रायपुर, 06 जून 2017
प्रदेश
सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों
में बैंकिंग सुविधाओं की घर-घर तक पहुंच बनाने और गरीब परिवारों तक
बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित कराने के लिए ‘बैंेक सखी मॉडल’ लागू किया है।
बैंक सखी मॉडल के जरिए स्व-सहायता समूहों के सदस्यों की बैंक सखी के रूप
मंे पहचान कर उन्हे आर-सेती कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्रदान की जाती
है। प्रशिक्षण प्राप्त स्व सहायता समूहों के सदस्य लोगों को बैंक से जुड़ने
और बैंक के माधयम से लेन-देन करने के लिए जागरूक करते है। पंचायत एवं
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण
आजीविका मिशन ‘बिहान’ के तहत अब तक 60 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर
सात लाख से अधिक गरीब महिलओं को जोड़ा गया है। इन समूहों के सदस्य पारंपरिक
गतिविधियों का संचालन कर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैंे।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के बिहान कार्यक्रम संचालित 64
विकासखण्डों में से 39 सघन विकासखण्ड में बैंक सखी का पहचान प्राथमिक स्तर
पर किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 15 मई 2017 की स्थिति में 148
बैंक सखी की पहचान की गई है। इनमें से 50 बैंक सखी को आर-सेटी के माध्यम
से प्रशिक्षित कर 25 बैंक सखी को प्लेसड किए गए है।
क्रमांक-1035/ओम