायगढ़ जिलें में छह ग्राम, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिलें में पांच ग्राम, सूरजपुर, बालोद एवं जांजगीर-चांपा जिले में तीन-तीन ग्राम तथा कोरिया जिलें में एक ग्राम शामिल है। इनमें से प्रत्येक ग्राम में अगले दो-तीन वर्ष में पांच करोड़ रूपए के विकास कार्य किए जाएंगे। इन कार्यो में प्रमुख रूप से आजीविका विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल सहित अधोसंरचना और सामाजिक विकास कार्य को लिया गया है।  

क्रमांक-1486/स्वराज्य/प्रेमलाल

रायपुर : अल्प संख्यक समुदायों के विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित

रायपुर, 07 जुलाई 2017

भारत सरकार अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, इसाई, सिक्ख, बौद्ध, जैन एवं पारसी) के ऐसे छात्र जिन्होंने पिछले वर्ष की परीक्षा में पचास प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं, उन्हें पात्रतानुसार प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम -मिन्स छात्रवृत्ति दी जाती है। आवेदक नवीन छात्रवृत्ति एवं छात्रवृत्ति के नवीनीकरण के लिए ओवदन कर सकते हैं। 
छत्तीसगढ़ राज्य के अल्पसंख्यक आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुूसार प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए छात्र के अभिभावक की वार्षिक आमदनी एक लाख रूपये, पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए दो लाख रूपये और मेरिट-कम-मिन्स छात्रवृत्ति के लए अभिभावकों की आमदनी दो लाख पचास हाजर रूपये वार्षिक निर्धारित की गई है। नवीन छात्रवृत्ति के लिए आवेदक 31 अगस्त 2017 तक और छात्रवृत्ति नवीनीकरण के लए 31 अगस्त 2017 तक आवेदन कर सकेंगे। 
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति वर्ष 2017-18 हेतु छात्र आन लाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अल्प संख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली की वेबसाईट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू स्कालरशिप डॉट जीओवी डॉट इन (www. Scholasrships.gov.in) के होम पेज पर FAQs  (एफएक्यूएस)    मे आवेदन पत्र दिया गया है। नवीन छात्रवृत्ति का लक्ष्य निर्धारित है। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए छात्र छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय पुराना नर्सेस हॉस्टल डीकेएस भवन के पीछे रायपुर से सम्पर्क कर सकते हैं। आयोग का ईमेल आईडी (सी.जी. मायनॉरिटि एट द रेट जी मेल डॉट काम) पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।  

क्रमांक-1490/चौधरी

रायपुर : प्रदेश के प्रमुख सिंचाई जलाशयों में औसत रूप से 44 प्रतिशत जल भराव : पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक पानी भरा

