नक्सल हिंसा पीड़ित जिले के बच्चों के लिए एक सौ करोड़ की लागत से बना विशाल शैक्षणिक परिसर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था - आदिवासियों की भूमि पर शिक्षा का यह
बड़ा परिसर पूरी दुनिया में इस अंचल का नाम रौशन करेगा
रायपुर, 13 जुलाई 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले के ग्राम जावंगा में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एजुकेशन सिटी का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की घोषणा की है। स्कूल शिक्षा विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से नामकरण का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऐतिहासिक योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इस परिसर का नामकरण उनके नाम पर किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने एक सौ करोड़ रूपए की लागत से दंतेवाड़ा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 16 पर लगभग 170 एकड़ के रकबे में गीदम विकासखण्ड के ग्राम जावंगा में एजुकेशन सिटी का निर्माण किया है। वहां पर एक ही शैक्षणिक परिसर में नक्सल पीड़ित आदिवासी इलाकों के सैकड़ों बच्चों के लिए प्राथमिक स्कूल से लेकर पॉलीटेक्निक और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) तक शिक्षा और प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था की गई है। इन बच्चों के लिए शानदार वाचनालय भी बनाया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग दो वर्ष पहले नौ मई 2015 को दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान इस विशाल शैक्षणिक परिसर का भी दौरा किया था। उन्होंने परिसर में बच्चों के साथ आत्मीय बातचीत करते हुए मन की बातों को भी साझा किया था। प्रधानमंत्री ने रमन सरकार की इस परियोजना की प्रशंसा करते हुए कहा था - दंतेवाड़ा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार के इस मौलिक प्रयोग की ओर देश भर के शिक्षाविदों का ध्यान जाना चाहिए। श्री मोदी ने यह भी कहा था कि आदिवासियों की भूमि पर शिक्षा का यह बड़ा परिसर पूरी दुनिया में इस अंचल का नाम रौशन करेगा।
राज्य के आदिवासी अंचल में स्थित इस एजुकेशन सिटी के विशाल परिसर में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए निःशुल्क छात्रावास आदि की भी व्यवस्था है। परिसर में 35 करोड़ रूपए की लागत से पॉलीटेक्निक कॉलेज भवन और 22 करोड़ रूपए की लागत से आस्था विद्यालय सहित सर्वशिक्षा अभियान के तहत बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास, कस्तूरबा विद्यालय, मॉडल स्कूल का भी संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों के लिए लगभग पांच करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से बाधा रहित आवासीय परिसर ‘सक्षम’ का भी निर्माण किया गया है। खेल परिसर भी विकसित किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस एजुकेशन सिटी में सौर ऊर्जा प्रणाली से बिजली की व्यवस्था की गई है। इस विशाल शैक्षणिक परिसर को इस महीने की तीन तारीख को ग्लोबल एडवाईजरी फर्म द्वारा सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड सिटी समिट में दुनिया की एक सौ महत्वपूर्ण निर्माणाधीन अधोसंरचना विकास परियोजनाओं में शामिल करने की घोषणा की गई है।
क्रमांक-1589/स्वराज्य