महिला उद्घोषक
श्रोताओं नमस्कार!
श्रोताओं नमस्कार!
- आकाशवाणी के विशेष प्रसारण ‘रमन के गोठ’ में हम, सभी श्रोताओं का हार्दिक स्वागत करते हैं, अभिनंदन करते हैं। कार्यक्रम की बाइसवीं कड़़ी के लिए आकाशवाणी के स्टुडियो में माननीय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी पधार चुके हैं।
- डॉक्टर साहब नमस्कार, बहुत-बहुत स्वागत है इस कार्यक्रम में।
मुख्यमंत्री जी
- धन्यवाद। आपका भी और अपने रेडियो व टीवी सेट्स के सामने बैठकर मुझे सुन रहे श्रोताओं का भी।
- जम्मो संगी-जहुंरिया, सियान-जवान, महतारी-बहिनी मन ला जय जोहार।
पुरूष उद्घोषक
- डॉक्टर साहब, विगत माह आपने लोक सुराज अभियान के बारे में अपने बहुत से अनुभव सुनाए थे। अभियान समाप्त होने पर किस तरह की तस्वीर बनी, इस संबंध में अपने विचार श्रोताओं से साझा करना चाहेंगे क्या ?
मुख्यमंत्री जी
- लोक सुराज अभियान 2017 को सबसे बड़े सोशल ऑडिट के रूप में याद किया जाएगा।
- कुल मिलाकर 26 फरवरी से 20 मई तक यह अभियान 84 दिन, 2 हजार 16 घण्टे तक अनवरत चलता रहा। इस दौरान कुल 28 लाख 54 हजार 360 आवेदन आए, जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में 25 लाख 86 हजार 569, शहरी क्षेत्र में 2 लाख 59 हजार 594 और ऑनलाइन 8 हजार 197 आवेदन थे।
- इन आवेदनों के निराकरण का भी कीर्तिमान बना। 93 प्रतिशत अर्थात 26 लाख 55 हजार 833 आवेदनों का निराकरण किया गया।
- अभियान में आकस्मिक निरीक्षण/अवलोकन/समाधान शिविरों के अवसर पर मैंने 10 हजार 757 किलोमीटर की यात्रा पूरी की।
- मैं स्वयं 21 समाधान शिविरों में उपस्थित हुआ, 16 स्थानों पर आकस्मिक निरीक्षण किया, 18 स्थानों पर समीक्षा बैठक की और 17 शहरों में रात्रि विश्राम किया। पूरे अभियान के दौरान मैंने 185 संगठनों तथा 54 सौ जनप्रतिनिधियों से भेंट की।
- लोक सुराज अभियान से यह पता चला कि प्रदेश में लोगों को सर्वाधिक अपेक्षा किस विभाग से है तथा किस तरह की समस्याएं व मांगें उभरकर आई हैं।
- सर्वाधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लिए मिले हैं। इन योजनाओं के प्रति जबरदस्त उत्साह है।
- कोचियाबंदी को लेकर गांवों में बहुत सकारात्मक वातावरण है।
- 98 प्रतिशत गांवों में शराब की दुकानें नहीं हैं।
- नई शराब नीति के कारण प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 27 प्रतिशत तक गिरावट आई है।
- बड़ी संख्या में राशन कार्ड बनाए गए।
- सभी स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
- जिलों में अवलोकन के दौरान यह बात उभर कर आई कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव में शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
- लोक सुराज अभियान के दौरान 187 घोषणाएं की गईं तथा 243 निर्देश जारी किए गए। इनमें से 145 प्रकरणों पर अमल पूर्ण हो गया तथा 285 प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही जारी है।
- हमने अच्छा काम नहीं करने वालों को दंडित किया है और अच्छा काम करने वालों की सराहना की है। 300 से अधिक अधिकारियों तथा कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं दूसरी ओर नगरी जनपद पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सेवानिवृत्ति के पश्चात् एक वर्ष की संविदा नियुक्ति दी गई।
- इस अभियान से जो डेटा बैंक बना है, वह भावी योजनाएं बनाने के काम आएगा। एक बार फिर यह साबित हुआ कि लोक सुराज अभियान, सुशासन की पाठशाला है।
महिला उद्घोषक
- मुख्यमंत्री जी, पिछले महीने आपने 10वीं, 12वीं के अच्छे नतीजों की चर्चा की थी और बच्चों को संबोधित भी किया था। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग के नतीजों में छत्तीसगढ़ के युवाओं का बेहतर प्रदर्शन दिखाई पड़ा है। यह राज्य की योजनाबद्ध कार्य प्रणाली का परिणाम है या युवाओं की अपनी मेहनत और प्रतिभा ?