रायपुर, 07 जुलाई 2017

पिछले दिनों प्रदेशभर में हुई मानसून की पहली बारिश के फलस्वरूप राज्य के प्रमुख सिंचाई जलाशयों में औसत रूप से 44. 12 प्रतिशत जल भराव हो गया है। बीते वर्ष की तुलना में आज की स्थिति में इन जलाशयों में औसत 18.20 प्रतिशत अधिक जल भराव है। वर्ष 2016 में 7 जुलाई को औसतन 25.92 प्रतिशत पानी भरा था। इन जलाशयों की जलभराव क्षमता 6 हजार 267 मिलियन घन मीटर है। इस क्षमता के विरूद्ध 37 जलाशयों में लगभग दो हजार 765 मिलियन घन मीटर पानी का भराव हो गया है। जल संसाधन विभाग के स्टेट डाटा सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह तक कबीरधाम जिले के सुतियापाट जलाशय सबसे अधिक 93.72 प्रतिशत भर गया है। 
प्रदेश के सबसे बड़े सिंचाई जलाशय मिनीमाता बांगो बांध 62.68 प्रतिशत, रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) 17.76 प्रतिशत, तांदुला जलाशय 13.15 प्रतिशत, दुधावा जलाशय 44.09 प्रतिशत, सिकासेर जलाशय 41.36 प्रतिशत, खारंग जलाशय 18.30 प्रतिशत, सोढूंर जलाशय 26.82 प्रतिशत, माड़मसिल्ली जलाशय 57.53 प्रतिशत, कोडार जलाशय 24.94 प्रतिशत, मनियारी जलाशय 62.21 प्रतिशत, खरखरा जलाशय 11.88 प्रतिशत, गोंदली जलाशय 31.77 प्रतिशत, कोसारटेडा जलाशय 44.35 प्रतिशत, परालकोट जलाशय 2.90 प्रतिशत, छिरपानी जलाशय 58.89 प्रतिशत, पिपरियानाला जलाशय 77.81 प्रतिशत, बल्लार जलाशय 8.82 प्रतिशत तथा मोंगरा बैराज जलाशय 22.22 प्रतिशत भरा है। 
इसी प्रकार मरोदा जलाशय में क्षमता का 60.58 प्रतिशत, सरोदा जलाशय में 25.87 प्रतिशत, घोंघा जलाशय में 28.72 प्रतिशत, मटियामोती जलाशय में 4.49 प्रतिशत, खम्हारपाकुट जलाशय में 35.11 प्रतिशत, केशवा जलाशय में 3.03 प्रतिशत, कर्रानाला जलाशय में 49.92 प्रतिशत, केदारनाला जलाशय में 5.99 प्रतिशत, किनकारीनाला जलाशय में 2.27 प्रतिशत, बेहारखार जलाशय में 57.84 प्रतिशत, खपरी जलाशय में 31.51 प्रतिशत, बरनई जलाशय में 53 प्रतिशत, पेंड्रावन जलाशय में 15.36 प्रतिशत, रूसे जलाशय में 48.47 प्रतिशत, पुटकानाला जलाशय में 4.51 प्रतिशत, मयाना जलाशय में 5.98 प्रतिशत तथा धारा जलाशय में क्षमता का 24.21 प्रतिशत जल भराव हो गया है। 

क्रमांक-1487/राजेश

केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अहलुवालिया 11 जुलाई को रायपुर आएंगे : जीएसटी पर आयोजित कार्यक्रम में होंगे शामिल

रायपुर, 07 जुलाई 2017
केन्द्रीय कृषि, कृषक कल्याण एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री एस.एस. अहलुवालिया 11 जुलाई को रायपुर आएंगे। श्री अहलुवालिया यहां समता कॉलोनी स्थित महाराजा अग्रसेन अंतर्राष्ट्रीय महाविद्यालय के सभाकक्ष में केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर आयोजित विचार-विमर्श कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम सवेरे 10.30 बजे से शुरू होगा। कार्यक्रम का आयोजन आयुक्त, केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क, रायपुर द्वारा किया गया है।
इस विचार-विमर्श कार्यक्रम में केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर के आयुक्त श्री विनोद कुमार सक्सेना, छत्तीसगढ़ की वाणिज्यिक-कर आयुक्त श्रीमती पी.संगीता सहित केन्द्र एवं राज्य शासन के अधिकारी, व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि और स्टेकहोल्डर्स भाग लेंगे । इस कार्यक्रम में वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली की भारतीय अर्थव्यवस्था में उपयोगिता एवं महत्व पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी । 
क्रमांक-1491/कुशराम

रायपुर : एच.आई.वी. संक्रमित 289 लोगों को कौशल प्रशिक्षण

        रायपुर, 07 जुलाई 2017
राज्य सरकार एच.आई.वी. एड्स संक्रमित लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभिनव पहल कर रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा अन्य विभागीय योजनाओं से समन्वय कर संक्रमितों को क्षमता के अनुकुल कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रदेश के 289 एचआईवी संक्रमित  लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। योजना के तहत सिलाई, कम्प्यूटर, कारपेंटर, ब्यूटी पार्लर इत्यादि में से अपनी रूचि एवं  क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने विगत दिनों समीक्षा बैठक के दौरान  अधिकारियों को एच.आई.वी. संक्रमित लोगों के आजीविका के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
    स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री आरः प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि राज्य शहरी आजीविका मिशन के तहत सितंबर, 2016 से एच.आई. वी. संक्रमित लोगों को उनकी क्षमता अनुरूप कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति एआरटी (एन्टीरिट्रो वायरल) केन्द्र पर अपना पंजीयन कार्ड की छायाप्रति और शैक्षणिक योग्यता आदि प्रमाण पत्र जमा कर योजना का लाभ ले सकते है।

