रायपुर, 29 मई 2017
छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू की अध्यक्षता में यहां आयोग की सामान्यसभा की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर बजरंग विद्यालय अभनपुर के कक्षा 12वीं के एक गरीब छात्र रितेश कुमार विश्वकर्मा को आयोग की ओर से पुस्तकें, शालेय गणवेश और 2100 रूपए की प्रोत्साहन राशि भेंट की गई।
छात्र रितेश ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बताया कि पिता नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक अभाव का सामना करना पड़ रहा है और वे पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाईम मजदूरी भी कर रहें हैं। अध्यक्ष डॉ. साहू ने छात्र की प्रतिभा और आवश्यकता को देखते हुए भविष्य में भी उन्हें आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया। बैठक में छत्तीसगढ़ में निवासरत नान क्रिमीलेयर के अभ्यार्थियों को उनके अधिकार में वंचित नहीं किए जाने के लिए आवश्यक विचार-विमर्श किया गया तथा क्रिमीलेयर के नापदण्ड के निर्धारण में लगातार आ रहे अभ्यावेदनों को ध्यान में रखकर शंकाओं के समाधान के लिए शासन से जारी किए गए निर्देशों के सरलीकरण की जरूरत बताई गई और इसके लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में आयोग के सदस्यों ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अनुजाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की दरों में समानता की जरूरत बताई और इस संबंध में शासन को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि विभिन्न समाजों द्वारा पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने और सूची से विलोपित करने के लिए आयोग को आवेदन दिए गए हैं। इन आवेदनों का परीक्षण किया गया। धोबी समाज के आवेदन के परीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि इस समाज को देश के 17 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों तथा मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन और सिहोर जिलों में अनुसूचित जाति में स्थापित किया गया है। आयोग ने इस विषय पर विचार-विमर्श के बाद उनका आवेदन नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य शासन तथा अनुसूचित जाति आयोग को भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में आयोग के सदस्य सर्व श्री प्रहलाद रजक, भुनेश्वर सिंह केसर, दिलीप दीवान, ईश्वर पटेल, डॉ. सुखनंदन सोनकर, किशुन लाल कश्यप, आदिमजाति अनुसूचित जाति विभाग के उपायुक्त श्री ए.एल. नवरंग, आयोग के सचिव श्री बी.आर. साहू सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
छात्र रितेश ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बताया कि पिता नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक अभाव का सामना करना पड़ रहा है और वे पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाईम मजदूरी भी कर रहें हैं। अध्यक्ष डॉ. साहू ने छात्र की प्रतिभा और आवश्यकता को देखते हुए भविष्य में भी उन्हें आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया। बैठक में छत्तीसगढ़ में निवासरत नान क्रिमीलेयर के अभ्यार्थियों को उनके अधिकार में वंचित नहीं किए जाने के लिए आवश्यक विचार-विमर्श किया गया तथा क्रिमीलेयर के नापदण्ड के निर्धारण में लगातार आ रहे अभ्यावेदनों को ध्यान में रखकर शंकाओं के समाधान के लिए शासन से जारी किए गए निर्देशों के सरलीकरण की जरूरत बताई गई और इसके लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में आयोग के सदस्यों ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अनुजाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की दरों में समानता की जरूरत बताई और इस संबंध में शासन को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि विभिन्न समाजों द्वारा पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने और सूची से विलोपित करने के लिए आयोग को आवेदन दिए गए हैं। इन आवेदनों का परीक्षण किया गया। धोबी समाज के आवेदन के परीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि इस समाज को देश के 17 राज्यों और तीन केन्द्र शासित प्रदेशों तथा मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन और सिहोर जिलों में अनुसूचित जाति में स्थापित किया गया है। आयोग ने इस विषय पर विचार-विमर्श के बाद उनका आवेदन नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य शासन तथा अनुसूचित जाति आयोग को भेजने का निर्णय लिया गया।
बैठक में आयोग के सदस्य सर्व श्री प्रहलाद रजक, भुनेश्वर सिंह केसर, दिलीप दीवान, ईश्वर पटेल, डॉ. सुखनंदन सोनकर, किशुन लाल कश्यप, आदिमजाति अनुसूचित जाति विभाग के उपायुक्त श्री ए.एल. नवरंग, आयोग के सचिव श्री बी.आर. साहू सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
क्रमांक-952/कोसरिया