Saturday, 3 June 2017

संस्कृति-पर्यटन मंत्री के नेतृत्व में अध्ययन दल ने किया फ्रांस और स्वीटजरलैंड का दौरा

रायपुर, 03 जून 2017
छत्तीसगढ़ के संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री दयालदास बघेल के नेतृत्व में  राज्य के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने फ्रांस और स्वीटजरलैंड का दौरा किया। श्री बघेल ने आज यहां बताया कि ग्रामीण जीवन, खेती-किसानी और प्राकृतिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थानों के प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करना उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य था। अध्ययन दल में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष श्री केदार गुप्ता और प्रबंध संचालक श्री एम.टी.नंदी शामिल थे। पर्यटन मंत्री श्री बघेल ने बताया कि इन दोनों देशों में पर्यटन विकास के लिए इस प्रकार के प्रबंध किए जा रहे हैं,  उन्हें देखने और समझने का अवसर मिला। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में भी इस प्रकार के बेहतर प्रबंध करने का प्रयास करने की मंशा प्रकट की।
उल्लेखनीय है कि अध्ययन दल ने फ्रांस के शहर बोर्डेक्स, स्वीटजरलैंड के ल्यूसन और ज्यूरिख के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। बोर्डेक्स में वहां के पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल को कृषि पर्यटन के क्षेत्र में बताया गया। इसके अंतर्गत अंगुर के दो बगानों को कृषि पर्यटन के लिए विकसित किया गया है। इन बगानों में 12वीं सदी के ग्रामीण संस्कृति आज भी स्थापित है। जिसे वहां पर ग्रामीण पर्यटन हेतु एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। वहां का यह ग्रामीण एवं कृषि पर्यटन दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा पर्यटन स्थलों के रख-रखाव एवं पर्यटन प्रबंधन के संबंध में चर्चा की गई तथा छत्तीसगढ़ में पर्यटन हेतु विभागीय अधिकारियों, टूर ऑपरेटर्स एवं ट्रेव्हल एजेंट्स को भ्रमण हेतु आमंत्रित किया गया। यहां पर यह बात विशेष उल्लेखनीय है, कि यह स्थान पर्यटन की सुविधाओं से परिपूर्ण है। यहां पर हर तरह का खान-पान जिसमें सभी देशों के व्यंजन आसानी से उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त परिवहन, पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं, आवास व्यवस्था भी शामिल है। इन स्थानों पर एक साधारण पर्यटक के लिए सभी सुविधाओं का पर्यटन मंत्री श्री बघेल ने पर्यटन स्थानों का भ्रमण बिना किसी अवरोध के एक साधारण पर्यटक की तरह किया गया।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा फ्रांस के बाद स्वीटजरलैंड की भी यात्रा की गई। स्वीटजरलैंड प्राकृतिक पर्यटन की दृष्टि से विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इनके द्वारा स्वीटजरलैंड के लुसर्न एवं ज्यूरिख के पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया गया। लुसर्न के समीप अल्पस माउंटेन रेंज में माउंटरिगी, माउंट टाईटल्स और जंगफ्रू जिसे यूरोप का सबसे ऊंचा पाइंट माना गया है, का भ्रमण किया। इसके अतिरिक्त यहां के कॉनीफेरस जंगलों में देवदार, फर, पाइन एवं  स्प्रूस वनस्पतियां पायी जाती है, का भी निरीक्षण किया। ज्यूरिख में स्थित रेफाल अपने आप में अनूठां है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। स्वीट्जरलैंड के इन स्थानों पर पहुंचने के लिए ट्रेन, ट्रॉम, लिफ्ट एवं रोप-वे की सुविधायें पर्यटकों के आवागमन को सुगम बनाती है। छत्तीसगढ़ में स्थित नेचर टूरिज्म के स्थानों को विकसित करने के लिए यहां की सुविधाओं से एक उदाहरण लिया जा सकता है एवं उन्हें उसी तर्ज पर विकसित किया जा सकता है।
फ्रांस एवं स्वीटजरलैंड विश्व के माने हुए पर्यटक केन्द्र है एवं भारत का आउटबाउण्ड पर्यटन भी इन देशों से प्रभावित है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य इन देशों के विकसित पर्यटन का अध्ययन कर उन्हें छत्तीसगढ़ के पर्यटन की असीम संभावनाओं को मूर्त रूप देना है।
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संपदा है, किन्तु कुछ कारणवश यहां का पर्यटन, पर्यटकों को आकर्षित करने में इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास की आगामी योजनाओं में ग्रामीण पर्यटन, कृषि पर्यटन पुरातात्विक एवं प्राकृतिक पर्यटन (नदी, झरने, पहाड़, गुफा) को सम्मिलित करना एवं छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए यह अध्ययन दौरा अत्यंत सहायक सिद्ध होगा।
क्रमांक-1011/चौधरी

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