मुख्यमंत्री जी
- निश्चित तौर पर संघ लोक सेवा आयोग यानी यू.पी.एस.सी. की परीक्षा बहुत प्रतिष्ठापूर्ण होती है। इस परीक्षा से देश को प्रशासनिक लीडर मिलते हैं। यहां से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अनेक बड़े पदों के लिए चयन होता है।
- सबसे पहले तो मैं उन सभी दर्जनभर प्रतिभाशाली युवाओं को बधाई देता हूं, जिन्होंने मेरिट में अपनी जगह बनाई। मेरी शुभकामनाएं हैं कि यू.पी.एस.सी. मंे चयनित सभी युवाओं को अपने कैरियर में भी शानदार सफलता मिले। वे जहां भी काम करें, छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करें।
- मैं आज विशेष तौर पर दक्षिण बस्तर के दूरस्थ जिले दंतेवाड़ा के गीदम में पली-बढ़ी बिटिया नम्रता जैन का अभिनन्दन करना चाहता हूं, जिसने छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक अंक पाए हैं और चयन सूची में प्रथम सौ में शामिल हैं।
- नम्रता बिटिया ने अपनी लगन, मेहनत, प्रतिभा से यह मुकाम हासिल किया है और हमारा बहुत बड़ा सपना पूरा किया है। दक्षिण बस्तर को लेकर अनेक चर्चाओं के बीच नम्रता ने यह साबित किया है कि दक्षिण बस्तर की बेटी आई.ए.एस. हो सकती है, कलेक्टर बन सकती है। और उसने एक अद्भुत चेतना का संचार बस्तर के साथ ही पूरे प्रदेश में किया है।
- नम्रता के माता-पिता और उनका परिवार बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने उसे अच्छे संस्कार और आत्मविश्वास दिया। दंतेवाड़ा की स्कूल ‘निर्मल निकेतन’ को भी साधुवाद, कि उसने अपनी एक छात्रा को इस तरह से तैयार किया, कि वह अखिल भारतीय प्रतियोगिता में मुकाबला कर सके।
- नम्रता ने यह साबित किया है कि जहां चाह है, वहां राह निकलती है।
- हम अक्सर कहते हैं कि अबूझमाड़ हो या सुकमा, बीजापुर हो, दंतेवाड़ा या नारायणपुर, ऐसे दूरस्थ, दुर्गम अंचलों से बच्चे
- आई.आई.टी., एन.आई.टी. में जा रहे हैं। हमारी बात को नम्रता ने आगे बढ़ाया है।
- बस्तर में हमारी संस्थाएं किस तरह बेहतर काम कर रही हैं, इसका भी एक उदाहरण इस बीच में निकलकर आया। नम्रता जब साक्षात्कार की तैयारी के लिए दिल्ली की एक संस्था पहुंची तो उसे वहां बताया गया कि दंतेवाड़ा में रहकर भी आप, जिला प्रशासन की पहल से संचालित संस्था ‘लक्ष्य’ की मदद ले सकती हैं। और उनका कहना मानकर नम्रता ने दंतेवाड़ा में रहकर ही साक्षात्कार की तैयारी की।
- इसलिए मैं ‘लक्ष्य’ संस्था और दंतेवाड़ा जिले के अधिकारियों को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने भी अपना योगदान दिया और नम्रता की तैयारी कराई।
- इस तरह नम्रता आज एक ‘रोल मॉडल’ बन गई है, जिससे प्रदेश की अन्य बेटियों को, दूर गांवों और कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
पुरूष उद्घोषक
