नदियों और तालाबों का संरक्षण आज की आवश्यकता
लगभग पांच हजार महिलाओं ने जल संरक्षण और संवर्धन का लिया संकल्प
रायपुर, 16 मई 2017
मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि वर्ष 2012 में
जिन नौ जिलों का गठन किया गया था, उन्होंने विकास के मामले में अपनी पहचान
बनाने में सफलता पाई है। बालोद भी उनमें से एक जिला है। मुख्यमंत्री आज
सवेरे जिला मुख्यालय बालोद के निकट झलमला गांव स्थित गंगा मैय्या परिसर में
आयोजित जल अभिषेक कार्यक्रम ’पानी पर्व’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने
इस अवसर पर कहा कि आज नदियों और तालाबों के संरक्षण और इनके जल को निर्मल
बनाए रखने की आवश्यकता है। नदियों के दोनों किनारे वृृक्षारोपण कर किनारों
को हरा-भरा बनाया जाना चाहिए। गॉवों के तालाबों को पुनर्जीवित करने और
नदियों-तालाबों को प्रदूषण से बचाने के प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री
ने कहा कि जब तक जल और पेड़ हैं, तब तक धरती में आबादी है। नदियों और
तालाबों के जल को निर्मल बनाना हम सबका दायित्व है। जल अभिषेक के कार्यक्रम
में शामिल लगभग पांच हजार महिलाओं ने जल संरक्षण और संवर्धन का संकल्प
लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा-मां गंगा मैय््या की कृृपा से बालोद छत्तीसगढ़ के विकसित जिला के रूप में पहचान बनाने में सफल हुआ है। गंगा मैय्या, सियादेवी और रानीमाई सहित सभी मातृशक्तियों की प्रेरणा से ही बालोद जिला बना है और यह जिला निरंतर विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गंगा मैय्या का जिले ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश की प्रमुख नदियों के जल से अभिषेक किया जा रहा है, जिसमें गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा, गोदावरी, महानदी, शिवनाथ, अरपा, इन्द्रावती, दूधनदी, खण्डी, महान, शंकर, फूलझर, हसदेव, सांेढूर, शंख, सुखनी, ताप्ती, बंकी, हटकुल, टुरी, कन्हर, आगर, केलो, शिवपुर, शंखनी-डंकिनी, पैरी, मांड, ईब, मनियारी, कोटरी, रिहन्द, हाफ, आमनेर, नारंगी आदि नदियों का जल लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोद जिले के शतप्रतिशत घरों में शौचालय निर्माण कराकर नियमित उपयोग करें। उन्होंने सभा में उपस्थित निर्भया दल के सदस्यों को स्मार्टफोन और ड्रेस प्रदान किए। सभा को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर.राना ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री को गंगा मैय्या मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्मृृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री प्रीतम साहू, श्री विरेन्द्र साहू, श्री लाल महेन्द्र सिंह टेकाम, जनपद पंचायत बालोद के अध्यक्ष श्री दयानंद साहू और बालोद जिले के कलेक्टर श्री राजेश सिंह राणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार कटारा और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा-मां गंगा मैय््या की कृृपा से बालोद छत्तीसगढ़ के विकसित जिला के रूप में पहचान बनाने में सफल हुआ है। गंगा मैय्या, सियादेवी और रानीमाई सहित सभी मातृशक्तियों की प्रेरणा से ही बालोद जिला बना है और यह जिला निरंतर विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गंगा मैय्या का जिले ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और पूरे देश की प्रमुख नदियों के जल से अभिषेक किया जा रहा है, जिसमें गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा, गोदावरी, महानदी, शिवनाथ, अरपा, इन्द्रावती, दूधनदी, खण्डी, महान, शंकर, फूलझर, हसदेव, सांेढूर, शंख, सुखनी, ताप्ती, बंकी, हटकुल, टुरी, कन्हर, आगर, केलो, शिवपुर, शंखनी-डंकिनी, पैरी, मांड, ईब, मनियारी, कोटरी, रिहन्द, हाफ, आमनेर, नारंगी आदि नदियों का जल लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोद जिले के शतप्रतिशत घरों में शौचालय निर्माण कराकर नियमित उपयोग करें। उन्होंने सभा में उपस्थित निर्भया दल के सदस्यों को स्मार्टफोन और ड्रेस प्रदान किए। सभा को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर.राना ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री को गंगा मैय्या मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्मृृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री प्रीतम साहू, श्री विरेन्द्र साहू, श्री लाल महेन्द्र सिंह टेकाम, जनपद पंचायत बालोद के अध्यक्ष श्री दयानंद साहू और बालोद जिले के कलेक्टर श्री राजेश सिंह राणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार कटारा और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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