महोत्सव की स्मृति में होगा नया रायपुर में चौक का नामकरण
रायपुर, 28 जून 2017
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आज राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी जैन तीर्थ स्थल पर आयोजित संयम स्वर्ण महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव प्रताप रूड़ी भी मुख्यमंत्री के साथ रहे। जैन समाज के प्रमुख संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दीक्षा ग्रहण करने के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित इस महोत्सव में डॉ. रमन सिंह ने आचार्य जी से प्रदेश एवं देश की जनता की सुख समृद्धि, खुशहाली और शांति के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित संतों और मुनियों सहित अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी का 50 वर्षों का कठोर तप मानव के कल्याण और मानवता के लिए है। इस महोत्सव से भारत की प्राचीन ऋषि परम्परा को जीवंत करने की भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी को नमन करते हुए कहा कि ऐसे संतों की चरण-धुलि से डोंगरगढ़ ही नहीं बल्कि छŸाीसगढ़ की धरा पवित्र हो गई है और ऐसे महान संत की दीक्षा दिवस पर महोत्सव की शुरूआत छŸाीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छŸाीसगढ़ में गौ संवर्धन के लिए विशेष अभियान चलाने और गौ शालाओं के निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित करने जल्द ही कार्ययोजना तैयार करने की भी बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 50वें दीक्षा दिवस महोत्सव संयम स्वर्ण महोत्सव की स्मृति में नई राजधानी क्षेत्र नया रायपुर के मार्ग पर किसी चौक का नामकरण करने की भी घोषणा की।
मुस्कुराते-आशीर्वाद देते कष्ट का अहसास भुलाना भी श्रेष्ठ तपस्या - डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्री ने बिना वó, बिना चप्पल, बिना किसी सांसारिक माया के अपनी दीक्षा के 50 वर्ष मानवता की सेवा में व्यतीत किए हैं। उन्होंने कहा कि साधारण मनुष्य थोड़ी देर भी बिना चप्पल के पैदल भूमि पर नहीं चल सकता। थोड़ी दूर चलने पर उसके पैरों में कंकड़-कांटे गडने से दर्द का अहसास होने लगता है। मुख्यमंत्री ने कहा इसके बावजूद आचार्य श्री विद्यासागर जी ने बिना वó, बिना चप्पलों के गर्मी, सर्दी, बरसात सभी मौसमों में लगातार पैदल चलकर मानव कल्याण के लिए अपने जीवन के 50 वर्ष समर्पित किए हैं। दर्द में भी मानव कल्याण का सुखद अहसास समाहित करते हुए पल-पल मुस्कुराने और लोगों को अपना आशीर्वाद देने का काम कोई महान संत ही कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा जीवन में तपस्या से ही मानव धर्म की रक्षा हो सकती है और आचार्य श्री विद्यासागर जी जैसे संतों और महा पुरूषों से ही आने वाली पीढ़ियां संयम, धैर्य और मानवता का ज्ञान प्राप्त ले सकती है।
आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने दी स्वाबलंबी बनाने की सीख - डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री ने कहा गरीबों, और अंतिम पंक्ति के लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए उन्हें सम्मान पूर्वक स्वाबलंबी बनाने की सीख राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के बाद जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी ने दी है और अब हम सब को उनकी इस सीख पर अमल करते हुए गरीबों को भी समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के प्रयास तेज करने होंगे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक विधवा महिला के जीवन प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि संतों की वाणी से मिले ज्ञान, उनके संस्कार और मार्गदर्शन से ही व्यक्ति की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आता है और यह परिवर्तन उसका जीवन बदल देता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान ही वे एक पारिवारिक कलह से पीड़ित महिला से मिले। उस महिला ने आचार्य जी के संस्कार और मार्गदर्शन से स्वयं को स्वाबलंबी बनाने का प्रण किया था। उन्होंने बताया कि आज वह महिला हथकरघा चलाना सीखकर अपने और अपने परिवार का सम्मानपूर्वक भरण-पोषण कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की तरफ से देश की खुशहाली