- माननीय मुख्यमंत्री जी, यू.पी.एस.सी. में चयनित युवाओं को राज्य की अन्य संस्थाओं से भी कोई मदद मिली है क्या? क्योंकि नम्रता के अलावा भी 11 युवाओं का चयन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी
- यह बहुत ही गौरव का विषय है कि इस बार हमारे युवाओं ने अच्छी संख्या में सफलता पाई है। डॉ. दीपक शुक्ला, अभिषेक अग्रवाल, अरिहन्त सिंगी, शशांक शेखर, चन्द्रकांत वर्मा, अजय अग्रवाल, नवीन सोनी, डॉ. गगन गिरि गोस्वामी, लाल दास, अदिति पटेल, डॉ. पीयूष लहरे, ये सभी छत्तीसगढ़ के नए सितारे हैं। इन सभी ने अपनी परिस्थितियों से संघर्ष किया है और एक मुकाम हासिल किया है। मैं इन सभी युवाओं का अभिनन्दन करता हूं।
- आपको यह जानकर खुशी होगी कि यूपीएससी में सफल होने वाले युवाओं में ‘छत्तीसगढ़ ट्रायबल यूथ हॉस्टल’ नई दिल्ली में रहकर पढ़ने वाले लाल दास मूलतः ग्राम परसाही, खैरागढ़ के निवासी हैं, लेकिन उनके पिता श्री गणपत दास भिलाई स्टील प्लांट में ठेका श्रमिक थे। लाल दास ने नायब तहसीलदार रहते हुए परीक्षा की तैयारी की। जब उन्होंने नौकरी शुरू की तो अपने पिता को अपने साथ ले आए और अब माता-पिता के साथ ही रहते हैं।
- डॉ. पीयूष लहरे डोंगरगढ़ के निवासी हैं। उनके पिता श्री पुरूषोत्तम दास भी भिलाई स्टील प्लांट में ऑपरेटर थे। पीयूष ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, छुईखदान में नौकरी करते हुए परीक्षा की तैयारी की। और साक्षात्कार की तैयारी के समय दिल्ली के यूथ हॉस्टल में रहे।
- गगन गिरि गोस्वामी भी ग्रामीण पृष्ठभूमि और कृषक परिवार से हैं। उनके पिता श्री नरेन्द्र गिरि गोस्वामी मुंगेली जिले के लोरमी निवासी हैं।
- इसके अलावा दिल्ली में ट्रायबल यूथ हॉस्टल में रहकर तैयारी करने वाले 30 युवा राज्य प्रशासनिक सेवा में सफल हुए हैं।
- वैसे तो प्रतिभा किसी सहारे की मोहताज नहीं होती, लेकिन हमारे प्रदेश के जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं हैं, वे अच्छे प्रशिक्षण और सुविधाओं की कमी के कारण पिछड़ न जाएं, इसलिए हमने दिल्ली में ‘उत्कर्ष’ के नाम से यह ट्रायबल हॉस्टल संचालित किया है, जहां प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की कोचिंग दी जाती है। जहां कोचिंग, आवास, भोजन जैसी सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
- मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी है कि युवाओं ने हमारी सोच को सही साबित करके दिखाया है।
महिला उद्घोषक
- माननीय मुख्यमंत्री जी, 21 जून फिर आ रहा है। हमारे प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से हम योग को विश्व मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने में सफल हुए हैं। इस वर्ष तीसरा अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस अवसर पर आप अपने श्रोताओं को क्या कहना चाहेंगे?
