रायपुर, 30 जून 2017
स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव और छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान(सिम्स) बिलासपुर की स्वशासी समितियों की बैठक हुई। श्री चन्द्राकर ने चिकित्सा सेवा में जनहित के मुद्दों पर तत्परता के साथ कार्य करने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्हांेने मौसमी और जलजनित बीमारियों को ध्यान में रखते हुए इलाज के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। श्री चन्द्राकर ने उपस्थित दोनों मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाताओं से कहा कि कॉलेजों में समस्याओं और जरूरतों को केन्द्र में रखकर मरीजों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवाएं मिले इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्हांेने प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेज संस्थानों को नियमित अंकेक्षण कराने के भी निर्देश दिए। बैठक मंे स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू, आयुक्त श्री आर. प्रसन्ना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की संचालक श्रीमती रानू साहू सहित मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाता और अधिकक्षक उपस्थित थे।
श्री चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान(सिम्स्) बिलासपुर की स्वशासी समिति के कार्यों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने मेडिकल अस्पताल में मानव संसाधन और चिकित्सा उपकरणों की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। श्री चन्द्राकर ने शासन के नियमों के अनुरूप आरक्षण नियम का पालने करते हुए सेट-अप तैयार कर मानव संसाधन को मजबूत करने पर बल दिया। उन्हांेने कहा कि चिकित्सा सेवा मानव के संवदेना से जुड़ी होती है। अतः स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उपयोग में आने वाली चिकित्सा उपकरण और दवाईयां गुणवत्ता पूर्ण होना चाहिए। बैठक में सिम्स के पास उपलब्ध दुकानों का सामाजिक हित के व्यवसायों में उपयोग करने का निर्णय लिया गया। आम नागरिकों के लिए सस्ते दर पर भोजन और नास्ता उपलब्ध हो इसके लिए कैंटिन शुरू करने पर भी चर्चा की गई। सिम्स् में पुराने भवन में ट्रामा केयर सेन्टर स्थापित करने का भी सुझाव अधिकारियों ने दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय राजनांदगांव के स्वशासी समिति के कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने बताया कि महाविद्यालय को एमबीबीएस में 100 सीटों के लिए प्रवेश की अनुमति इस वर्ष भी प्राप्त हो गई है। मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया में, पंचम संत्र 2018-19 में एम.बी.बी.एस. में प्रवेश के अनुमति के लिए प्रक्रिया जारी है। चिकित्सालय मंे ओ.पी.डी. में मरीजों की संख्या प्रतिदिन 750 से 850 के लगभग होती है। इसके अतिरिक्त केजुअल्टी में भी मरीजों की जांच और उपचार किया जा रहा है। श्री चन्द्राकर ने मेडिकल कॉलेज में प्रर्याप्त मानव संसाधन, चिकित्सा उपकरण और दवाईयों की उपलब्ध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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