नई गाईडलाईन के अनुसार सभी एचआईवी संक्रमितों को दवा लेना अनिवार्य
दो लाख 54 हजार टेबलेट नाको नई दिल्ली से हुए प्राप्त
रायपुर 11
मई 2017
एचआईवी संक्रमित गर्भवती माता से होने वाले बच्चों को एचआईवी
संक्रमण मुक्त करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। वर्ष 2016-17
में 3 लाख 93 हजार 4 सौ 75 गर्भवती माताओं की एचआईवी जॉच की गई जिसमें 232
गर्भवती माताएं एचआईवी संक्रमित पाई गई। इनमें से 219 माताओं का सुरक्षित
प्रसव शासकीय अस्पताल में कराया गया। एचआईवी संक्रमित माताओं के नियमित दवाई सेवन
करने से केवल 6 बच्चे मे ही एचआईवी का सक्रमण पाया गया, जिन्हे एआरटी से जोड़कर
नियमित दवाई बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा एचआईवी संक्रमित
व्यक्तियों को 05 एआरटी केन्द्र के माध्यम से दवाईंया निःशुल्क मुहैया कराई जा
रही है।
स्वास्थ्य
विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि
जनवरी 2017 को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली से दवा की
आपूर्ति नही होने के कारण उनके द्वारा एक नया दिशा-निर्देश जारी किया गया। बताया
गया कि व्यस्कों की दवाई को निर्धारित मात्रा में तोड़कर बच्चों को निर्धारित खुराक
दिया जावेें। उन्होने बताया कि गाईडलाईन का पालन करते हुए सभी एआरटी केन्द्रों व 12
लिंक एआरटी केन्द्रों को दिशा-निर्देश जारी किया गया। इस प्रकार सभी केन्द्रों में
पर्यापप्त मात्रा में दवाईं हमेशा उपलब्ध रहेें। किसी भी प्रकार के बच्चों को
दवाईयों की किल्लत नही हुई और ना ही इसके कारण बच्चों व उनके पालको को परेशानियों
का सामना करना पड़ा। राज्य शासन द्वारा प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। सभी एआरटी केन्द्रों को किसी भी प्रकार की
दवाईयों की आवश्यकता होने पर उन्हें बजट भी उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश में
करीब 26 हजार एचआईवी संक्रमित है जिनमें से गाईडलाईन के अनुसार 10
हजार 2 सौ 89 संक्रमितों को दवाईंया मुहैया कराई जा रही है।
नाको, नई दिल्ली के द्वारा जारी नवीन गाईडलाईन के अनुसार अब सभी एचआईवी
संक्रमितों को एआरटी की दवा लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था को बनाये
रखने के लिये शासन स्तर पर दिल्ली से चर्चा कर एआरटी की 2 लाख 54
हजार दर्वाइंया प्राप्त हुई है। इसे सभी एआरटी केन्द्रों में प्रेषित करने की
कार्यवाही की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा दवाईंयो की
नियमित आपूर्ति रखने के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार किया जा चुका है। इस कड़ी में
राज्य शासन के माध्यम से बजट का प्रावधान किया जाकर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस
कॉरपोरेशन को 03 माह की दवाई खरीदने हेतु आदेशित किया जा चुका है। ताकि नाको, नई
दिल्ली से दवाई प्राप्त न होने की दशा में राज्य स्तर पर ही एचआईवी संक्रमितों को
दवाईं हमेशा उपलब्ध कराया जा सके।
एचआईवी
संक्रमित वयस्क व बच्चों को इन दवाइयों की होती है ज्यादा जरूरत.......
एचआईवी
संक्रमित वयस्कों को टीएलई, जेडएलएन (6 माह का उपलब्ध) तथा एचआईवी संक्रमित बच्चों को जेएलएन (12
माह), जेडएल (8 माह), अबाकाविर (19 माह) दवाइयों की आवश्यकता होती है, जो राज्य में ज्यादातर दिये जाते हैं । दवा की कमी होने पर
समय-समय पर अन्य राज्यों से पुनः आबंटन भी किया जा सकता है ।
क्रमांक-679/ओेम