Tuesday, 30 May 2017

मानसून के जल्द आने का अनुमान : किसानों को खरीफ मौसम की खेती के लिए जरूरी प्रारंभिक तैयारी करने की सलाह : खाद-बीज की अग्रिम व्यवस्था करने से समय पर बोनी करने में होती है सहूलियत

रबी फसलों के कच्चे अवशेषों को खेतों की जोताई कर जमीन में दबाने का सुझाव
रायपुर, 30 मई 2017
भारतीय मौसम विभाग के इस साल मानसून के जल्दी आगमन के पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को खरीफ मौसम की खेती के लिए सभी जरूरी प्रारंभिक तैयारियां करने की सलाह दी गई है। कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने आज यहां इस संबंध में जारी विशेष कृषि बुलेटिन में खाद-बीज की अग्रिम व्यवस्था करने का सुझाव दिया है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस बुलेटिन के जरिए किसानों से रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों में बचे इन फसलों के अवशेषों नहीं जलाने की अपील विशेष रूप से की है। उन्होंने कहा कि खेतों की जोताई कर इन अवशेषों को जमीन में दबा देना चाहिए। इससे कृषि भूमि में जीवांश और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी।
    कृषि वैज्ञानिक ने कहा है कि खरीफ फसलों की बोनी के लिए खेतों और मेड़ों की साफ-सफाई करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन दिनों में प्रदेश के कई स्थानों में बारिश हुई है। इन स्थानों में मानसून पूर्व की इस बारिश का उपयोग खेतों की अकरस जोताई करने में किया जाना चाहिए। अकरस जोताई करने से अंदर की मिट्टी बाहर आती हैं। मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीड़ों के अण्डे, इल्ली, प्यूपा नष्ट हो जाते हैं। इसी प्रकार तेज धूप से फसलों को हानि पहुंचाने वाले अन्य जीवाणुओं को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा धूप में मिट्टी सूखकर भूर-भूरी हो जाती है। इससे अगली जोताई और बोआई करने में काफी सहूलियत होती है।
    कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की सभी कृषि साख सहकारी समितियों में खाद-बीज का भण्डारण किया जा चुका है। किसानों द्वारा खाद-बीज का अग्रिम उठाव भी किया जा रहा है। इन समितियों से खरीफ फसलों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का कार्य एक अप्रैल 2017 से शुरू हो चुका है। 
क्रमांक-964/राजेश

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