रायपुर, 11 जुलाई 2017
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ में राष्ट्र स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर बेहतर क्रियान्यन और नियंत्रण के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि कुष्ठ उन्मूलन मंे पिछले वर्ष में किए गए कार्यों और आगामी वर्षों के कार्ययोजना जानकारी देंगे। तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ केन्द्र सरकार के संयुक्त सचिव श्री नवदीप रिनवा ने किया। कार्यशाला राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित किया गया है यह कार्यशाला 12 जुलाई तक चलेगी। कार्यशाला में नागालैण्ड, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, असम, झारखण्ड सहित अन्य राज्यों के राज्य कुष्ठ अधिकारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी उपस्थित हुए हैं।
कार्यशाला मंे छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री आर. प्रसन्ना ने प्रदेश में कुष्ठ उन्मूलन पर किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों के संबंध विस्तार से जानकारी दी। श्री प्रसन्ना ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्पर्श कार्यक्रम का अच्छा प्रतिसाद मिला है। इस अभियान के तहत कुष्ठ जांच, खोज प्रारंभ की गई थी, जिसमें कुष्ठ के मरीजों को चिन्हांकित कर राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क उपचार किए जा रहे हैं। कार्यशाल में अधिकारियों ने बताया कि कुष्ठ एक बीमारी है। कुष्ठ के कारण शरीर के अंगों में किकृतियां हो जाती है। इन विकृतियों से बचने त्वरित इलाज आवश्यक है। कुष्ठ रोग को छुपाना नहीं चाहिए, बल्कि इलाज कराना चाहिए। कुष्ठ लाइलाज बीमारी नहीं है। नियमित इलाज रोग मुक्त हो सकते हैं।कुष्ठ के लक्षण शरीर में बदरंग दाग, शरीर के किसी भाग में सुनापन होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क से संपर्क कर इलाज कराना चाहिए। श्री प्रसन्ना ने लोगों से कुष्ठ के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इलाज कराने की अपील की है।
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