रायपुर, 30 मई 2017
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक परिचर्चा में कहा- महिला सशक्तिकरण की दिशा में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
राज्य में लगभग 80 हजार महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पूरक - पोषण आहार योजना, मध्यान्ह भोजन सहित राशन दुकानों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। भारत का पहला वन स्टॉप सेंटर राज्य राजधानी रायपुर में प्रारम्भ हुआ। परिचर्चा में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम् और छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय ने भी हिस्सा लिया।
श्रीमती रमशिला साहू ने परिचर्चा में छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, राज्य में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के लिए प्रतिवर्ष 4 हजार से ज्यादा महिला जागृति शिविर आयोजित किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ महिला कोष के जरिए महिला स्व - सहायता समूहों को सिर्फ 3 प्रतिशत ब्याज दर पर विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी तक 20 हजार से अधिक महिला स्व - सहायता समूहों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
श्रीमती साहू ने कहा कि, देश की स्वतंत्रता के पश्चात समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड घर की वरिष्ठ महिला के नाम पर जारी किए जा रहे हैं। त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में महिला एवं पुरूषों का अनुपात तुलनात्मक रूप से बहुत अच्छा है। हमारे यहां यह 991 अनुपात 1000 है, जबकि भारत का औसत अनुपात 940 है। इस अनुपात में और सुधार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नोनी सुरक्षा योजना लागू की गई है, जिसमें गरीब परिवारों में बेटियों के जन्म पर प्रत्येक बेटी के नाम से पांच साल तक पांच-पांच हजार रूपए सरकार द्वारा बैंक में जमा किए जाते हैं। पंजीकृत बलिका का 18 वर्ष तक विवाह न होने एवं कक्षा 12 वीं तक शिक्षा पूर्ण होने पर उन्हें एक लाख रूपए देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना अधिकतम दो बेटियों के लिए लागू है।
राज्य में लगभग 80 हजार महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पूरक - पोषण आहार योजना, मध्यान्ह भोजन सहित राशन दुकानों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। भारत का पहला वन स्टॉप सेंटर राज्य राजधानी रायपुर में प्रारम्भ हुआ। परिचर्चा में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ललिता कुमारमंगलम् और छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय ने भी हिस्सा लिया।
श्रीमती रमशिला साहू ने परिचर्चा में छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, राज्य में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के लिए प्रतिवर्ष 4 हजार से ज्यादा महिला जागृति शिविर आयोजित किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ महिला कोष के जरिए महिला स्व - सहायता समूहों को सिर्फ 3 प्रतिशत ब्याज दर पर विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी तक 20 हजार से अधिक महिला स्व - सहायता समूहों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
श्रीमती साहू ने कहा कि, देश की स्वतंत्रता के पश्चात समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड घर की वरिष्ठ महिला के नाम पर जारी किए जा रहे हैं। त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में महिला एवं पुरूषों का अनुपात तुलनात्मक रूप से बहुत अच्छा है। हमारे यहां यह 991 अनुपात 1000 है, जबकि भारत का औसत अनुपात 940 है। इस अनुपात में और सुधार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नोनी सुरक्षा योजना लागू की गई है, जिसमें गरीब परिवारों में बेटियों के जन्म पर प्रत्येक बेटी के नाम से पांच साल तक पांच-पांच हजार रूपए सरकार द्वारा बैंक में जमा किए जाते हैं। पंजीकृत बलिका का 18 वर्ष तक विवाह न होने एवं कक्षा 12 वीं तक शिक्षा पूर्ण होने पर उन्हें एक लाख रूपए देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना अधिकतम दो बेटियों के लिए लागू है।
क्रमांक-965/स्वराज्य