सोनोग्राफी, एक्स-रे, ईसीजी और इलेक्ट्रोलाईट मशीनों से
की जाएगी ग्रामीणों की मुफ्त डॉक्टरी जांच
की जाएगी ग्रामीणों की मुफ्त डॉक्टरी जांच
देवभोग में लगाया जाएगा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर:
सुपेबेड़ा के 1200 ग्रामीणों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण
सुपेबेड़ा के 1200 ग्रामीणों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण
मेडिकल कॉलेज रायपुर से स्वस्थ होकर ग्यारह मरीज घर लौटे
रायपुर, 11 जून 2017
राज्य
सरकार ने गरियाबंद जिले के ग्राम सुपेबेड़ा (विकासखण्ड-देवभोग) में किडनी
की बीमारी से कई ग्रामीणों के पीड़ित होने की सूचनाओं को गंभीरता से लिया
है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को पीड़ितों की मदद के लिए
सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। राहत, बचाव और इलाज के लिए
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्परता से प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर से भी इस बारे में
पूरी जानकारी ली है। स्वास्थ्य मंत्री श्री चन्द्राकर विभागीय अधिकारियों
की बैठक लेकर स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्री चन्द्राकर के निर्देश पर राजधानी रायपुर के जवाहर
लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की 26
सदस्यीय टीम कल 12 जून को ग्राम सुपेबेड़ा पहुंच रही है। मेडिकल कॉलेज के
डॉ. मनीष प्रसाद और डॉ. चन्द्रकला जोशी के नेतृत्व में इस विशेष चिकित्सा
टीम द्वारा ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इस बीच स्वास्थ्य
सेवाओं के आयुक्त श्री प्रसन्ना ने आज यहां अपने विभाग के वरिष्ठ
अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. आर.के.
साहनी, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. पुनीत गुप्ता, फ्लोरोसिस नियंत्रण के राज्य नोडल
अधिकारी डॉ. कमलेश जैन और गैर संचारी रोग नियंत्रण के राज्य नोडल अधिकारी
डॉ. एन.आर. बेक भी उपस्थित थे।
आयुक्त
श्री प्रसन्ना ने बताया कि रायपुर से सुपेबेड़ा भेजी जा रही मेडिकल टीम में
मेडिसीन, पैथालॉजी, रेडियोलाजी, डेंटल, आर्थो, शिशु रोग विशेषज्ञ, मेडिल
कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी और कम्युनिटी मेडिसीन विभाग के डॉक्टरों के साथ
राज्य नोडल अधिकारी फ्लोरोसिस तथा गैरसंचारी रोग के नोडल अधिकारी,
स्वास्थ्य सेवाओं के संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. आर. के. सक्सेना भी शामिल
रहेंगे। उन्हांेने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग मे ंअस्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाया
जाएगा। शिविर मे ंसोनोग्राफी, एक्सरे, ईसीजी, इलेक्ट्रोलाईट मशीन आदि के
माध्यम से सुपेबेड़ा के लगभग 1200 लोगोें का विस्तृत निःशुल्क स्वास्थ्य
परीक्षण और उनके लिए गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवभोग तक
निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। पूर्व मे
ंगरियाबंद जिला प्रशासन की सूचना पर मेडिकल कॉलेज रायपुर की विशेष चिकित्सा
टीम द्वारा ग्राम सुपेबेड़ा के प्रभावित 120 लोगों की सिरम फ्लोराईड, यूरिन
फ्लोराईड, क्रिएटिनीन आदि की जॉच की गई थी, जिसमें 51 प्रकरणों में
ंक्रिएटिनिन यूरिया बढ़ा हुआ और अस्थि संबंधी बदलाव (कमर की हड्डी में
अस्थोफोरोसिस) पाया गया है। उन्होंने बताया कि ग्यारह पीड़ित ग्रामीणों को
मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में इलाज के लिए भर्ती
किया गया था, जो स्वस्थ होकर वापस जा चुके है।
श्री प्रसन्ना ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा परीक्षण
में हैण्डपम्पों के पानी में फलोराईड की मात्रा अधिक पाए जाने पर जिला
प्रशासन ने वहां ऐसे हैण्डपम्प का इस्तेमाल बंद करवा दिया है। सुपेबेड़ा के
ग्रामीणों को देवभोग से टैंकर के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है।
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा गांव की मिट्टी का परीक्षण और विश्लेषण
किया जा रहा है, रिपोर्ट मिलने के बाद मेडिकल कालेज, रायपुर द्वारा उपचार
की व्यवस्था की जा सकेगी। इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (इंडियन
कौंसिलआफमेडिकल रिसर्च) जबलपुर से भी सहयोग प्राप्त करने का भी निर्णय
लिया गया है। प्रभावित गांव ओडिशा राज्य की सीमा पर होने के कारण ओड़िशा के
एक गांव में भी इस प्रकार के प्रकरण मिले है, वहां के प्रशासन से भी
छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा सम्पर्क किया जा रहा है।
क्रमांक-1090/स्वराज्य