Wednesday, 7 June 2017

धान की खुर्रा बोनी के लिए सीड ड्रिल का उपयोग करने की सलाह Printer-friendly version

रायपुर, 07 जून 2017
कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों ने खरीफ मौसम में मानसूनी बरसात के पहले धान की खुर्रा बोनी करने वाले किसानों को सीडड्रिल से कतार बुआई करने की सलाह दी है। इस संबंध में आज जारी विशेष कृषि बुलेटिन में बताया है कि सीडड्रिल से बीजों को 4-5 सेंटीमीटर गहराई में डालना चाहिए। खुर्रा बोनी का धान मानसून की पहली बरसात में ही अंकुरित हो जाता है। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि पहली बरसात के पूर्व खुर्रा बोनी वाले खेतों में निंदा नाशक का छिड़काव आवश्यक रूप से करना चाहिए।
बुलेटिन में कहा गया है कि धान का थरहा डालने या बुआई करने के पूर्व बीजों को 17 प्रतिशत नमक के घोल से उपचारित करना फायदेमंद होता है। प्रमाणित या आधार श्रेणी के बीजों को पैकेट में दिए गए फफूंदनाशक से उपचारित करना चाहिए। खरीफ मौसम में सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की बोआई के लिए खेतों को गहरी जुताई कर तैयार करना चाहिए। इससे बहुवर्षीय घास नष्ट हो जाते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने धान की नर्सरी डालने के लिए गोबर खाद का उपयोग करने का सुझाव दिया है। जिन किसानों के पास पानी का साधन है, वे खेतों में एक या डेढ़ इंच पानी पलाकर जोताई कर लें, ताकि कीट व्याधि और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाएं।
कृषि वैज्ञानिकों ने सब्जी-भाजी बोने वाले किसानों को उत्तम किस्मों के बीज बोने का सुझाव भी दिया है। सब्जियों की थरहा को ऊंचे स्थान पर 15 सेन्टीमीटर ऊंची क्यारियों में लगाना चाहिए। थरहा को पौध जलन रोग से बचाने के लिए बीजों को उपचारित कर बोना चाहिए। अदरक एवं हल्दी की रोपित फसल में पलवार (मल्चिंग) करना जरूरी है। जल निकासी व्यवस्था को बरसात से पहले पूरी तरह ठीक कर लेना चाहिए।

    क्रमांक-1053/राजेश

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