मुख्यमंत्री जी
- मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को एक बार फिर साधुवाद देता हूं कि उन्होंने हमारे योग को अन्तरराष्ट्रीय गौरव का विषय बना दिया।
- इस वर्ष हम तीसरा अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं, जिसे लेकर माननीय मोदी जी ने यह आव्हान किया है कि इस तृतीय विश्व योग दिवस को यादगार बनाने के लिए एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां एक साथ योग करें।
- दादा-दादी या नाना-नानी के साथ माता-पिता और बच्चे मिलकर योग करें तो इससे तीन पीढ़ी एक साथ जुटेगी।
- इस तरह हम योग को सेहत के साथ सम्बन्धों का माध्यम भी बना सकते हैं।
- योग वास्तव में निरोग रहने की कला है। योग अपने आपको तरो-ताजा और प्रसन्नचित्त बनाए रखने का जरिया है। इससे हम अपने तन और मन के साथ विचारों को भी जोड़ते हैं। और इस तरह अन्तरात्मा की शुद्धि भी करते चलते हैं।
- सोचिए, कि नियमित रूप से योग करने से आपका परिवार, बच्चे तेजस्वी बनेंगे तो इसका कितना फायदा होगा।
- ‘प्रिवेंटिव हेल्थ केयर’ से एक ओर जहां हम दवाओं पर होने वाला खर्च बचाते हैं, वहीं बीमारी से होने वाले सैकड़ों तरह के नुकसान भी बचाते हैं।
- मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ में हमने स्कूल स्तर से योग शिक्षा देने की व्यवस्था की है। योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। योग को लेकर हर उम्र, हर वर्ग के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। और शासकीय, अर्द्धशासकीय, स्वयंसेवी संगठनों को हमने योग के लिए काम करने हेतु प्रेरित किया है।
- 21 जून को हमारे राज्य में योग का बड़ा ही उत्साहजनक वातावरण दिखाई पड़ेगा। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि आप जहां कहीं भी हों, योग जरूर करें। और 21 जून के योग दिवस को शानदार सफलता दिलाएं।
- माननीय मोदी जी ने कहा है कि तीन पीढ़ियां योग करते हुए अपनी तस्वीर 'NarendraModiApp' पर, ‘ MyGov’ पर भेजें।
पुरूष उद्घोषक
- डॉ. साहब, इस साल अच्छे मानसून की भविष्यवाणी की गई है। वास्तव में अच्छा मानसून किसान भाई-बहनों और उनके परिवारजनों के लिए एक वरदान की तरह ही है। बारिश का मौसम उम्मीदों का मौसम होता है। खुशियों के बीज बोने का मौसम होता है। क्या तैयारी है सरकार की?
मुख्यमंत्री जी
- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार एक निर्धारित समय-सीमा में किसानों की आय दोगुनी करने का आव्हान किया है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है और कृषि लागत कम करने, कृषि उत्पादन बढ़ाने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
- हमारे प्रदेश में खरीफ मौसम में ही सबसे ज्यादा खेती होती है। अच्छे मानसून से धान की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। परम्परागत रूप से ज्यादातर किसान भाई धान की फसल लेते हैं।
- इस वर्ष खरीफ 2017 में 48 लाख हेक्टेयर रकबे में बोनी का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 36 लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान बोया जाएगा।
- लगभग 4 लाख हेक्टेयर में दलहन, 3 लाख हेक्टेयर से अधिक में तिलहन तथा लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में साग-सब्जी, गन्ना आदि लगाने का कार्यक्रम बनाया गया है।
- इस तरह इस वर्ष अनाज, दलहन, तिलहन, साग-सब्जी मिलाकर 91 लाख 76 हजार मीट्रिक टन फसल का उत्पादन अनुमानित है।
- मैं अन्नदाताओं से यह कहना चाहता हूं कि आप अपना काम बिना किसी चिंता के करें। हमने उनके लिए सारी व्यवस्थाएं कर ली हैं।
- किसानों की मदद के लिए 7 लाख 45 हजार क्विंटल बीजों का भण्डारण किया गया है। इसी तरह 10 लाख 65 हजार मीट्रिक टन खाद का इंतजाम भी किया गया है, ताकि किसानों को खाद-बीज समय पर मिल सके।
- हम किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण दे रहे हैं। खरीफ मौसम के लिए 3 हजार 200 करोड़ रू. का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह नगद तथा कृषि आदान सामग्री की सुगम व्यवस्था भी की गई है।
- इसके तहत क्षेत्रवार माटी और जलवायु के अनुरूप विशिष्ट फसल को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- उदाहरणस्वरूप सरगुजा संभाग में जवाफूल, विष्णुभोग, लक्ष्मीभोग, टाऊ, रामतिल, कोदो, बस्तर संभाग में बादशाह भोग, रेड राइस, लघु धान्य फसलें रामतिल एवं कुल्थी तथा मैदानी क्षेत्रों में दुबराज, विष्णुभोग, तुलसी मंजरी, लाल झुनगा एवं कुल्थी को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि अच्छी किस्म की उपज हो, जिसे बाजार में ऊंचा दाम मिले।
- इसी प्रकार मिट्टी और जलवायु के अनुसार जिलावार, क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाई गई है।
- मिट्टी की जांच के लिए हमने ‘मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन योजना’ संचालित की है, जिसके तहत प्रथम चरण में 40 लाख किसानों की खेती की जमीन की जांच करके ‘मिट्टी स्वास्थ्य पत्र’ दिया जा चुका है।
- मैं किसान भाइयों से अपील करता हूं कि हर दो साल में अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराएं और स्वास्थ्य पत्रक में की गई अनुशंसा के आधार पर खाद और सूक्ष्म पोषक तत्व डालें।
- भारत सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के अनुसार मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है। अतः जिन किसान भाइयों ने अभी तक अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया है, वे बनवा लें।
महिला उद्घोषक
- माननीय मुख्यमंत्री जी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए भी क्या अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए? बारिश के साथ संक्रमण और बीमारियों का एक दौर भी आता है। ऐसे में लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए? और सरकार ने क्या इंतजाम किया है?