और शांति का आशीर्वाद लेने आया हूं - श्री राजीव प्रताप रूड़ी
संयम स्वर्ण महोत्सव में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि वे देश की खुशहाली और शांति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद लेने दिल्ली से आए हैं। श्री रूड़ी ने कहा कि संतों का मानव और मानवता की सेवा का तरीका राजनैतिक लोगों से थोड़ा अलग होता है। तपस्वी मानव संस्कृति सभ्यता, संस्कार और उसकी अस्मिता को बचाये रखने और विकास के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर देते हैं। उन्होेंने कहा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की स्वावलंबन की प्रेरणा शायद पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को मिल गई थी, इसीलिए उन्होंने युवाओं को हुनरवान बनाने कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है। श्री रूड़ी ने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम से युवाआंे को इस तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, ताकि वे सरलता से सम्मानपूर्वक काम करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर सकें।
हुनर से ही सरल, सुन्दर और कामयाब होता है जीवन - श्री रूड़ी
केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि प्रशिक्षित, कुशल और हुनरमंद व्यक्ति ही अपने पैरों पर खड़ा होकर देश के विकास में सहभागी होता है। हुनरमंद व्यक्ति को रोजगार मिलने की गारंटी है और ऐसे व्यक्ति ही अपने जीवन में कामयाब होते है। जिससे उनका और उनके परिवार का जीवन सरल और खुशहाल हो जाता है। उन्होंने बताया कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात के दौरान आज के जमाने की कई बातों और विषयों पर चर्चा हुई और आचार्य जी ने इन विषयों पर आज के दौर के हिसाब से गंभीर प्रसांगिक तथा सकारात्मक टिप्पणी और सुझाव दिए हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘पढ़ोगे, लिखोगे तो बड़े आदमी बनोगे’ बचपन से ही हमे यह सिखाया जाता है। परन्तु ‘हुनरमंद बनोगे तो जीवन चला सकोगे’ यह ज्ञान हमे आज के दौर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जैसे संतों से ही मिल सकता है। केन्द्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि कार्यक्रम स्थल के भव्य पंडाल की स्थापना किसी पढ़े लिखे पीएचडी डिग्री प्राप्त व्यक्ति का काम नहीं बल्कि यह एक साधारण से रोजी रोटी कमाने वाले हुनरमंद युवाओं के समूह का काम है। माईक चलाने वाला या कैमरे से आकर्षक फोटो खीचकर इस कार्यक्रम को देश दुनिया तक पहुंचाने का काम भी इन विधाओं में हुनरमंद लोग ही कर रहें है। ऐसे ही लोगों को खोज कर, चिन्हांकित कर उन्हें रोजगार से जोड़ने वाले कामों में प्रशिक्षित करना ही कौशल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य है।
केन्द्रीय मंत्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
को बिहार राज्य आने का भी दिया न्यौता -
केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री श्री राजीव प्रताप रूड़ी ने जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को अपने गृह राज्य बिहार में भी आने का न्यौता इस कार्यक्रम के मंच से दिया। उन्होंने कहा कि महान संतों के चरण जिस धरा पर पड़ते हैं वह तो धन्य हो ही जाती है साथ ही वहां के निवासियों को भी उनके सानिध्य का आशीर्वाद मिलता है। संतों के आगमन से क्षेत्र विशेष में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। संतों के संस्कारों, ज्ञान और मार्गदर्शन से सकारात्मक परिवर्तन होता है। केन्द्रीय मंत्री ने बिहार राज्य की 10 करोड़ जनता की ओर से आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को उनके अनुयायीयों सहित बिहार आने का आमंत्रण दिया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री खूबचंद पारख, डोंगरगढ़ की विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे, राजगामी संपदा न्यास के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल, राज्य उर्दु अकादमी के अध्यक्ष श्री अकरम कुरैशी, जैन समाज के संगठन पदाधिकारी श्री अशोक पाटनी, श्री प्रभात जैन, श्री विनोद जैन सहित बड़ी संख्या में जैनधर्मालंबी उपस्थित रहे।
क्रमांक-1371/नागेश