ई-गवर्नेंस और विकास परियोजनाओं के निर्माण-निगरानी में
किया जाएगा इस तकनीकी का इस्तेमाल
किया जाएगा इस तकनीकी का इस्तेमाल
रायपुर 09 मई 2017
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त होने वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को ई-गवर्नेंस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे विभिन्न विकास परियोजनाओं के निर्माण और निगरानी में इस प्रौद्योेगिकी का समुचित उपयोग कर सकें। यह प्रशिक्षण राजधानी रायपुर के नजदीक ग्राम निमोरा स्थित छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रात यहां अपने निवास कार्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं सहित छोटे स्टाप डैमों की मरम्मत के लायक सिंचाई नहरों की वर्तमान स्थिति की मैपिंग भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के जरिए जल्द से जल्द की जा सकती है। उन्होंने कहा-वर्तमान में चल रहे लोक सुराज अभियान के तहत अनेक गांवों में किसानों ने मुझसे नहरों की मरम्मत का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कहा- अगली ग्राम सभाओं में मनरेगा से इन नहरों की मरम्मत के प्रस्तावों पर ग्रामीणों से सहमति लेकर काम कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में निर्मित एनीकटों और खाली खदानों में साल भर कितना पानी रहता है। उसका आकलन कराया जाए। उन्होंने कहा कि बेमेतरा, मुंगेली और राजनांदगांव सहित कुछ अन्य जिलों में कुछ इलाकों में सूखे की समस्या मिली है। ऐसे इलाकों में दूरसंवेदी भू-उपग्रह के जरिए भू-जल स्तर का आंकलन किया जा सकता है और पेयजल तथा सिंचाई के लिए जलस्त्रोत विकसित किए जा सकते हैं।
बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव सर्वश्री एन.बैजेन्द्र कुमार, अजय सिंह और एम.के. राउत, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, राजस्व विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी. मंडल, प्रमुख सचिव श्री सुनील कुजूर, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा, जनसम्पर्क विभाग के सचिव श्री संतोष मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ और विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक श्री एस.एस. बजाज सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रात यहां अपने निवास कार्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में तैयारी जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं सहित छोटे स्टाप डैमों की मरम्मत के लायक सिंचाई नहरों की वर्तमान स्थिति की मैपिंग भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के जरिए जल्द से जल्द की जा सकती है। उन्होंने कहा-वर्तमान में चल रहे लोक सुराज अभियान के तहत अनेक गांवों में किसानों ने मुझसे नहरों की मरम्मत का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने कहा- अगली ग्राम सभाओं में मनरेगा से इन नहरों की मरम्मत के प्रस्तावों पर ग्रामीणों से सहमति लेकर काम कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में निर्मित एनीकटों और खाली खदानों में साल भर कितना पानी रहता है। उसका आकलन कराया जाए। उन्होंने कहा कि बेमेतरा, मुंगेली और राजनांदगांव सहित कुछ अन्य जिलों में कुछ इलाकों में सूखे की समस्या मिली है। ऐसे इलाकों में दूरसंवेदी भू-उपग्रह के जरिए भू-जल स्तर का आंकलन किया जा सकता है और पेयजल तथा सिंचाई के लिए जलस्त्रोत विकसित किए जा सकते हैं।
बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव सर्वश्री एन.बैजेन्द्र कुमार, अजय सिंह और एम.के. राउत, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, राजस्व विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी. मंडल, प्रमुख सचिव श्री सुनील कुजूर, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री गणेश शंकर मिश्रा, जनसम्पर्क विभाग के सचिव श्री संतोष मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ और विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक श्री एस.एस. बजाज सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक-653/सोलंकी