मुख्यमंत्री जी
- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के लिए जो फसल बीमा योजना लागू की है, वह सिर्फ बारिश न होने से संबंधित नहीं है, उसका बहुत व्यापक दायरा है। खेतों पर खड़ी या खलिहानों पर रखी फसल को आग, पानी व अन्य तरह से सुरक्षा देने के लिए भी यह योजना एक वरदान है।
- इस योजना में नाममात्र की दर 2 प्रतिशत प्रीमियम देकर ही पूरी फसल का बीमा कराया जाता है।
- प्रदेश में धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, अरहर, मूंग, उड़द, उद्यानिकी फसल को बीमा के दायरे में लाया जा चुका है।
- ऋण लेने वाले किसानों के अलावा अऋणी किसान अर्थात् जो किसान कर्ज नहीं लेते और जिसमें भू-धारक तथा बटाईदार भी शामिल हैं, सभी को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिया जा रहा है।
- विगत वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर राज्य में 16 लाख से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिला, जिसके लिए कुल 340 करोड़ रू. की राशि प्रीमियम के रूप में सरकार द्वारा दी गई, जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की भागीदारी होती है।
- इस वर्ष भी फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिलाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
- ऋणी किसानों का बीमा तो संबंधित बैंक से हो जाता है, लेकिन गैर-ऋणी किसानों को आवेदन करना पड़ता है। अतः गैर-ऋणी किसान भाई सावधानी बरतते हुए, समय पर आवेदन कर दें।
- बाढ़ जैसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। राज्य आपदा प्रबंधन बल को सतर्क कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में 72 बोट दी गई हैं। सभी संभागीय मुख्यालयों में ‘आपदा प्रबंधन बल’ की तैनाती की गई है, जो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिलों में उपलब्ध अमले के साथ समन्वय करेंगे। समस्त जिला मुख्यालयों के साथ ही राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी सतर्क रहेगा।
- बारिश के मौसम में होने वाले संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की गई है। इस दौरान पीने के लिए उबला हुआ या अन्य तरीकों से स्वच्छ किया गया पानी पीना चाहिए। पास-पड़ोस की जगहों में तो सफाई रखना ही चाहिए साथ ही अपने शरीर पर भी ध्यान देना चाहिए। किसी भी तरह से अस्वस्थ होने पर शीघ्र चिकित्सकों की सलाह लेनी चाहिए।
- प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में विशेष निर्देश दिए गए हैं ताकि कहीं भी संक्रामक बीमारी फैल न पाए।
- जहां रेनवाटर हार्वेस्टिंग की प्रणाली नहीं लगी है, वहां तत्काल लगाना चाहिए और जहां लगी है, वहां पहली बारिश के पानी से छत धुलने के बाद इसका उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
पुरूष उद्घोषक
- श्रोताओं! आपकी प्रतिक्रियाएं हमें आपके पत्र, सोशल मीडिया- फेसबुक, ट्विटर के साथ SMS से भी बड़ी संख्या में मिल रही हैं। इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद।
- आगे भी आप अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में RKG के बाद स्पेस लेकर अपने विचार लिखकर 7668-500-500 नम्बर पर भेजते रहिए और संदेश के अंत में अपना नाम और पता लिखना ना भूलें।
मुख्यमंत्री जी
- सोशल मीडिया तथा पत्रों के माध्यम से बहुत से श्रोताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और शादी-ब्याह पर होने वाले खर्च पर अंकुश लगाने का समर्थन किया है।
