रायपुर, 17 मई, 2017
स्वास्थ्य
और परिवार कल्याण विभाग द्वारा कल17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के
असवर पर स्वस्थ जीवनषैली से उच्च रक्तचाप जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण के
लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस को इस वर्ष
‘‘नाउ यूवर नंबर’’ (ज्ञदवू लवनत दनउइमतद्ध के रूप में मनाया जा रहा है।
उच्च रक्तचाप की रोकथाम के लिए मुख स्वास्थ्य दिवस ,विश्व मधुमेह दिवस,
विश्व स्वास्थ्य दिवस , विश्व कैंसर दिवस, तम्बाकू निषेध दिवस, विश्व हृदय
दिवस एवं विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर भी लोगों को जागरूक किया गया।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर. प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय कैंसर, हृदय वाहिका रोग, मधुमेह और आघात नियंत्रण एवं निवारण कार्यक्रम राज्य के 14 जिले रायपुर, बिलासपुर, जशपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, कोरबा, कांकेर, बस्तर, सरगुजा एवं महासमुंद में संचालित की जा रही हैं। गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत 14 जिला चिकित्सालय और 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एनसीडी क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। उन्होने बताया कि रोग नियंत्रण एवं बचाव हेतु समस्त एनसीडी क्लिनिक और स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र में काउंसलर पदस्थ है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में हायपरटेंशन के ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। केन्द्र सरकार के मार्गदर्शिका में उल्लेखित आंकड़ों के अनुसार प्रति हजार जनसंख्या में 150-160 मरीज हायपरटेंशन के पाए जाते हैं। हायपरटेंशन का उचित इलाज नही कराये जाने पर लकवा मारने की शिकायत प्राप्त होती है। लोगों को समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। ब्लड प्रेशर रेंज अनुसार नहीं होने पर चिकित्सक से नियमित इलाज, दवाई का सेवन, स्वस्थ जीवनशैली, व्यायाम आदि करना चाहिए। बीपी के मरीज को हर तीन माह में जांच करानी चाहिए।
स्वस्थ जीवनषैली के लिए ये अपनाएं- तीस वर्ष के उम्र के बाद सभी को अपना ब्लड प्रेशर जांच अवश्य करानी चाहिए। एक व्यक्ति को प्रतिदिन अधिक से अधिक पांच ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिये। तेल, घी का प्रयोग कम करना चाहिये। जंक फूड का उपयोग नही करना चाहिए। प्रतिदिन हरी पत्तेदार एवं पीले फल सब्जी अथवा सलाद का सेवन करना चाहिए। लकवा मारने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से एक घंटे के भीतर उपचार कराना चाहिये।
राज्य षासन द्वारा 200 दवाईयां आवष्यक सूची में-राज्य शासन द्वारा हायपरटेंशन एवं मधुमेह के रोगीयों को एक माह की दवा दिये जा रहे हैं। जिलो में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग एवं अन्य गैर संचारी रोग से संबंधित लगभग 200 सौ दवाईयों को आवश्यक दवाईयों की सूची में वर्ष 2013 से शामिल किया गया है।
गर्भवती माताएं और 30 वर्श अथवा इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों का हो रहा है अवसरवादी स्क्रीनिंग- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया की 30 एवं 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का अवसरवादी स्क्रीनिंग कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 में स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र और एनसीडी क्लिनिक में एक लाख 63 हजार 389 मरीज उपचार उपचार के लिए आए, जिसमें से 33 हजार 673 व्यक्तियों का मधुमेह, 30 हजार 236 व्यक्तियों को हायपरटेंशन तथा एक हजार 251 व्यक्तियों का हृदयरोग से ग्रसित मरीज शामिल है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र अथवा एनसीडी क्लिनिक में 95 हजार 558 मरीज उपचार के लिए आए, इसमें 12 हजार 295 व्यक्तियों का मधुमेह, 10 हजार 833 व्यक्ति हायपरटेंशन, 263 व्यक्ति हृदयरोग से ग्रसित पाया गया। जिसको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराया गया। वर्तमान में जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को भी शामिल कर उच्च रक्तचाप जांच की सुविधा सुनिश्चित किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं सहित 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का स्क्रीनिंग कार्य किया जा रहा है। गैर संचारी रोग पुस्तिका तैयार कर राज्य के सभी 66 हजार मितानीनों को प्रशिक्षण दिया गया।