पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह संपन्न
रायपुर 09 मई 2017
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि एवं प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. आशीष दत्ता, समारोह के अध्यक्ष कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन, अति विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में आज विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि एवं स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, रायपुर के सांसद श्री रमेश बैस, कुलपति डॉ. एस.के. पाण्डेय सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।
समारोह में प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मभूषण सम्मानित प्रो. आशीष दत्ता ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि युवा ही देश का भविष्य हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि जो भी काम करो, दिल से करो और अपने स्वयं के बनाए हुए रास्ते पर चलो। उन्होंने कहा कि हमेशा कुछ नया काम, नया अनुसंधान करने की कोशिश करें। किसी भी कार्य को मेहनत और लगन से करें तो अवश्य ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।
राज्यपाल श्री टंडन ने इस अवसर पर उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केवल डिग्री हासिल करने से सफलता नहीं मिलती। स्कूल कॉलेज के अनेक इम्तिहान उत्तीर्ण करने के बाद अब सबको जिंदगी का इम्तिहान देना है। इस इम्तिहान के लिए अभी तक जो भी ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि संघर्ष एवं कठिनाईयों से ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन में कभी भी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए, बाधाओं से घबराना नहीं चाहिए, उनका हमेशा हंसकर मुकाबला करना चाहिए। अनेक लोग सफलता मिलने के बाद लापरवाह हो जाते हैं। कुछ लोग जिंदगी की राह में चलने के पहले ही हार मान लेते हैं। उन्होंने युवाओं का जोश के साथ आह्वान किया कि युवावस्था हमेशा नहीं रहती, इसलिए इसका समुचित उपयोग करना चाहिए।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि विद्या धन सर्वोत्तम धन होता है और यह बांटने से बढ़ता है। आपकी सफलता से आपके विश्वविद्यालय का भी नाम रोशन होगा। उन्होंने कहा कि हमेशा प्रदेश और देश के विकास में योगदान दें क्योंकि जब देश मजबूत होगा, तभी हम सब भी मजबूत होंगे। उन्होंने छात्राओं को अधिक संख्या में स्वर्ण पदक मिलने पर खुशी व्यक्त की।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबके दमकते हुए चेहरे और आत्मविश्वास से भरी चाल को देखकर मैं आश्वस्त हो गया हूं कि प्रदेश का भविष्य मजबूत कंधों पर है। उन्होंने कहा कि आपमें विवेक, ज्ञान और प्रतिभा का भंडार है। अब डिग्री प्राप्त करने के बाद आपकी समाज, राज्य और राष्ट्र के प्रति जवाबदेही है। यहां से आप दायित्व बोध लेकर जाएंगे और समाज की उन्नति के लिए कार्य करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि आप जहां भी जाएं, अनुशासित रहकर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हजारों प्रतिभाएं यहां से निकल कर पूरे देश में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां नवीनतम शोध होते रहेंगे। उन्होंने डिग्री और पदक प्राप्त विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को भी बधाई दी। डॉ. सिंह ने विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड मिलने पर बधाई दी और कहा कि सबकी मेहनत से यह संभव हो सका है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि युवा यदि दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ कोई भी कार्य करें तो वे हर ऊंचाई छू सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत यहां के युवा हैं और उनसे सभी को बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सतत् प्रयास कर रही है। समारोह के प्रारंभ में कुलपति डॉ. एस. के. पाण्डे ने प्रास्ताविक भाषण दिया। विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. दत्ता को डी.एस.सी. की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर 120 विद्यार्थियों को पी.एच.डी. एवं 66 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। इस अवसर पर कुल सचिव श्री धर्मेश कुमार साहू, सभी संकायों के डीन, प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण एवं पालकगण उपस्थित थे।
समारोह में प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मभूषण सम्मानित प्रो. आशीष दत्ता ने दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि युवा ही देश का भविष्य हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि जो भी काम करो, दिल से करो और अपने स्वयं के बनाए हुए रास्ते पर चलो। उन्होंने कहा कि हमेशा कुछ नया काम, नया अनुसंधान करने की कोशिश करें। किसी भी कार्य को मेहनत और लगन से करें तो अवश्य ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।
राज्यपाल श्री टंडन ने इस अवसर पर उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि केवल डिग्री हासिल करने से सफलता नहीं मिलती। स्कूल कॉलेज के अनेक इम्तिहान उत्तीर्ण करने के बाद अब सबको जिंदगी का इम्तिहान देना है। इस इम्तिहान के लिए अभी तक जो भी ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि संघर्ष एवं कठिनाईयों से ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन में कभी भी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए, बाधाओं से घबराना नहीं चाहिए, उनका हमेशा हंसकर मुकाबला करना चाहिए। अनेक लोग सफलता मिलने के बाद लापरवाह हो जाते हैं। कुछ लोग जिंदगी की राह में चलने के पहले ही हार मान लेते हैं। उन्होंने युवाओं का जोश के साथ आह्वान किया कि युवावस्था हमेशा नहीं रहती, इसलिए इसका समुचित उपयोग करना चाहिए।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि विद्या धन सर्वोत्तम धन होता है और यह बांटने से बढ़ता है। आपकी सफलता से आपके विश्वविद्यालय का भी नाम रोशन होगा। उन्होंने कहा कि हमेशा प्रदेश और देश के विकास में योगदान दें क्योंकि जब देश मजबूत होगा, तभी हम सब भी मजबूत होंगे। उन्होंने छात्राओं को अधिक संख्या में स्वर्ण पदक मिलने पर खुशी व्यक्त की।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबके दमकते हुए चेहरे और आत्मविश्वास से भरी चाल को देखकर मैं आश्वस्त हो गया हूं कि प्रदेश का भविष्य मजबूत कंधों पर है। उन्होंने कहा कि आपमें विवेक, ज्ञान और प्रतिभा का भंडार है। अब डिग्री प्राप्त करने के बाद आपकी समाज, राज्य और राष्ट्र के प्रति जवाबदेही है। यहां से आप दायित्व बोध लेकर जाएंगे और समाज की उन्नति के लिए कार्य करेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि आप जहां भी जाएं, अनुशासित रहकर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हजारों प्रतिभाएं यहां से निकल कर पूरे देश में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां नवीनतम शोध होते रहेंगे। उन्होंने डिग्री और पदक प्राप्त विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को भी बधाई दी। डॉ. सिंह ने विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड मिलने पर बधाई दी और कहा कि सबकी मेहनत से यह संभव हो सका है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि युवा यदि दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ कोई भी कार्य करें तो वे हर ऊंचाई छू सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत यहां के युवा हैं और उनसे सभी को बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सतत् प्रयास कर रही है। समारोह के प्रारंभ में कुलपति डॉ. एस. के. पाण्डे ने प्रास्ताविक भाषण दिया। विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. दत्ता को डी.एस.सी. की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर 120 विद्यार्थियों को पी.एच.डी. एवं 66 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। इस अवसर पर कुल सचिव श्री धर्मेश कुमार साहू, सभी संकायों के डीन, प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण एवं पालकगण उपस्थित थे।
क्रमांक:-648/हर्षा