- श्री सुरेश चंद्राकर ने लिखा है कि समृद्ध और समर्थ लोग दिखावा बंद करेंगे तो समाज पर जल्दी असर होगा।
- श्री खूबचंद पारख, डॉ. आशुतोष तिवारी, श्री महेन्द्र सिंह, डॉ. खेमराज सोनवानी ने युवाओं को आगे बढ़कर शादी-ब्याह तथा अन्य सामाजिक-मांगलिक कार्यक्रमों को सादगी से करने की बात कही है।
- श्री अवधेश दुबे ने भू-जलस्तर को गिरने से रोकने के लिए रेनवाटर हार्वेस्ंिटग के लिए सरकार सहित समाज के अन्य लोगों से गंभीर प्रयास करने का अनुरोध किया है।
- मैं सभी से अपील करता हूं कि पानी और हरियाली के लिए हर संभव मदद करें। बारिश के मौसम का भरपूर उपयोग जल संवर्धन और पेड़-पौधे लगाने में करें।
- मैं आप सबको याद दिलाना चाहूंगा कि जुलाई से पूरे छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण का एक महाअभियान हम चलाने वाले हैं। जहॉ गांव-गांव में, स्कूलों में, आंगनवाड़ी में, खुली जगहांे में, मैदानों में और सभी 27 जिलों में यह अभियान चलेगा।
- जिसमें हमारा लक्ष्य है इस बार 8 करोड़ से ज्यादा पौधा लगाने का, आप सब इसके लिये तैयार रहें। हमारी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने के लिए आप सबका योगदान हो, समूह में जो वृक्षारोपण के कार्यक्रम में सम्मिलित होता है, उन सबको पहले से ही उनकी जानकारी जिला कलेक्टर को देनी चाहिये।
- इस अभियान को हम 1 जुलाई से प्रारम्भ करके अगस्त के दूसरे सप्ताह तक चलायेंगे। आप सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ का और देश का सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान सफल होगा। हम 8 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य पूरा करेंगे और आप सबके सहयोग से छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने में हम सफल होंगे।
- आप सबको धन्यवाद
महिला उद्घोषक
- और श्रोताओं, अब बारी है ‘क्विज’ की।
- तेरहवें ‘क्विज’ का प्रश्न था-
- वर्ष 2017 को पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का कौन सा वर्ष मनाया जा रहा है ?
- जिसका सही जवाब है- (B) शताब्दी वर्ष
- सबसे जल्दी जिन पांच श्रोताओं ने सही जवाब भेजे हैं, उनके नाम हैं-
1. श्री अंकित जायसवाल, सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम
2. श्री प्रीतम दास, पंचशील नगर, रायपुर
3. श्री अजय प्रधान, सरायपाली, जिला गरियाबंद
4. यशवंत जायसवाल, सीपत, जिला बिलासपुर
5. कुमारी गरिमा, पुरानी बस्ती, रायपुर
पुरूष उद्घोषक
2. श्री प्रीतम दास, पंचशील नगर, रायपुर
3. श्री अजय प्रधान, सरायपाली, जिला गरियाबंद
4. यशवंत जायसवाल, सीपत, जिला बिलासपुर
5. कुमारी गरिमा, पुरानी बस्ती, रायपुर
पुरूष उद्घोषक
- और श्रोताओं अब समय है चौदहवंे क्विज का, सवाल है-
- पहला ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ कब मनाया गया ?
- इसका सही जवाब (A) सन् 2015
- (B) सन् 2016
इनमें से कोई एक है।
- अपना जवाब देने के लिए, अपने मोबाइल के मैसेज बॉक्स में फ। लिखें और स्पेस देकर A या B जो भी आपको सही लगे, वह एक अक्षर लिखकर 7668-500-500 नम्बर पर भेज दें। साथ में अपना नाम और पता अवश्य लिखें।
- आप सब ‘रमन के गोठ’ सुनते रहिए और अपनी प्रतिक्रियाआंे से हमें अवगत कराते रहिए। इसी के साथ आज के अंक का हम यहीं समापन करते हैं। अगले अंक में 9 जुलाई को होगी आपसे फिर मुलाकात। तब-तक के लिए दीजिए हमें इजाजत। नमस्कार।