राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय बाढ़ कन्ट्रोल रूम चौबीसों घण्टे खुला रहेगा
रायपुर, 02 जून 2017
मानसून के आने की आहट के साथ ही राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में आपदा प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी रायपुर के गांधी चौक स्थित आयुक्त भू-अभिलेख के कार्यालय में राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जा चुकी है। इसका टेलीफोन नम्बर 0771-2223471 एवं और टेलीफैक्स नम्बर 0771-2223472 है। मानसून के दौरान भारी वर्षा या बाढ़ की स्थिति में प्राकृतिक आपदा प्रबंधन से संबधित जानकारी इस नियंत्रण कक्ष से टेलीफोन पर प्राप्त की जा सकती है । वहां तीन अलग-अलग पालियों में चौबीसों घंटे विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रदेश के सभी 27 जिला कलेक्टरों को भी जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और उनके टेलीफोन तथा फैक्स नम्बरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में बताया गया है कि मानसून के दौरान संभावित अतिवृष्टि को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को संबंधित विभागों के साथ जिला स्तर पर समन्वय बनाकर राहत और बचाव कार्यों की अग्रिम तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। केन्द्र सरकार ने राज्यों को अपने-अपने पड़ोसी राज्यों के साथ भी इसके लिए समन्वय रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसी स्थिति में भारत सरकार, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण/ कंट्रोल रूम दूरभाष, फैक्स, नम्बर के साथ ही ई-मेल आई.डी. आदि संबंधित विभागों एवं जिलों से समन्वय हेतु विभाग द्वारा जानकारी तैयार कर विभागीय वेबसाइट ूूूण्बहण्दपबण्पदध्तमअमदनमध् पर अपलोड कर दी गयी है। आम नागरिक उक्त वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष भी सक्रिय हो गया है। राज्य सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह नियंत्रण कक्ष यहां गांधी चौक स्थित पुराना आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय में बनाया गया है। जिसका संचालन 24 घण्टे रहेगा । आम नागरिक अतिवृष्टि एवं बाढ़ से संबंधित जानकारी नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) के उन्हें लगातार चौकस रहने और टेलीफोन पर प्राप्त जनसमस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित कर्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में कोई भी शिकायत राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष में दर्ज करायी जा सकती है। प्राप्त शिकायतों का निराकरण विभाग द्वारा यथाशीध्र किया जाएगा।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे जिला मुख्यालयों और तहसील मुख्यालयों सहित उन सभी जगहों में जहां वर्षामापक यंत्र लगे हुए है, वहां उन उपकरणों का बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित करें। प्रदेश में पहुंविहीन क्षेत्रों की जनता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए और वहां के लिए खाद्य सामग्री, कैरोसीन, जीवन रक्षक दवाईयों का अग्रिम भण्डारण करने तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों से निपटने हेतु चिकित्सा दलों का गठन करने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा मोचन निधि से राशि का आवंटन प्रदान की गई है। जिले में बाढ़ बचाव एवं मोटरबोट आदि का परीक्षण एवं मोकड्रील करने हेतु जिला कलेक्टरों को रूपए एक लाख प्रति जिले के मान से सभी 27 जिलो को 27 लाख रूपए की राशि का भी आवंटन प्रदान कराया गया है।
क्रमांक-1001/पाराशर