क्रमांक-1488/ओम

Raipur : 289 H.I.V. infected persons given skills' up-gradation training

        Raipur, 07 July 2017 
 
 The State Government had taken several steps to make H.I.V. infected patients self-dependent. Health and Family Welfare Department and other various departments had been working in co-ordination to impart training in various trades according to their abilities. About 289 H.I.V. infected patients had been imparted training in sewing, computers, carpentry, beauty parlour and other trades. It may be mentioned here that Health and Family Welfare Minister Mr. Ajay Chandrakar had instructed the officials to give training to H.I.V. infected persons to make them self-dependent. Director of National Health Mission Mr. R.Prasanna today said that since September 2016 the State had been imparting training to H.I.V. persons and employing them according to their skills and areas of interest.    

1488/Om/Pradeep 

रायपुर : तृतीय लिंग और एच.आई.वी.संक्रमितों को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के मकानों में 0.2 प्रतिशत का आरक्षण

   रायपुर, 07 जुलाई 2017
 
राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण के मकानों में  तृतीय लिंग समुदाय और एर्च.आइ.वी. संक्रमित वर्ग लिए 0.2 प्रतिशत मकान आरक्षित करने करने का निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा इस आशय का आदेश जारी किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति एआरटी केन्द्र में पंजीयन कार्ड, आय प्रमाण-पत्र/ बीपीएल कार्ड, निवास प्रमाण पत्र सहित आवेदन पत्र छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के कार्यालय में जमा कर योजना का लाभ ले सकते हैं। आवासीय योजना अंतर्गत राज्य के किसी भी शहर में निर्मित आवास विभिन्न वर्गों के साथ-साथ इनकों भी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है । अधिक जानकारी के लिए गृह निर्माण मंडल के वेबसाईट cghb.gov.in में देखा जा सकता है ।

क्रमांक-1489/ओम

Raipur : 0.2 per cent quotas for trans-genders and H.I.V. infected patients in Chhattisgarh Housing Board quarters

   Raipur, 07 July 2017 

The State Government has decided to provide 0.2 per cent reservation in the Chhattisgarh Housing Board quarters for trans-genders and H.I.V. infected patients. A circular to this effect has been issued to this effect by the Board. The Health department officials today said that they can avail the facility by submitting Income Certificate, BPL card, Domicile certificate at the Housing Board office.

 1489/Om/Pradeep

रायपुर : जैव उत्पाद ‘डिकम्पोजर’ फसलों में पोषक तत्व बढ़ाने में उपयोगी : कृषि अपशिष्ट अपघटक एवं जैविक खेती विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

