रायपुर, 24 जून 2017
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि
अध्ययन-अध्यापन अच्छा काम है, लेकिन इससे भी बेहतर है इनमें से नवाचार को
खोजकर आम नागरिकों के भलाई के लिए उपयोग मंे लाना। उन्होंने कहा कि मैदानी
अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीण विकास की मुख्य धुरी है। अतः प्रामाणिकता और
ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। श्री चन्द्राकर
ने आज यहां नया रायपुर के ठाकुर प्यारे लाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास
प्रशिक्षण संस्थान निमोरा में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित मुख्य
कार्यपालन अधिकारियों द्वारा सफलता पूर्वक दो वर्ष की परवीक्षा अवधि पूरा
करने पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। श्री चन्द्राकर ने सफलता पूर्वक
परवीक्षा अवधि पूरा करने पर मुख्य कार्यपालल अधिकारियों को उनके बेहतर
भविष्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन
अधिकारियों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना,
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री
आवास(ग्रामीण) योजनाओं पर अपने दो वर्ष अनुभवों को जिसमें योजना में क्या
नया कर सकते है, क्या सुधार किया जा सकता है, समस्याए और चुनौतियां
क्या-क्या है और सफलता कैसे प्राप्त कर सकते है के संबंध में पॉवर पाइंट के
माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि ग्रामीण विकास के
लिए अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा नियमों का भी अनिवार्य रूप से पालन होना
चाहिए। छत्तीसगढ़ में पंचायत राज में ग्राम सभा के महत्व के बारे में
ग्रामीणों को जानकारी होना चाहिए। इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास
विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, सचिव श्री पी.सी. मिश्रा,
संचालक (पंचायत) श्री एस.के. जायसवाल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के
प्रबंध संचालक श्रीमती ऋतु सेन, स्वच्छ भारत मिशन के मिशन संचालक श्री
बिलास राव संदीपन, प्रधानमंत्री आवास, ग्रामीण के अपर आयुक्त श्री शिव अनंत
तायल सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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