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्री आर. प्रसन्ना ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय कैंसर, हृदय वाहिका रोग, मधुमेह और आघात नियंत्रण एवं निवारण कार्यक्रम राज्य के 14 जिले रायपुर, बिलासपुर, जशपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, कोरबा, कांकेर, बस्तर, सरगुजा एवं महासमुंद में संचालित की जा रही हैं। गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत 14 जिला चिकित्सालय और 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एनसीडी क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। उन्होने बताया कि रोग नियंत्रण एवं बचाव हेतु समस्त एनसीडी क्लिनिक और स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र में काउंसलर पदस्थ है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में हायपरटेंशन के ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। केन्द्र सरकार के मार्गदर्शिका में उल्लेखित आंकड़ों के अनुसार प्रति हजार जनसंख्या में 150-160 मरीज हायपरटेंशन के पाए जाते हैं। हायपरटेंशन का उचित इलाज नही कराये जाने पर लकवा मारने की शिकायत प्राप्त होती है। लोगों को समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। ब्लड प्रेशर रेंज अनुसार नहीं होने पर चिकित्सक से नियमित इलाज, दवाई का सेवन, स्वस्थ जीवनशैली, व्यायाम आदि करना चाहिए। बीपी के मरीज को हर तीन माह में जांच करानी चाहिए।
स्वस्थ जीवनषैली के लिए ये अपनाएं- तीस वर्ष के उम्र के बाद सभी को अपना ब्लड प्रेशर जांच अवश्य करानी चाहिए। एक व्यक्ति को प्रतिदिन अधिक से अधिक पांच ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिये। तेल, घी का प्रयोग कम करना चाहिये। जंक फूड का उपयोग नही करना चाहिए। प्रतिदिन हरी पत्तेदार एवं पीले फल सब्जी अथवा सलाद का सेवन करना चाहिए। लकवा मारने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक से एक घंटे के भीतर उपचार कराना चाहिये।
राज्य षासन द्वारा 200 दवाईयां आवष्यक सूची में-राज्य शासन द्वारा हायपरटेंशन एवं मधुमेह के रोगीयों को एक माह की दवा दिये जा रहे हैं। जिलो में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग एवं अन्य गैर संचारी रोग से संबंधित लगभग 200 सौ दवाईयों को आवश्यक दवाईयों की सूची में वर्ष 2013 से शामिल किया गया है।
गर्भवती माताएं और 30 वर्श अथवा इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों का हो रहा है अवसरवादी स्क्रीनिंग- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया की 30 एवं 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का अवसरवादी स्क्रीनिंग कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 में स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र और एनसीडी क्लिनिक में एक लाख 63 हजार 389 मरीज उपचार उपचार के लिए आए, जिसमें से 33 हजार 673 व्यक्तियों का मधुमेह, 30 हजार 236 व्यक्तियों को हायपरटेंशन तथा एक हजार 251 व्यक्तियों का हृदयरोग से ग्रसित मरीज शामिल है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में स्वस्थ जीवनशैली केन्द्र अथवा एनसीडी क्लिनिक में 95 हजार 558 मरीज उपचार के लिए आए, इसमें 12 हजार 295 व्यक्तियों का मधुमेह, 10 हजार 833 व्यक्ति हायपरटेंशन, 263 व्यक्ति हृदयरोग से ग्रसित पाया गया। जिसको बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराया गया। वर्तमान में जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को भी शामिल कर उच्च रक्तचाप जांच की सुविधा सुनिश्चित किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं सहित 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का स्क्रीनिंग कार्य किया जा रहा है। गैर संचारी रोग पुस्तिका तैयार कर राज्य के सभी 66 हजार मितानीनों को प्रशिक्षण दिया गया।
क्रमांक-780/ओम