रायपुर, 07 जुलाई 2017


जैव उत्पाद ‘डिकम्पोजर’ सभी प्रकार की फसलों में पोषक तत्व बढ़ाने एवं कीट व्याधि नियंत्रण के लिए उपयोगी होता है। यह उत्पाद देशी गाय के गोबर से बनाया जाता है। राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष में ‘कृषि अपशिष्ट अपघटक एवं जैविक खेती’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय परिचर्चा सह कार्यशाला में विशेषज्ञों ने किसानों के लिए यह उपयोगी जानकारी दी। 
राज्य शासन के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह ने कार्यशाला में खेती-किसानी के लिए बहु उपयोगी जैविक दवा डिकम्पोजर का उपयोग करने के लिए किसानों को जागरूक करने हर संभव प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे खेती-किसानी की लागत में कमी लाने के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने में सफलता मिली है। राष्ट्रीय जैविक कृषि केंद्र गाजियाबाद के निदेशक डॉ. कृष्णचंद्र ने आधुनिक खेती में फसल अपशिष्ट के प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वेस्ट डिकम्पोजर के उपयोग एवं महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानांे द्वारा धान पैरा को खेतों में ही जला दिया जाता है। इससे मिट्टी के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचता है। डॉ. कृष्णचंद्र ने बताया कि पैरा को सड़ाने के लिए डिकम्पोजर का उपयोग करना बेहद लाभदायक होता है। डिकम्पोजर को हल्की सिंचाई किए जैसे पैरा में छिड़कना चाहिए। इससे 40-45 दिन के अंदर पैरा सड़ जाता है और बाद में उत्तम किस्म का खाद बन जाता है। उन्होंने बताया कि डिकम्पोजर के एक शीशी मात्रा को 200 लीटर पानी एवं दो किलोग्राम गुड़ में मिलाकर इसे अधिक मात्रा में तैयार किया जा सकता है। एक शीशी डिकम्पोजर की कीमत मात्र 20 रूपए हैं। डॉ. कृष्णचंद्र ने परम्परागत कृषि विकास योजना तथा पी.जी.एस. जैविक प्रमाणीकरण पद्धति के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। 
कार्यशाला में संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा छत्तीसगढ़ में जैविक खेती में डिकम्पोजर के उपयोग को बढ़ावा देने की मंशा जाहिर करते हुए वहां उपस्थित कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को इसके लिए भरपूर सहयोग करने का आग्रह किया। अपर संचालक कृषि डॉ. एस.आर. रात्रे ने जैविक खेती में फसल अपशिष्ट प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में फसल कटाई के लिए कम्बाईन हार्वेस्टर का उपयोग बढ़ गया है। इससे फसल के अवशेष खेतों में ही रह जाते हैं, जिसे किसान बाद में जला देते हैं। इन अवशेषों को जलाने से मिट्टी के सूक्ष्म तत्व नष्ट हो जाते हैं। डि कम्पोजर के माध्यम से इन अवशेषों को सड़ाकर खाद बनाने से किसानों को बहुत फायदा होगा। कार्यशाला में उद्यानिकी,  बीज प्रमाणिकरण संस्थान तथा कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भागीदारी की।   
क्रमांक-1485/राजेश

Raipur : 'Decomposer' useful in strengthening crops' nutrients

  Raipur, 07 July 2017


Organic producer 'Decomposer' helps in increasing the nutrients in crops and in curbing diseases. It is produced from the cow dung of country cows. State Agriculture Department Additional Chief Secretary Mr. Ajay Singh said that there is a need for spreading awareness regarding organic medicine 'Decomposer' among the farmers. He was speaking at a workshop on 'Krushi Apshisht Apghatak -Jaivik Khaiti'. He revealed that it had helped in reducing the costs in agriculture inputs and double the income of farmers.
'Rashtriya Jaivik Krushi Kendra' Gaziabad Director Dr. Krushnachandra gave detailed description of managing agriculture waste in modern scenario and waste Decomposer. He said that farmers burn agriculture wastes on the agricultural fields itself. The micro-organisms in the fields perish. The environment is polluted. It is beneficial to utilize 'Decomposer' for agricultural wates. The farm remains get decomposed in 40-45 days and is converted into high-quality manure. Director of Agriculture Mr. M.S. Kerketta expressed the desire to use Decomposer in Chhattisgarh and called upon the field workers to extend co-operation in spreading awareness among the farmers. Additional Director  Agriculture Mr. S.R.Ratre gave detailed description on management of agriculture waste. He said combine harvestor is utilized in harvesting crops.  

1485/Rajesh/Pradeep                      

प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात : मुख्यमंत्री आज करेंगे आधा दर्जन नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

रायपुर, 13 जुलाई 2017 प्रदेश को ग्यारह नवोदय विद्यालयों की नई सौगात मिली है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 14 जुलाई को बालोद जिले के प्...