Thursday, 29 June 2017

कार्य योजना बनाकर ग्रामीणों की समस्याओं का करें निराकरण: श्री अजय चन्द्राकर : राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक

रायपुर, 29 जून 2017

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) के समिति कक्ष में राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक हुई। श्री चन्द्राकर ने बैठक में कहा कि हम सबको ग्रामीण विकास से जुड़े सभी विभागों को आपसी सामंजस्य के साथ बेहतर कार्य करना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणों और हितग्राहियों की समस्याओं को कार्य योजना बनाकर निराकरण करने पर बल दिया।
बैठक मंे अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास(ग्रामीण), महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, और स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) योजनाओं में प्राप्त उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक मंे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, रायपुर लोकसभा के सांसद रमेश बैस, दुर्ग लोकसभा के सांसद श्री ताम्रध्वज साहू, महासमुन्द लोकसभा के सांसद श्री चन्दूलाल साहू, बस्तर लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप, विधान सभा क्षेत्र कवर्धा के विधायक श्री अशोक साहू, बलौदाबाजार विधायक श्री जनकराम वर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, सचिव श्री पी.सी. मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पंचायत मंत्री ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के तहत पात्र हितग्राहियों को शत प्रतिशत लाभाविन्त करने को कहा। उन्हांेने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण गरीब और बेघरबार परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए संचालित प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत वास्तविक हितग्राहियों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराने के लिए सहायता दी जानी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष आवास विहीन परिवारों के लिए दो लाख 32 हजार मकान बनाने का लक्ष्य था। वित्तीय वर्ष 2017-18 में छह लाख मकान बनाने का प्रावधान किया गया है। इस दिशा में तेजी कार्य किया जा रहा हैं। बैठक में अधिकारियों ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किए जा रहे कार्योें की जानकारी दी।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामीण गरीब महिलाओं को परंपरागत व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेहतर कार्य करना चाहिए। उनके लिए अन्य व्यापारियों की तरह ही बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत अब तक प्रदेश के 85 सघन विकासखण्डों में पंाच लाख 64 हजार से अधिक महिलाओं को स्व सहायता समूहांें के जरिए लाभान्वित किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने मनरेगा की उपलब्धियों के सबंध मंे विस्तार से जानकारी दी। मनरेगा के तहत प्रदेश में 36 लाख 54 हजार परिवार पंजीकृत हैं। इनमें अनुसूचित जाति वर्ग के तीन लाख 85 हजार तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के 12 लाख 51 हजार परिवार शामिल हैं।
बैठक में बताया गया कि मांग के आधार पर 21 लाख 32 हजार परिवारों को रोजगार मुहैया कराया गया हैं। इसके अतिरिक्त विभागीय अभिसरण के जरिए ग्राम पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, मिनी स्टेडियम निर्माण,तालाब और डबरी निर्माण सहित मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के मिट्टी कार्य किए जा रहे है। मनरेगा के श्रमिकों को कोर बैंकिग के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, जिसके चलते मजदूरी भुगतान में सुविधा हो रही है। श्री चन्द्राकर ने समय सीमा मंे मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया की प्रशंसा की। उन्होंने मजदूरों को और अधिक सुविधा जनक ढंग से मजदूरी का भुगतान करने के लिए आधुनिकतम तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करने पर जोर दिया। बैठक में सांसदों और विधायकों ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत कराया तथा उचित मार्गदर्शन और सुझाव दिए।  
क्रमांक-1385/ओम

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